Haan Ye Mohabbat Hai – 30
Haan Ye Mohabbat Hai – 30
दादू हॉल में बैठे सुबह का अख़बार पढ़ रहे थे जब उन्होंने अपने शहर में हुए रेप की खबर पढ़ी तो दुःख जताते हुए कहा,”ईश्वर उस बच्ची को ये दर्द सहने की हिम्मत दे”
“क्या हुआ पापा अकेले किस से बातें कर रहे है ?”,विजय जी ने आकर सोफे पर बैठते हुए कहा
“ये देख कल हाई वे के पास एक लड़की घायल हालत में मिली। कितने सालो से इस शहर में हूँ विजय पर ऐसी घटना आज से पहले कभी नहीं घटी। कितना निर्दयी होगा वो इंसान जिसने ऐसी घिनौनी हरकत की ? उसे तो चौराहे पर सरे-आम फांसी दे देनी चाहिए”,दादू ने कहा
“हाँ पापा मैंने भी सूना कल शाम ऑफिस में इसी बारे में चर्चा हो रही थी। मुझे कानून पर भरोसा है वो उस गुनहगार को जरूर ढूंढ निकालेंगे”,विजय जी ने अख़बार रखते हुए कहा।
राधा उन दोनों के लिए चाय ले आयी तो दादू ने राधा के सामने बात बदल दी और कहा,”अरे बहू आज मैं नाश्ता नहीं करूंगा”
“क्यों पिताजी क्या हुआ ? आपकी तबियत तो ठीक है ना ?”,राधा ने चिंता जताते हुए कहा
“हाँ मैं ठीक हूँ बस पेट थोड़ा भारी भारी लग रहा है”,दादू ने चाय का कप उठाते हुए कहा तो राधा हामी में गर्दन हिलाकर चली गयी। विजय जी भी चाय पीकर नहाने चले गए।
दो घंटे बाद सभी घरवाले नाश्ते की टेबल के पास जमा थे। चीकू और काव्या भी स्कूल जाने के लिए तैयार होकर आ रहे थे की काव्या की नजर टेबल पर रखे अख़बार पर चली गयी। वह रुकी और अख़बार उठाकर उसे पढ़ने लगी। तनु ने देखा तो कहा,”काव्या चलो आ जाओ स्कूल के लिए देर हो जाएगी”
काव्या को तनु की बात सुनी लेकिन उसने नजर अंदाज कर दिया इस वक्त उसके लिए अख़बार में छपी वो खबर ज्यादा आकर्षित लग रही थी। काव्या उसे पढ़ते रही सीढ़ियों से उतरते हुए अक्षत ने देखा तनु काव्या को बुला रही है लेकिन काव्या अख़बार हाथ में लिए एक जगह खड़ी है। अक्षत काव्या के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”काव्या चलो मम्मा तुम्हे नाश्ते के लिए बुला रही है ना”
“मामू आपसे एक बात पुछु”,काव्या ने अक्षत की तरफ देखकर पूछा
“हाँ पूछो”,अक्षत ने कहा
“मामू ये रेप क्या होता है ?”,काव्या ने मासूमियत से कहा अक्षत ने जैसे ही काव्या के मुंह से जैसे ही ये शब्द सूना उसे अजीब महसूस हुआ उसने काव्या की बात सुनकर उसकी तरफ देखा और कहा,”कवि अभी तुम बहुत छोटी हो बेटा , जब थोड़ी बड़ी हो जाओगी तब मैं तुम्हारे इस सवाल का जवाब जरूर दूंगा”
“ओके मामू”,कहते हुए काव्या ने हाथ में पकड़ा अख़बार टेबल पर रख दिया और डायनिंग टेबल की तरफ चली गयी। अक्षत ने टेबल पर पड़ा अख़बार उठाया जैसे ही उसने रेप वाली खबर के साथ छवि की तस्वीर देखी उसकी आँखों के सामने छवि का चेहरा आ गया। अक्षत छवि से पहले मिल चुका था इसलिए जैसे ही उसने छवि की तस्वीर देखी उसे वो मुलाकात एकदम से याद आ गयी। उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये और मन एक अजीब बैचैनी से घिर गया।
