Sanjana Kirodiwal

हाँ ये मोहब्बत है – 31

Haan Ye Mohabbat Hai – 31

अक्षत और मीरा एक दूसरे की बांहो में कैद छत पर खड़े थे। सर्द मौसम की ठंडी हवाएं उन्हें छूकर गुजर रही थी। अक्षत मीरा से जितना दूर रह रहा था , मीरा के लिए उसका प्यार उतना ही बढ़ता जा रहा था। मीरा अक्षत से दूर हुई तो अक्षत ने उसके चेहरे को अपने हाथो में थामते हुए कहा,”मीरा मुझसे वादा करो की हमेशा मेरी नजरो के सामने रहोगी , ये दो दिन तुम्हारे बिना वैसे ही थे जैसे बीते दो साल ,, तुमसे दूर जाना ऐसा लगता है जैसे मेरी जान,,,,,,,,,,,,,,!!”
“श्श्श्श ऐसी बातें क्यों करते है आप ?”,मीरा ने अक्षत के होंठो पर अपनी ऊँगली रखते हुए कहा तो अक्षत ने उसका हाथ थाम लिया और कहने लगा,”मीरा तुम्हारा मेरी जिंदगी में आना क्या है ये मैं तुम्हे वर्ड्स में नहीं बता सकता बस इतना कहूंगा की अक्षत तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं है , तुम मेरा भाग्य ही , तुम मेरे मुस्कुराने की वजह हो , तुम मेरी ख़ुशी , मेरी जिंदगी , मेरा सुकून हो”
“हम वादा करते है हमेशा आपके साथ रहेंगे , हमारे होते हुए आपके होंठो से ये मुस्कान कभी कम नहीं होगी”,मीरा ने अक्षत के गाल को छूकर प्यार से कहा
अक्षत कुछ देर मीरा की आँखों में देखता रहा और फिर गालों पर आये बालों को धीरे से मीरा के कान के पीछे करते हुए कहा,”तबियत ठीक है ना तुम्हारी ? और डॉक्टर ने जो दवा दी वो वक्त पर ले रही हो न ?”

“हाँ बाबा हम सब कर रहे है आप को हमारी इतनी फ़िक्र भी नहीं करनी चाहिए की हमारी आदत बिगड़ जाये”.मीरा ने अक्षत के शर्ट की कोलर सही करते हुए कहा और फिर अक्षत का हाथ थामे उसे लेकर झूले के पास चली आयी। झूले के एक कोने पर मीरा जा बैठी और दूसरे पर अक्षत उसने मुस्कुरा कर मीरा की ओर देखा और फिर अपना सर उसकी गोद में टिका लिया। मीरा मुस्कुराते हुए उसके बालों में उंगलिया घुमाने लगी और कहने लगी,”याद है अक्षत जी पहले जब कोई आपके बालों को छूता था तो कैसे आप चिढ जाते है पर अब नहीं”
“तुम्हारे साथ रहकर तुम्हारी तरह हो गया मीरा , पहले बहुत गुस्सा था मुझमे पर जब से तुम मिली हो तबसे वो गुस्सा कही दब सा गया है। पहले देर तक सोना , रात रात भर घर से बाहर रहना , किसी से बात ना करना , फॅमिली फंक्शन से दूर रहना , कॉफी पर कॉफी , सिगरेट पर सिगरेट,,,,,,,,,,,,,,तुमसे पहले मेरा कमरा ही मेरी दुनिया था मैं हफ्तों हफ्तों तक नीचे नहीं जाता था,,,,,,,,,,,,,लेकिन तुमने मुझे बदल दिया मीरा”
“उसके लिए आपको हमे थैंक्यू कहना चाहिए , अब देखिये खुद को कितने अच्छे लगते है मुस्कुराते हुए वरना पहले तो आपको देखकर ही डर था पता नहीं कब किस बात पर आप गुस्सा हो जाये।”,मीरा ने कहा
“हम्म्म थैंक्यू तो बनता है एक मिनिट”,कहते हुए अक्षत थोड़ा सा ऊपर उठा और मीरा के होंठो को अपने होंठो से छूकर कहा,”थैंक्यू”
“क्या कर रहे है किसी ने देखा तो”,मीरा ने कहा
“मीरु मैंने तुमसे शादी की है मेरा हक़ बनता है , और शादी इसलिए नहीं की के मैं सबसे डरता फिरू”,अक्षत ने मीरा के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा
“आपको भला कौन डरा सकता है ?”,मीरा ने कहा
“मजबूत से मजबूत इंसान भी किसी ना किसी चीज से डरता है मीरा , हर इंसान को किसी न किसी को खोने का डर रहता है जैसे मुझे है मैं कभी माँ को खोना नहीं चाहता”,अक्षत ने थोड़ा भावुक होते हुए कहा
“पता है आप हमें इतना ज्यादा क्यों पसंद हो ?”,मीरा ने अक्षत की आँखों में देखते हुए पूछा
“क्यों ?”,अक्षत ने पूछा
“क्योकि आप माँ से बहुत प्यार करते है , जो लड़का अपनी माँ से इतना प्यार करता है वो अपनी पत्नी से कितना प्यार करेगा”,मीरा ने कहा
“मीरा एक बात कहु जिंदगी में अगर कभी तुम्हारे सामने ऐसी सिचुएशन आये जब तुम्हे मुझमे से और माँ में से किसी एक को चुनना हो , तो तुम माँ को चुनना ,, अगर तुमने उन्हें चुना तो मैं आटोमेटिक तुम्हारी साइड आ जाऊंगा क्योकि मेरी उस वक्त मेरी सबसे कीमती इंसान तुम्हारे पास होगी”,अक्षत ने कहा
“खुदा न करे ऐसी नौबत आये”,मीरा ने अक्षत का सर चूमते हुए कहा। चांदनी रात में एक दूसरे के आगोश में बैठे अक्षत मीरा अपने आने वाले सुनहरे कल का सपना देखने लगे

