Haan Ye Mohabbat Hai – 94
फोन पर शख्स की बात सुनकर अक्षत खामोश हो गया। आदमी ने अक्षत को 24 घंटे का समय दिया और इन 24 घंटो में अक्षत को इस खेल को हमेशा हमेशा के लिये ख़त्म करना था। उसने फोन जेब में रखा और वापस चेंबर में आया। चित्रा सचिन और माथुर साहब वही थे। अक्षत ने अपना बैग उठाया और जरुरी सामान लेकर जैसे ही जाने लगा माथुर साहब ने कहा,”क्या बात है अक्षत , तुम कही जा रहे हो ?”
“दो दिन से घर नहीं गया हूँ सर , माँ परेशान हो जाएगी,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“हाँ तुम्हे घर जाना चाहिए,,,,,,,और थोड़ा आराम भी करना चाहिए , तुम्हारी आँखे बता रही है कितनी ही रातों से तुम सोये नहीं हो,,,,,,,,,,,!!”,माथुर साहब ने कहा
“मैं चलता हूँ सर,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा और वहा से चला गया
चित्रा उदास नजरो से दरवाजे की तरफ देखते रही। माथुर साहब ने देखा तो कहा,”चले चित्रा ?”
“हाँ,,,,,,,,,हाँ चलते है।”,चित्रा ने कहा और माथुर साहब के साथ आगे बढ़ गयी
“चित्रा !”,सचिन ने कहा तो चित्रा रुकी और पलटकर सचिन को देखने लगी जिसकी आँखों में खालीपन पसरा था
“क्या तुम सच में ये शहर छोड़कर जा रही हो ?”,सचिन ने धड़कते दिल के साथ पूछा , चित्रा का जवाब वह जानता था लेकिन फिर भी उसने दोबारा पूछ लिया
“हाँ सचिन नेक्सट मंडे मेरी फ्लाइट है , तुम मुझे सी ऑफ कहने आओगे तो मुझे अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,!!”,चित्रा ने सहजता से कहा
सचिन का दिल टूट गया उसने अपने टूटे दिल को सम्हालते हुए कहा,”हम्म्म जरूर”
चित्रा मुस्कुराई और माथुर साहब के साथ वहा से चली गयी। सचिन अपनी कुर्सी पर आ बैठा और उदास सा फाइल्स जमाने लगा।
अक्षत अपनी गाडी लेकर कोर्ट से निकल गया जहन में अभी भी उस आदमी की कही बाते घूम रही थी और घूम रहे थे आखिर में कहे वो चंद शब्द “start from the beginning” अक्षत की आँखों के सामने सभी घटनाये चलने लगी जो अब तक घटी थी , उसके दिमाग में विचारो का जमावड़ा लग चुका था और सब आपस में उलझते जा रहे थे। गाड़ी चलाते हुए अक्षत ने एकदम से गाड़ी रोकी और खुद में ही बड़बड़ाया,”start from the beginning उसने कहा शुरू से शुरू करो , ये सब तब से हो रहा है जब से मैं छवि से मिला हूँ ,
उसके बाद उसका विक्की से झगड़ा , उसका किडनेप होना , रेप होना , मेरे पास इस केस का आना और अमायरा का किडनेप होना ये सारी घटनाये आपस में कनेक्ट है तो क्या मुझे छवि से शुरू करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,आई थिंक यही शुरुआत है लेकिन उस से पहले मुझे एक बार घर जाना होगा,,,,,,,,,,,,,मीरा , मीरा इस वक्त कहा होगी ? शायद वो घर में हो,,,,,,,,,,,मेरा उस से मिलना बहुत जरुरी है।”
कहकर अक्षत ने गाडी स्टार्ट की आगे बढ़ा दी।
“अक्षत ने कर दिखाया , छवि दीक्षित केस में असली मुजरिम पकड़ा गया,,,,,,,,,,और ये सब अक्षत ने किया है बिलीव नहीं होता”,अर्जुन ने बाहर से हॉल में आते हुए कहा।
मीरा तनु के साथ किचन में थी। उसने जैसे ही अर्जुन के मुंह से अक्षत का नाम सुना जल्दी से किचन से बाहर आयी। सोमित जीजू और अमर जी भी वही हॉल में ही थे। अक्षत ने मीरा को देखा तो खुश होकर कहा,”मीरा !
अक्षत छवि दीक्षित केस जीत गया है , और उस पर जो इल्जाम लगे थे वो सब इल्जाम भी हट गए है,,,,,,,,आज मुझे अपने भाई पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। तुम , तुम चुप क्यों हो मीरा ? क्या तुम अक्षत की जीत पर खुश नहीं हो ?”