“ये लो काव्या आयी तो आशु वहा अटक गया , आखिर इस अख़बार में ऐसा क्या है ज़रा मैं भी तो देखू”,कहते हुए राधा अक्षत की तरफ आयी और कहा,”आशु क्या हुआ ? और ऐसा क्या मिल गया तुझे और काव्या को इसमें ला दिखा मुझे”
“कुछ नहीं माँ वो बस ऐसे ही , आप चलिए”,कहते हुए अक्षत ने अख़बार को मोड़कर वहा पड़ी बास्केट में डाल दिया। अक्षत राधा के साथ डायनिंग टेबल के पास चला आया और कुर्सी खिसकाकर बैठ गया। मीरा ने उसके लिए नाश्ता परोसा लेकिन अक्षत का ध्यान कही और ही था।
“क्या हुआ साले साहब आप नाश्ता नहीं कर रहे ?”,सोमित जीजू ने पूछा तो अक्षत की तंद्रा टूटी और वह चुपचाप नाश्ता करने लगा। नाश्ता करने के बाद अक्षत ऊपर अपने कमरे में चला आया उसकी आँखों के सामने बार बार छवि का चेहरा आ रहा था और यही बात उसे परेशान कर रही थी की उस लड़की के साथ आखिर ऐसा क्यों हुआ ? अक्षत अपनी केस की फाइल्स को बैग में रखने लगा। उसने लेपटॉप बेग में रखा और फिर टेबल पर पड़ी घडी को पहनने लगा लेकिन उसे पहनते हुए अक्षत फिर खुद में ही बड़बड़ाने लगा,”उस शाम वो लड़की काफी परेशान थी काश मैं उस से बात करता तो शायद वो मुझे अपनी परेशानी बताती। उसके साथ ये ठीक नहीं हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अक्षत जी आप ठीक है ना ?”,सामने खड़ी मीरा ने कहा तो अक्षत की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ मीरा मैं मैं ठीक हूँ”
“लाईये इसे हम पहना देते है”,मीरा ने अक्षत के हाथ से घडी लेकर उसे पहनाते लगी। अक्षत अभी भी छवि के बारे में ही सोच रहा था उसे परेशान देखकर मीरा ने कहा,”अक्षत जी कुछ हुआ है क्या ? आप कुछ परेशान लग रहे है ,, अगर कोई बात है तो आप हमे बता सकते है”
अक्षत ने मीरा के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”मीरा कुछ दिन पहले मैं एक लड़की से मिला था। रोड क्रॉस करते वक्त वो अचानक से मेरी गाड़ी के सामने आ गयी। वो बहुत परेशान थी और घबरा गयी थी। घर के लिए ऑटो ना मिलने की वजह से वो थोड़ा परेशान थी मैंने उसके लिए ऑटो रोका और उसे घर जाने को कहा। कल सदर रोड वाले हाई वे के पास एक लड़की बहुत बुरी हालत में पुलिस को मिली। किसी ने उसके साथ रेप किया और उसे वही फेंक दिया था। आज जब अख़बार में वो खबर आयी तो पता चला की वो लड़की कोई और नहीं वही थी जो मुझे उस रात मिली थी। उस रात अगर मैं उस से उसके परेशान होने की वजह पूछ लेता तो शायद उसे हादसे से बचा सकता था”
“उसके साथ वाकई में बहुत बुरा हुआ अक्षत जी , जिसने भी ये किया है उसे सजा मिलनी चाहिए। आपको उसके लिए बुरा लग रहा है क्योकि आप उस से मिल चुके है , लेकिन जो कुछ हुआ उसके लिए आप इतना मत सोचिये। ये बस एक बुरी घटना है जो किसी के साथ भी घट सकती है। आप परेशान मत होईये उस लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए हमसे जो हो पायेगा उस लड़की के लिए हम जरूर करेंगे”,मीरा ने अक्षत से कहा तो अक्षत का मन थोड़ा शांत हुआ उसने मीरा के सर को चूमा और कहा,”मैं कोर्ट जा रहा हूँ”