दिल्ली – अपने दो मंजिला घर के टेरेस की दिवार पर बैठी निहारिका आसमान में चमकते उस चाँद को देख रही थी। उसके हाथ में शराब से आधा भरा ग्लास था और आधी भरी बोतल उसके बांयी और रखी थी जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था की अब तक वह आधी शराब पी चुकी है। उसकी आँखों में एक कशिश थी और होंठ काँप रहे थे। चाँद की दूधिया रौशनी में उसका चेहरा चमक रहा था। निहारिका ने ग्लास होंठो से लगाया और शराब का एक घूंठ भरकर कहने लगी,”तुम उस सिंपल मिडिल क्लास मीरा के साथ क्यों हो अक्षत ? तुम्हे मेरे जैसी लड़की के साथ होना चाहिए था , क्या कमी है मुझमे ? बोल्ड , सेक्सी , मिलिनियर हूँ , मेरे साथ रहकर तुम्हे वो सब मिलता जिसके तुम हक़दार हो। तुम मेरे दिल को भा गए हो अक्षत और निहारिका को कुछ पसंद आये तो निहारिका उसे हासिल करके रहती है फिर वो कोई सामान हो या इंसान ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे मेरा होना होगा अक्षत मैं तुम्हे उस मीरा के साथ नहीं देख सकती , आई लव यू एंड आई वांट यू,,,,,,,,,,,,प्लीज कम बेक,,,,,,,,,!!”
शराब उस पर हावी हो चुकी थी और उसकी जबान लड़खड़ाने लगी थी। निहारिका जैसे ही गिरने को हुई सिन्हा जी आकर उसे सम्हाला और नीचे उतारते हुए कहा,”नेहु सम्हालो खुद को ये सब क्या है बेटा ? अपने साथ ऐसा बिहेव क्यों कर रही हो ?”
“मुझे अक्षत चाहिए डेड , आई लव हिम , आई लव हिम सो मच”,कहते कहते निहारिका शराब के नशे में मदहोश हो गयी। सिन्हा जी ने अपने पी.ए. को आवाज लगाई वह आया , उसकी मदद से सिन्हा जी निहारिका को नीचे उसके रूम में ले आये और लेटा दिया। नशे में निहारिका बड़बड़ाने लगी,”मुझे अक्षत चाहिए , आई वांट हिम डेड”
सिन्हा जी ने निहारिका को इस हाल में देखा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह निहारिका को कैसे समझाए ? निहारिका को सुलाकर उसके कमरे की लाइट बंद करके कमरे से बाहर चले आये। सिन्हा जी को परेशान देखकर उनके पी.ए. ने कहा,”सर अगर निहारिका बिटिया ऐसे रही तो उनकी सेहत और दिमाग पर बहुत बुरा असर पडेगा”
“तो मैं क्या करू तिवारी जी वो ऐसी जिद करके बैठी जिसे पूरा नहीं किया जा सकता , अक्षत शादीशुदा है निहारिका के लिए वह अपनी पत्नी को कैसे छोड़ सकता है ?”,सिन्हा जी ने तड़पते हुए कहा
“सर मैंने एक बार आपसे पहले भी कहा था क्यों ना एक बार मिस्टर व्यास से मिलकर उन्हें ये सब बताये और वो निहारिका को समझा सके”,तिवारी जी ने कहा
“आई थिंक आप सही कह रहे हो , मैं कल अक्षत से बात करके देखता हूँ हो सकता है वो हमारी कुछ हेल्प करे”,कहते हुए सिन्हा जी अपने कमरे की और बढ़ गए
इंदौर – अक्षत सो रहा था। आज पूजा थी इसलिए मीरा जल्दी उठ गयी वह नहाकर आयी और आईने के सामने खड़े होकर अपने गीले बालो को पोछने लगी। बालो को पोछते हुए उसकी नजर घडी पर पड़ी उसने देखा घडी में 7 बज रहे है , 7.30 बजे पूजा का शुभ मुहूर्त था अक्षत अभी तक उठा नहीं है सोचकर मीरा उसके पास आयी और अक्षत को उठाते हुए कहा,”अक्षत जी , अक्षत जी उठिये , अक्षत जी पूजा के लिए देर,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मीरा आगे कुछ कह पाती इस से पहले ही अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खिंचा और बांहो में लेकर सो गया।