“इस केस की वजह से ही हमने हमारी अमायरा को खो दिया था”,मीरा ने उदासी भरे स्वर में कहा तो अर्जुन के चेहरे से ख़ुशी पल में गायब हो गयी वह कुछ बोल नहीं पाया।
सोमित जीजू ने देखा तो अपनी जगह से उठे और मीरा से कहा,”मीरा वो बस एक हादसा था , छवि की इसमें कोई गलती नहीं है वो बच्ची तो खुद अब तक नर्क से भी बद्द्तर जिंदगी जी रही थी , अक्षत की वजह से आज उसे इंसाफ मिला है शायद इसके बाद उसका दर्द कुछ कम हो जाये”
“लेकिन इस जीत ने हमारे दर्द को बढ़ा दिया जीजू , हम छवि के लिये खुश है लेकिन अमायरा के कातिल का क्या ? क्या अक्षत जी उसे कभी ढूंढ पाएंगे ? क्या हम कभी जान पाएंगे अमायरा को हम से किसने छीना ?”,मीरा ने आँखों में आँसू भरकर कहा
अर्जुन मीरा के पास आया और कहा,”मुझे अपने भाई पर पूरा भरोसा है मीरा वो जल्द ही उसे भी ढूंढ लेगा,,,,,,,,,!!”
अर्जुन की आँखों में अक्षत के लिये विश्वास साफ़ नजर आ रहा था मीरा ने नम आँखों से हामी में गर्दन हिला दी। अर्जुन मीरा से आगे बात कर पाता इस से पहले ही मीरा का फोन बजा। मीरा टेबल की तरफ आयी और अपना फोन उठाकर कान से लगाते हुए कहा,”हेलो !”
“हेलो मीरा मैडम , मैं शिवम् बोल रहा हूँ अकाउंट मैनेजमेंट से,,,,,,,,,,,पिछले 3 दिन से अखिलेश सर का कुछ पता नहीं है उनका फोन भी बंद आ रहा है,,,,,,,,,क्या आप कुछ जानती है वो कहा है ? दरअसल हम से कोई उनका घर भी नहीं जानता,,,,,,,,अगर आपकी उनसे कोई बात होती है तो प्लीज उन से चाइल्ड होम आने के लिये कहिये यहाँ सब उलझ गया है।”,दूसरी तरफ से चाइल्ड होम के स्टाफ ने कहा
“ठीक है मैं उन से बात करती हूँ , आप परेशान मत होईये”,मीरा ने सहजता से कहा और फोन रख दिया
“क्या बात है मीरा ? तुम कुछ परेशान नजर आ रही हो , किसका फोन था ?”,अर्जुन ने पूछा
“कुछ नहीं अर्जुन जी बस वो चाइल्ड होम से फोन था , कुछ दिनों से अखिलेश जी चाइल्ड होम नहीं आ रहे तो उनसे मिलने हमे शायद उनके घर जाना पड़े”,मीरा ने कहा
“हम्म्म , दी-जीजू एक काम कीजिये आप लोग भी घर चलिए ,, मीरा के साथ मैं हूँ यहाँ,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने कहा
“तनु को घर भेज देते है , तुम मीरा के साथ जाओगे तो मैं यहाँ अमर जी के साथ रुक जाता हूँ इनके साथ भी तो कोई चाहिए ना,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने कहा
“अर्जुन जी आप सब यही रुक जाईये सिर्फ उनसे मिलने जायेंगे , पार्टी वाली रात जो कुछ हुआ उसके बाद शायद वो थोड़ा मायूस होंगे,,,,,,,,,,हम मिलकर उन्हें समझायेंगे जो कुछ हुआ वो सब सौंदर्या भुआ की ग़लतफ़हमी की वजह से हुआ है। हमे यकीन है वो हमारी बात जरूर मानेंगे,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने अर्जुन से कहा
“लेकिन मीरा तुम नहीं जानती वो अखिलेश कितना घटिया,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू कहते कहते रुक गए
“जीजू , हम जानते है उन्हें वो ऐसे नहीं है , जरूर उन्होंने सौंदर्या भुआ की बातो में आकर,,,,,,,,,,हम एक बार उनसे मिल लेते है।”,मीरा ने कहा
“ठीक है तो फिर मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा मीरा”,सोमित जीजू ने कहा
मीरा जानती थी कि अर्जुन और सोमित जीजू दोनों ही अखिलेश को पसंद नहीं करते ऐसे में अखिलेश और इनके बीच किसी तरह की बहस हुई तो मामला बिगड़ सकता है इसलिए उसने कहा,”नहीं जीजू हमे अकेले ही जाना होगा , आप पापा के साथ यहाँ रुकिए और अर्जुन जी आप दी को घर छोड़ दीजिये , हम जल्दी ही वापस आ जायेंगे”
“आर यू स्योर मीरा ?”,अर्जुन ने पूछा
“हाँ अर्जुन जी , हम चलते है,,,,,,,,,,,!!”, मीरा ने कहा और गाडी की चाबी लेकर वहा से चली गयी।
अर्जुन भी तनु को साथ लेकर घर छोड़ने निकल गया और सोमित जीजू अमर जी साथ टीवी पर न्यूज देखने लगे।
अक्षत घर पहुंचा उसने गाडी पार्किंग में लगाई और अंदर चला आया। अंदर आकर अक्षत ने देखा सभी घरवाले हॉल में ही है तो वह हैरान परेशान सा उनके बीच चला आया। अक्षत को देखते ही सब खामोश हो गए। उनकी ख़ामोशी ने अक्षत की बेचैनी को और बढ़ा दिया और उसने डरे हुए स्वर में कहा,”क्या हुआ ? आप सब लोग यहाँ एक साथ,,,,,,,,!!”