“हम्म्म्म , अपना ख्याल रखियेगा”,मीरा ने कहा तो अक्षत वहा से चला गया।
अक्षत कोर्ट चला आया , कोर्ट में भी इसी घटना को लेकर चर्चा चल रही थी। अक्षत अपने किसी केस में बिजी था इसलिए उसके बारे में स्टडी करने लायब्रेरी चला आया। चित्रा और सचिन अक्षत के केबिन में थे और अपना काम कर रहे थे। काम करते हुए सचिन ने कहा,”यार उस लड़की के साथ कितना गलत हुआ , जिसने भी ये किया है उसे कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए”
“सजा तो तब होगी जब उस घटिया इंसान के बारे में पता चलेगा , मुझे तो उसके बारे में सोचकर ही गुस्सा आ रहा है। अच्छा सचिन सुनो मैं दो घंटे बाद चली जाऊँगी सर पूछे तो उनसे कहना मुझे कुछ जरुरी काम था”,चित्रा ने फाइल चेक करते हुए कहा
“तुम कही जा रही हो ?”,सचिन ने पूछा
“हाँ महिला संगठन की तरफ से आज उस लड़की के लिए इंसाफ माँगने को लेकर एक मोर्चा है मैं भी उसी की मेंबर हूँ”,चित्रा ने कहा
“वाह ये तो बहुत अच्छी बात है , क्या मैं भी इसमें आ सकता हूँ ?”,सचिन ने पूछा
“हाँ बिल्कुल , ऐसा करना तुम मेरे साथ ही चलना। वो लड़की अकेली नहीं है पूरा शहर उसके साथ है”,चित्रा ने कहा तो सचिन ने हाँ में गर्दन हिला दी।
दोपहर तक पुलिस स्टेशन में चित्रा के ब्यान के आधार पर विक्की सिंघानिया के खिलाफ FIR तैयार की गयी और उसे बड़े अधिकारियो के पास भेज दिया गया ताकि जल्द से जल्द उसकी गिरफ्तारी का आर्डर मिल सके। कुछ घंटो में ही विक्की की गिरफ्तारी के ऑर्डर्स मिल गए और इंस्पेक्टर कदम्ब अपनी टीम के साथ पुलिस स्टेशन से जाने लगे। चलते चलते उनकी नजर अपने जूनियर इंस्पेक्टर पर पड़ी जो की थोड़ा परेशानी में दिखाई पड़ रहा था
“इंस्पेक्टर प्रमोद तुम भी साथ चलो”,इंपेक्टर कदम्ब ने कहा
“जी जी सर”,कहते हुए इंस्पेक्टर प्रमोद भी उनके साथ वहा से निकल गए। ये वही इंस्पेकटर था जिसने पहले विक्की के खिलाफ कंप्लेंट लिखने से छवि को मना कर दिया था और विक्की का ख़ास आदमी था। इंपेक्टर कदम्ब पूरी तैयारी के साथ सिंघानिया जी के घर के लिए निकल गए।
गौतम सिंघानिया अपने बेटे विक्की सिंघानिया को लंदन भेजने की सभी तैयारी कर चुके थे आज शाम 4 बजे विक्की की मुंबई के लिए फ्लाइट थी। विक्की को छवि के बारे में कुछ पता नहीं था और सिंघानिया जी ने भी उसे इस खबर से दूर ही रखा। विक्की तैयार होकर अपना बैग लिए जैसे ही घर से निकलने को हुआ पुलिस की जीप आकर उनके घर के सामने रुकी। सिंघानिया ही ये देखकर सकते में आ गए। सभी पुलिस वाले गाड़ी से बाहर निकले। इंपेक्टर कदम्ब सिंघानिया जी और विक्की के पास आये और कहा,”इतनी भी क्या जल्दी है मिस्टर सिंघानिया ?”