“अक्षत जी दरवाजा खुला है कोई आ जाएगा , क्या कर रहे है आप उठिये ना ,, पूजा शुरू होने वाली है देर से पहुंचे तो पापा नाराज होंगे”,मीरा ने अक्षत की बांहो में कसमसाते हुए कहा
“उम्मम्मम्म सोने दो न मीरा”,अक्षत ने नींद से ग्रस्त होकर कहा
“अक्षत जी ऐसे जिद नहीं करते है आप पापा के घर में है हमारे घर में होते तो सोने देते ना आपको , उठा जाईये प्लीज,”मीरा ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
लेकिन अक्षत पर उसकी बातो का कोई असर नहीं पड़ा
“मीरा वो मैं कह रही थी की भाईसाहब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए जैसे ही सौंदर्या भुआ कमरे में आयी उसकी नजर अक्षत और मीरा पर पड़ी और वे वापस पलट गयी और कहा,”मैं शायद गलत वक्त पर आ गयी”
“नहीं भुआ जी रुकिये”,कहते हुए मीरा ने खुद को अक्षत से दूर किया और सौंदर्या भुआ के सामने आकर कहा,”भुआ जी आपने जो देखा वैसा कुछ भी नहीं है”
सौंदर्या भुआ मुस्कुराई और कहा,”कोई बात नहीं मीरा ऐसा हो जाता है , मैं बस ये कहने आयी थी की भाईसाहब ने कहा है तुम और जमाई सा तैयार होकर नीचे आ जाओ , पंडित जी आने वाले है। भाभी के हाथ कल शाम ही मैंने तुम्हारे और जमाई सा के कपडे भिजवाए थे तुम्हे मिल गए ना ?”
“हां भुआजी आप चलिए हम उन्हें लेकर आते है”,मीरा ने कहा तो सौंदर्या मुस्कुराते हुए वहा से चली गयी और मीरा ने सबसे पहले कमरे का दरवाजा बंद किया फिर अक्षत की तरफ आयी और उसे उठाने के बारे में सोचने , लेकिन अक्षत तो जैसे उठना ही नहीं चाहता था मीरा ने अपने आस पास देखा उसे पानी से भरा ग्लास दिखा। मीरा ने ग्लास उठाया और सारा पानी अक्षत पर उड़ेल दिया , अक्षत हड़बड़ा कर उठा और देखा ये मीरा ने किया तो उसने उठते हुए कहा,”मीरा की बच्ची तुम्हे तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मीरा अक्षत से बचने के लिए इधर उधर भागने लगी अक्षत भी बच्चो की तरह उसके पीछे पीछे भागते हुए कहा,”बेशर्म लड़की ऐसे उठाते है अपने पति को ?”
“हम क्या करे हमने कितनी कोशिश की लेकिन आप उठ ही नहीं रहे थे तो मजबूरन हमे आप पर पानी डालना पड़ा”,मीरा ने अक्षत से बचते हुए कहा
मौका देखकर अक्षत ने मीरा को धर लिया और उसकी पीठ दिवार से लगाकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”बहुत ख़ुशी होती है ना मुझे परेशान करके ?”
“हम्म्म्म नहीं”,मीरा ने पहले हामी भरी और फिर एकदम से ना कहते हुए गर्दन हिला दी। अक्षत उसके करीब था और फिर धीरे धीरे और क़रीब आने लगा तो मीरा ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा,”मिस्टर सडू हर वक्त रोमांटिक होना अच्छी बात नहीं है , पापा ने नीचे बुलाया है जाकर नहा लीजिये हम आपके लिए कपडे निकालकर रखते है”