राधा ने सुना तो अक्षत के पास आयी और उसके गाल को छूकर प्यार से कहा,”तेरी मीरा इस घर में वापस आना चाहती है आशु ?”
अक्षत ने सुना तो उसे अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ उसने काँपते स्वर में कहा,”क्या कहा आपने ? फिर से कहिये,,,,,,,,,,,,,,!!”
“तुमने सही सूना और अगर अब तुमने कोई ड्रामा किया तो मैं खुद तुम्हे उठाकर इस घर से बाहर फेंक दूंगा,,,,,,,,!!”, विजय जी ने कहा तो अक्षत उनकी तरफ देखने लगा
“प्लीज आशु मैं हाथ जोड़ती हूँ इस बार मीरा को इस घर में आने से मत रोकना , तुम नहीं जानते यहाँ से जाने के बाद उसके साथ क्या क्या हुआ ? उसे घर वापस आने दो आशु प्लीज,,,,,,,,,,!!”,राधा ने कहा
अक्षत ने सुना तो उसका दिल धड़कने लगा और उसने कहा,”क्या हुआ मीरा के साथ ?”
राधा ने अक्षत को सौंदर्या के बारे में सब बता दिया हालाँकि अक्षत ये जानता था कि इस खेल मे विवान सिंह के साथ साथ सौंदर्या भी इसमें शामिल है लेकिन हालात इतने बुरे थे ये अक्षत नहीं जानता था। राधा के मुंह से सब सुनकर अक्षत को बहुत दुःख हो रहा था साथ ही उसे अपनी गलती का अहसास भी हो रहा था। गुस्से में आकर मीरा को खुद से दूर करने का उसका फैसला गलत था।
दो दिन से अक्षत घर से बाहर था और इस वक्त उसकी हालत भी काफी बुरी थी लेकिन राधा की बात सुनकर वह मीरा से मिलने के लिये बेताब हो गया और जैसे ही जाने लगा दादू ने कहा,”अक्षत ! क्या तुम इस हाल में मीरा को लेने जाओगे ?”
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं बस उसे देखना चाहता हूँ वो ठीक है या नहीं , मैं आता हूँ,,,,,,,,,!!”,कहकर अक्षत वहा से चला गया
“लौट के बुद्धू घर को आये,,,,,,,,,!!”,दादू ने कहा तो सब हंस पड़े पर सब खुश थे अक्षत मीरा से मिलने जा रहा था अपनी मीरा से मिलने,,,,,,,,,,,,,!!
मीरा अपनी गाडी लेकर अखिलेश से मिलने उसके घर पहुंची। मीरा ने दरवाजा खटखटाया तो पाया कि दरवाजा खुला है। मीरा अंदर आयी और अखिलेश को आवाज दी,”अखिलेश जी , अखिलेश जी , क्या आप यहाँ है ?”
“आपको आज मेरी याद कैसे आ गयी मीरा मैडम ?”,अखिलेश की लड़खड़ाती आवाज मीरा के कानो में पड़ी
मीरा ने पलटकर देखा हॉल में दिवार के पास लगी टेबल के पास बैठा अखिलेश शराब पी रहा था।
मीरा ने देखा तो उसे बहुत हैरानी हुई आज से पहले उसने अखिलेश को कभी शराब पीते नहीं देखा था। उसने हैरानी से कहा,”ये सब क्या है अखिलेश जी ? आप शराब पी रहे है,,,,,,,,,,!!”