“इंस्पेक्टर तुम यहाँ कैसे ? कुछ हुआ है क्या ?”,सिंघानिया जी ने पूछा हालाँकि उनका दिल अभी भी जोरो से धड़क रहा था
“आपके बेटे विक्की सिंघानिया के खिलाफ अरेस्ट वारंट है , मैं इसे गिरफ्तार करने आया हूँ”,इंस्पेक्टर कदम्ब ने कहा
“इंस्पेक्टर तुम होश में तो हो , ये क्या कह रहे हो ?”,सिंघानिया जी ने गुस्से से कदम्ब को घूरते हुए कहा
“जी हाँ मैं बिल्कुल होश में हूँ , विक्की सिंघानिया ने छवि दीक्षित का किडनेप करवाया और फिर उसका रेप करके उसे हाईवे के पास फेंक दिया। छवि दीक्षित ने खुद ये बयान दिया है और इस वक्त वो हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से झुंझ रही है। कॉन्स्टेबल गिरफ्तार कर लो इसे”,इंस्पेक्टर ने कदम्ब ने कहा तो विक्की के चेहरे पर हवईया उड़ने लगी उसने अपने पापा की तरफ देखकर कहा,”ये झूठ है डेड मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है , मैंने छवि का रेप नहीं किया है”
“ये सब सफाई अदालत में देना”,कहते हुए कदम्ब ने कॉन्स्टेबल के हाथ से हथकड़ी लेकर विक्की को पहनाते हुए कहा
“इंस्पेक्टर तुम्हे जरूर कोई गलतफहमी हुई है , विक्की ऐसा नहीं कर सकता”,सिंघानिया जी ने घबराये हुए स्वर में कहा
“सिंघनिया जी विक्टिम ने खुद ये अपने बयान में कहा है , हम कुछ नहीं कर सकते हमे ऊपर से आर्डर मिला है”,कहते हुए कदम्ब विक्की को साथ लेकर जीप की तरफ बढ़ गया।
“डेड डेड मैंने कुछ नहीं किया है , प्लीज मुझे बचा लीजिये डेड मैंने कुछ नहीं किया है”,विक्की लगभग गिड़गिड़ाने लगा लेकिन सिंघानिया जी कुछ नहीं कर पाए और कदम्ब उसे अपने साथ लेकर वहा से चला गया। मिडिया वालो को जब इसकी भनक लगी तो तुरंत उन्होंने सिंघानिया जी के ऑफिस और घर के बाहर भीड़ जमा ली। सिंघानिया जी ने अपने लॉयर को फोन किया और उसे विक्की की बेल के पेपर बनाने को कहा। विक्की सिंघानिया जी का इकलौता बेटा था और उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही सिंघानिया जी को फोन आने शुरू हो गए। अपने बेटे को बचाने के लिए वे पूरी कोशिश कर रहे थे।
उसी शाम लायब्रेरी में बैठा अक्षत अपने किसी केस की स्टडी कर रहा था की उसकी आँखों के सामने फिर छवि का चेहरा आने लगा और अगले ही पल मीरा की कही बात उसके जहन में घूम गयी “आपको उसके लिए बुरा लग रहा है क्योकि आप उस से मिल चुके है”
अक्षत ने सामने पड़ी किताब बंद कर दी और सोच में पड़ गया कुछ देर बाद उसका फोन बजा अक्षत ने फोन उठाया और कुछ देर बाद उठकर चला गया। अक्षत अपने केबिन में आया देखा वहा अखिल पहले से मौजूद है। अक्षत ने आकर अपनी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”क्या हुआ तुमने मुझे अचानक से क्यों बुलाया ?”
“यार ये छवि रेप केस तो दिन-ब-दिन और इंट्रेस्टिंग होता जा रहा है। डेली न्यूज चैनल में मेरा एक फ्रेंड है उसने बताया की इन सब में VS ग्रुप कम्पनी के MD के बेटे विक्की सिंघानिया का हाथ है। उसी ने ये रेप किया है , ये केस बहुत कॉम्प्लिकेटेड होने वाला है बोस सिंघानिया अपने बेटे को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगा”,अखिल एक साँस में पूरी बात कह गया
“यू मीन गौतम सिंघानिया ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा क्योकि कुछ साल पहले वह अपने बिजनेस के सिलसिले में उनसे मिल चुका था
“हाँ वही , कुछ घंटो पहले ही विक्की सिंघानिया की गिरफ्तारी हुई है और उसे रिमांड पर लिया गया है। जिस लड़की का रेप हुआ है वो हॉस्पिटल में है और बताया जा रहा है की उसकी हालत काफी क्रिटिकल है”,अखिल ने कहा
“अगर सच में ऐसा है तो वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। उसका वकील कौन है ?”,अक्षत ने पूछा
“मिस्टर चोपड़ा सिंघानिया जी के पर्सनल लॉयर है जो की हमारे सीनियर है , उनके सामने बड़े बड़े वकील नहीं टिक पाते है तुम्हे लगता है वो ये केस ड्राप होने देंगे वो जी जान लगा देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,उनका एक्सपीरियंस बहुत खतरनाक है”,अखिल ने कहा
“एक्सपीरियंस कितना भी ज्यादा हो सच्चाई को दबा नहीं सकता। उनके ओपोजिट कौन है कुछ पता है तुम्हे ?”,अक्षत ने फिर सवाल किया