“हम्म्म्म ठीक है”,कहते हुए अक्षत बाथरूम की और चला गया। जितना आलिशान अमर जी का घर था उस घर के बाथरूम भी उतने ही आलिशान थे। अक्षत ने नहाकर सफ़ेद रंग का कुरता पजामा पहना और उसकी बाजु फोल्ड करते हुए मीरा की तरफ आया। अक्षत ने मीरा को देखा तो बस देखता ही रह गया। लाल रंग की राजपूती पोशाक में मीरा किसी राजकुमारी से कम नहीं लग रही थी। हाथो में सींप का चूड़ा , गहने , नाक में बड़ी थी नथुनी , ललाट पर गहरी लाल बिंदी , आँखों में काजल , होंठो पर लाल रंग की लिपस्टिक। अक्षत तो बस देखे जा रहा था। अक्षत को ऐसे देखकर मीरा उसके पास आयी और उसके कुर्ते की बाजु को फोल्ड करते हुए कहा,”ऐसे क्यों देख रहे है आप हमे ?”
“मीरा अगर मैं थोड़ी देर ऐसे ही तुम्हे देखता रहा ना तो मुझे तुमसे फिर से प्यार हो जाएगा”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा
जवाब में मीरा बस मुस्कुरा दी और फिर कहा,”सब ठीक है न ?”
“एक कमी है”,अक्षत ने मीरा को गौर से देखते हुए कहा
“क्या ?”,मीरा ने पूछा तो अक्षत ने उसकी आँख के किनारे से काजल निकालकर कान के पीछे लगाते हुए कहा,”आज तो तुम्हे कही मेरी नजर ना लग जाये”
“आपकी नजर हमे कभी नहीं लगेगी , चलिए सब हमारा इंतजार कर रहे है”,कहते हुए मीरा अक्षत के साथ कमरे से बाहर चली आयी। घर के सारे सदस्य नींचे हॉल में जमा थे , विजय जी अपने पुरे परिवार के साथ आ चुके थे , अमर जी ने उन्हें खास तौर पर जो बुलाया था। जैसे ही मीरा और अक्षत सीढ़ियों से होकर नीचे आये सबकी नजरे उन दोनों पर ठहर सी गयी। सजी धजी मीरा राजपूती पोशाक में जितनी खूबसूरत लग रही थी , सिंपल कुर्ते पजामें में अक्षत भी उतना ही प्यारा लग रहा था। दोनों नीचे आये। राधा को देखते ही मीरा खुश हो गयी और उनकी तरफ चली आयी। अक्षत को देखते ही सोमित जीजू उसके पास आये और कहा,”क्या बात है साले साहब ससुराल के मजे लिए जा रहे है”
“फंस गया हूँ यहाँ आकर ना ठीक से सोने दे रहे है ना अकेला छोड़ रहे है”,अक्षत ने फुसफुसाते हुए कहा
“डोंट वरी थोड़ी देर में सब घर चलेंगे तब मैं लोरी गाकर सुलाऊँगा तुम्हे”,जीजू ने अक्षत की टाँग खींचते हुए कहा
“पक्का ना ?”,अक्षत ने भी मजाक में कहा
“अले मेले बाबु पक्का”,जीजू ने अक्षत का गाल खींचते हुए कहा
“जीजू रुमाल रख लीजिये”,अक्षत की साली ने आकर उसे एक बहुत साफ सुथरा रूमाल देकर कहा और वहा से चली गयी।
“किस्मत वाले हो साले साहब जो इतनी परवाह करने वाली सालिया मिली है , वरना एक हमारे वाली है जिनको अपने हनी बनी से ही फुर्सत नहीं है”,जीजू ने कहा