अखिलेश कुर्सी से उठा और मीरा की तरफ आते आते रुक गया और कहा,”आई ऍम सॉरी मैडम लेकिन टूटे दिल को सम्हालने में यही काम आती है , मैं इसे सिर्फ अपना दर्द कम करने के लिये पी रहा हूँ।”
“टुटा दिल , दर्द , ये आप क्या कह रहे है ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“हाँ मैडम टुटा दिल ,, आपने मेरा दिल तोड़ दिया मैडम,,,,,,,,,,,,मैं कितना खुश था हमारी शादी की बात सुनकर लेकिन आपने , आपने मेरा दिल तोड़ दिया। आपने ऐसा क्यों किया मैडम ? क्यों किया ? क्या कमी है मुझमे जो आपने मुझे ठुकरा दिया ?”,अखिलेश ने दर्दभरे स्वर में कहा
मीरा ने सुना तो उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ उसे लगा पार्टी वाली रात सौंदर्या भुआ ने अखिलेश और उसकी शादी की बात सिर्फ तमाशा करने के लिये कही थी जबकि ऐसा नहीं था अखिलेश को ये सब के बारे में पहले से पता था।
“अखिलेश जी ! हम पहले से शादी शुदा है , हमारी शादी जी अक्षत जी से हो चुकी है,,,,,,,,,,,,,आप हमारे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकते है ?”,मीरा ने घृणा भरे स्वर में कहा
“कौनसी शादी मीरा मैडम ?”,अखिलेश ने एकदम से तेज आवाज में कहा तो मीरा सहम कर पीछे हट गयी और फटी आँखों से अखिलेश को देखने लगी। मीरा
अखिलेश का ये नया रूप देख रही थी। अखिलेश दो कदम मीरा की तरफ बढ़ा और कहने लगा,”कौनसी शादी मीरा मैडम ? वो शादी जिसमे आप कभी खुश नहीं रही , वो शादी जिसने आपको इतना दर्द , आँसू और तकलीफ दी , वो शादी जो सिर्फ नाम की शादी थी ,
आपने घर छोड़कर आने की एक गलती क्या की आपके उसी अक्षत व्यास ने आपको धक्के मारकर घर से निकाल दिया , वो शादी जो सिर्फ एक दिखावा है,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे शादी नहीं मानता मीरा मैडम , दिल से तो आप अभी भी कंवारी है , छोड़ दीजिये उस अक्षत व्यास को , मैं मैं आपको उस से ज्यादा खुश रखूंगा , आपका ख्याल रखूंगा , आपको कभी अकेला नहीं छोडूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
अखिलेश की बहकी बहकी बातें सुनकर मीरा का दिल धड़कने लगा , उसे धीरे धीरे ये अहसास हो रहा था कि उसे यहाँ अकेले नहीं आना चाहिए था।
अक्षत मीरा से मिलने घर से निकल गया। उसने गाड़ी चलाते हुए मैनेजर को फोन किया और अमर जी के नए घर का एड्रेस भेजने को कहा मैनेजर ने अक्षत को एड्रेस भेज दिया। कुछ देर बाद ही अक्षत मीरा के नए घर पहुंचा। मीरा किस हाल में होगी सोचकर ही उसका दिल धड़का जा रहा था। अक्षत मीरा को आवाज देते हुए घर के अंदर आया उसने हॉल में बैठे सोमित जीजू और अमर जी को भी नहीं देखा और मीरा को ढूंढने लगा।
कमरों और किचन में मीरा को देख अक्षत जैसे ही हॉल में आया उसने देखा मीरा के पापा और सोमित जीजू वही हॉल में है।
“क्या बात है साले साहब ? आप इतनी जल्दी में यहाँ और आप मीरा को क्यों ढूंढ रहे है ?”,सोमित जीजू ने उठकर अक्षत के पास आकर पूछा
“जीजू मीरा कहा है ? मुझे उस से मिलना है,,,,,,,,,,सौंदर्या भुआ ने उसके साथ जो किया,,,,,,,,मैं जानता था इन सब के पीछे वही औरत है,,,,,,,,,मीरा कहा है मुझे जानना है वो ठीक है या नहीं ?”,अक्षत ने जल्दी जल्दी में कहा
“रिलेक्स ! मीरा ठीक है , उसने कहा वो अखिलेश से मिलने बाहर जा रही है थोड़ी देर में आ जाएगी,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने कहा
“साथ में कौन हैं ?”,अक्षत ने पूछा
“कोई नहीं मीरा अकेले ही गयी है,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने उतनी ही सहजता से कहा
अक्षत ने सुना तो उसका माथा ठनका , उसके जहन में एकदम से आदमी की कही बात कोंध गयी,”मेरा नेक्स्ट टारगेट है “मीरा सिंह राजपूत”
अक्षत को जैसे ही ये याद आया उसने गुस्से से कहा,”आपने उसे अकेले जाने क्यों दिया ? शीट,,,,,,,,,मीरा खतरे में है।”
अक्षत ने कहा और बाहर भागा
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