“तुझे क्या लगता है उस लड़की का केस कोई लड़ेगा ? सिंघानिया इंदौर का नंबर वन बिजनेसमैन है वो चाहे तो कुछ भी कर सकता है , उसके पास पैसा है , पावर है और दिमाग भी है वो इतनी आसानी से अपने बेटे को कानून के सिकंजे में फसने नहीं देगा। मुझे तो बेचारी उस लड़की और उसके परिवार पर दया आ रही है कही उसके इस बयान के बाद वो मुसीबत में ना फंस जाए”,अखिल ने अफ़सोस जताते हुए कहा
अखिल की बात सुनकर अक्षत सोच में पड़ गया। एक तरफ पैसे की ताकत थी तो दूसरी तरफ एक मासूम लड़की की जिंदगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,अक्षत कुछ देर अखिल से इस केस को लेकर डिस्कस करता रहा और फिर घर के लिए निकल गया।
उसी शाम सिंघानिया जी अपने वकील के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे। मिस्टर चोपड़ा ने विक्की की बेल के पेपर इंस्पेक्टर को दिए। सिंघानिया जी को वहा देखकर विक्की जेल की सलाखों के पास आया और कहा,”डेड डेड मुझे यहाँ से निकाल लीजिये प्लीज , मैंने कुछ नहीं किया है मुझे फंसाया जा रहा है”
सिंघानिया जी विक्की के पास आये और कहा,”घबराओ मत मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा”
विक्की की आँखों में आँसू भर आये। सिंघानिया जी ने उसके हाथ पर हाथ रखा और उसे इसे हिम्मत रखने को कहा। वकील के बुलाने पर सिंघानिया जी उस तरफ चले आये। इंस्पेक्टर कदम्ब ने विक्की को रिहा करने से मना करते हुए कहा,”मिस्टर चोपड़ा इस वक्त विक्की की बेल को मंजूरी नहीं दी जा सकती , इस वक्त कोर्ट बंद हो चुका है। कल कोर्ट खुलने के बाद बेल के पेपर्स कोर्ट में जमा होंगे और मंजूरी भी कोर्ट से ही मिलेगी तब तक विक्की को यही रहना होगा”
“मंजूरी मैं ले लूंगा इंस्पेक्टर फ़िलहाल के लिए उसे बाहर निकालिये”,मिस्टर चोपड़ा ने कहा
“आपको शायद पता ना हो फिर भी आपकी जानकारी के लिए बता दू की विक्की सिंघानिया पर रेप और किडनेपिंग का चार्ज लगा है और विक्टिम के बयानों के आधार पर चार्जशीट भी तैयार हो चुकी है। कल सुबह उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा उसके बाद ही उसकी रिहाई की बात होगी।”,इन्स्पेक्टर कदम्ब ने मिस्टर चोपड़ा की आँखों में देखते हुए कहा
“इंस्पेक्टर ये मत भूलो मैं कौन हूँ ? विक्की की रिहाई से पहले कही मैं तुम्हारा ही तबादला,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने गुस्से से कदम्ब को घूरते हुए कहा
“मिस्टर सिंघानिया प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,आप मेरे साथ आईये। इंपेक्टर कल सुबह मैं विक्की के बेल के पेपर्स कोर्ट में सबमिट कर दूंगा,,,,,,,थैंक्यू”,कहते हुए मिस्टर चोपड़ा सिंघानिया जी को लेकर पुलिस स्टेशन से बाहर चले आये।
बाहर आकर मिस्टर चोपड़ा ने सिंघानिया जी से कहा,”ये क्या कर रहे है आप ? आप एक पुलिस वाले को धमका रहे है वो भी सबके सामने ,, सिंघानिया जी ये टाइम शांति से सोचकर फैसला लेने का है गुस्से में चीजे और बिगड़ जाएगी। सबसे पहले हमे विक्की को कैसे भी करके यहाँ से बाहर निकालना हैं और उसके बाद उसे कानून की नजर में बेगुनाह साबित करना है। उस पर रेप केस के चार्जेज लगे है इसका मतलब जानते है ना आप ये केस बहुत कॉम्प्लिकेटेड है समझ रहे है ना आप,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज शांत रहिये और को-ऑपरेट कीजिये”
“कल सुबह तक मुझे मेरा बेटा मेरे पास चाहिए चोपड़ा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं इस पुरे शहर को बर्बाद कर दूंगा याद रखना”,गुस्से से कहते हुए सिंघानिया जी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गए।
चिंता के भाव चोपड़ा जी के चेहरे पर साफ दिखाई देने लगे और उनके माथे पर पसीने की बुँदे उभर आयी। कुछ देर बाद उनकी गाड़ी आयी और वे भी वहा से निकल गए। इंस्पेक्टर प्रमोद विक्की का खास आदमी है ये बात कदम्ब जानता था इसलिए उसने छवि के केस को खुद ही हेंडल करने का फैसला लिया और प्रमोद की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए दूसरे थाने में लगा दी। जेल की सलाखों के पीछे बैठा विक्की ख़ामोशी से सोच में डूबा हुआ था। उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था की उसने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी ?