“वैसे है कहा वो ?”,अक्षत ने पूछा तो जीजू ने कुछ ही दूर फोन पर बिजी निधि की और इशारा करके कहा,”वो रही , मैं क्या कहता हूँ इन दोनो की ना जल्दी शादी करवाओ वरना मोबाइल कम्पनी बंद करवा देंगे ये दोनों मिलके”
सोमित जीजू की बाते सुनकर अक्षत हसने लगा। कुछ देर बाद पंडित जी आ गए तो सभी आकर पूजा में बैठ गए। पंडित जी के बांयी और अक्षत मीरा के लिए अलग से गद्दिया लगायी गयी दोनों उन पर आकर बैठे। पूजा शुरू हुई , घण्टे भर की पूजा के बाद सबके लिए चाय नाश्ते का प्रबंध किया गया। विजय जी और अमर जी का सारा परिवार एक साथ बैठकर नाश्ता करने लगा। सभी हंसी मजाक कर रहे थे। दो परिवार थे लेकिन देखकर लग रहा था जैसे सब एक ही घर में रहते हो। सोमित जीजू और अर्जुन अक्षत के साले सालियो के साथ सोफों पर अलग से बैठे थे , यहाँ जीजू की अलग से खिंचाई हो रही थी।
अक्षत अमर जी बगल में बैठा था। उन दोनों के बीच ना जाने ऐसा क्या था की दोनों ही एक दूसरे से बहुत कम बात करते थे।
खाना पीना चल ही रहा था की इसी बीच अक्षत का फोन बजा , स्क्रीन पर सिन्हा जी का नंबर देखकर अक्षत ने अमर जी की तरफ देखकर कहा,”पापा एक मिनिट ?”
“हां हां जमाई सा आप जाईये”,अमर जी ने कहा और फिर विजय जी के साथ बातो में लग गए। अक्षत सबसे थोड़ा दूर साइड में आया और फोन उठाकर बात करने लगा। सिन्हा जी ने अक्षत को निहारिका के बारे बताया। उनकी बात सुनते हुए कई बार अक्षत के चेहरे के भाव बदले जिन पर सोमित जीजू की नजर पड़ गयी लेकिन उन्होंने उस वक्त कुछ नहीं कहा। सिन्हा जी से बात करके अक्षत ने फोन जेब में रख लिया और वापस चला आया , उसके चेहरे से परेशानी साफ झलक रही थी सोमित जीजू उसकी और आये और कहा,”सब ठीक है ना ?”
मीरा के बात सोमित जीजू ही थे जिन्हे अक्षत अपनी सारी बातें बताता था। अक्षत सोमित जीजू के साथ साइड में आया और उन्हें निहारिका के बारे में बताया। सोमित जीजू ने सूना तो वे भी थोड़ा टेंशन में आ गए और कहा,”तो अब तुमने क्या सोचा है ?”
“मुझे दिल्ली जाना होगा जीजू”,अक्षत ने बिना किसी भाव के कहा
“थोड़ा सोच समझकर फैसला लो आशु , ये सब चीजे तुम्हे मुसीबत में डाल सकती है”,जीजू ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो अक्षत ने उनकी आँखो में देखते हुए कहा,”अगर मैं नहीं गया तो वहा बहुत कुछ बुरा हो जाएगा”

क्रमश : हाँ ये मोहब्बत है – 32

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संजना किरोड़ीवाल

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