अगले दिन अख़बार का पहला पन्ना सिर्फ विक्की सिंघानिया , गौतम सिंघानिया और VS ग्रुप एंड कम्पनी को लेकर था। विक्की सिंघानिया ने छवि का रेप किया है ये बात अखबारों और न्यूज चेनल्स पर सुर्खिया में आ चुकी थी। हर किसी के मुंह पर बस VS ग्रुप कम्पनी और सिंघानिया जी का नाम था। लोग सिंघानिया जी के घर के बाहर जमा हो गए और विक्की सिंघानिया को कड़ी से कड़ी सजा मिले के नारे लगाने लगे। सड़को पर मोर्चे निकलने शुरू हो गए। 12 घंटो के अंदर अंदर VS कम्पनी के शेयर्स गिरने लगे। सिंघानिया जी के ऑफिस और घर के बाहर मिडिया जमा थी और सब सिंघानिया जी से सवाल करना चाहते थे। सिंघानिया जी अपने ऑफिस के केबिन में थे। विक्की की गिरफ्तारी के बाद उनको ये दुसरा झटका लगा था उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था वे लगातार अपने एक्सपर्ट्स की राय ले रहे थे। आखिर में भीड़ को हटाने के लिए उन्हें पुलिस फ़ोर्स का सहारा लेना पड़ा।
कोर्ट खुलने के बाद इंस्पेकटर कदम्ब कुछ पुलिस वालो के साथ विक्की को लेकर कोर्ट पहुंचा। विक्की के हाथो में हथकडिया थी और कदम्ब ने उसके हाथ की उंगलियों में अपना हाथ फंसा रखा था ताकि वह भाग ना जाये। कोर्ट के बाहर भी काफी भीड़ जमा थी और विक्की के खिलाफ नारे लगा रही थी। मुश्किल से कदम उसे कोर्ट के अंदर लेकर आया। मिस्टर चोपड़ा भी वही मौजूद थे। मजिस्ट्रेट के सामने विक्की के बयान रिकॉर्ड हुए साथ ही छवि के बयानों की फाइल भी पेश की गयी। रूम से बाहर आने के बाद चोपड़ा जी के चेहरे पर परेशानी के भाव थे कोर्ट ने विक्की की बेल को मंजूरी नहीं दी थी। सिंघानिया जी विक्की के पास आये तो विक्की रो पड़ा और गिड़गिड़ाते हुए कहने लगा,”मुझे बचा लो डेड , मैंने कुछ नहीं किया है ये लोग मुझे फंसा रहे है।”
इंस्पेक्टर कदम्ब विक्की को वहा से लेकर चले गए। चोपड़ा जी सिंघानिया जी के पास आये और कहा,”कोर्ट ने बेल ना मंजूर कर दी है और विक्की के खिलाफ केस फाइल कर दिया है। विक्टिम ने खुद ये बयान दिया है और उसी के आधार पर विक्की को सजा भी हो सकती है”
“चोपड़ा मैं अपने बेटे को जेल जाते नहीं देख सकता , कोई तो रास्ता होगा उसे बचाने का”,सिंघानिया जी ने बेटे को मोह में आकर कहा
“एक रास्ता है अगर वो लड़की अपना बयान बदल दे तो विक्की को बचाया जा सकता है”,चोपड़ा जी ने कहा तो सिंघानिया जी की आँखों के सामने छवि का चेहरा आ गया।
कदम्ब विक्की को लेकर जैसे ही पुलिस जीप की तरफ जाने लगा गुस्साई भीड़ ने उस पर चप्पल फेंकना शुरू कर दिया। एक चप्पल आकर सीधा उसके मुंह पर लगी और सहसा ही उसे छवि का मारा थप्पड़ याद आ गया। पुलिस वालो ने भीड़ को काबू किया और विक्की को वहा से लेकर चले गए।
क्रमश : haan-ye-mohabbat-hai-31
Previous Part – haan-ye-mohabbat-hai-s29
Follow Me On – facebook / instagram
संजना किरोड़ीवाल
ReplyForward |