Haan Ye Mohabbat Hai – 83
मीरा अमर जी का हाथ थामे उनके पास बैठी उनसे माफ़ी मांग रही थी। अमर जी खुश थे उन्होंने मीरा का सहलाया और अपनी पलकें झपका दी जैसे मीरा से कह रहे हो कि उन्हें मीरा से कोई शिकायत नहीं है। घर का नौकर आया और कहा,”मैडम सर की दवा का टाइम हो गया मैं इन्हे खाना खिला देता हूँ।”
“हाँ रघु प्लीज”,मीरा ने कहा और अमर जी के हाथ को अपनी आँखों से लगाकर कहा,”हम कभी आपका साथ नहीं छोड़ेंगे पापा , कभी नहीं”
मैनेजर फाइल लेकर अर्जुन के पास आया और उसमे रखा खत अर्जुन को देकर कहा,”सर ये वो खत नहीं है जो आपने मुझे दिया था”
अर्जुन ने खत पढ़ा और कहा,”ये जरूर उस सौंदर्या भुआ की चाल है , पर कोई नहीं हमारा काम तो हो गया मीरा सच जान गयी”
“हाँ अर्जुन ! आज के दिन के लिये कितनी मेहनत की है हमने,,,,,,,,,,लेकिन साले साहब वो कहा चले गए , अगर वो यहाँ होते तो मीरा को लेकर उनकी ग़लतफ़हमी भी दूर हो जाती।”,सोमित जीजू ने इधर उधर देखते हुए कहा लेकिन अक्षत उसे कही नजर नहीं आया।
“अक्षत सर तो उसी वक्त यहाँ से चले गए थे जब सौंदर्या भुआ ने मीरा मैडम की शादी की बात कही थी,,,,,,,,,,,उन्हें कितना बुरा लगा होगा उस वक्त”,मैनेजर ने उदास होकर कहा इन कुछ दिनों में वह भी अक्षत को समझने जो लगा था
“कोई बात नहीं वो मान जाएगा , दोनों में से एक की ग़लतफ़हमी दूर होनी ज्यादा जरुरी थी सो वो हो गयी अब एक दूसरे वाले को मना लेगा मुझे भरोसा है।”,अर्जुन ने कहा
मैनेजर वहा से चला गया। कुछ देर बाद मीरा अर्जुन के पास आयी तो अर्जुन ने कहा,”वाह मीरा आज तो तुमने कमाल कर दिया सबके सामने अक्षत से मोहब्बत का इजहार कर दिया पर अफ़सोस वो गधा ये सुन नहीं पाया।”
“अर्जुन जी हमारे दिल की बात उनके दिल तक पहुँच जाएगी लेकिन आज कुछ लोग हमारे दिल से उतर गए,,,,,,,,!!”,मीरा ने उदास होकर कहा
“उदास नहीं होते मीरा कभी कभी सच को बाहर लाने के लिये कठोर बनना पड़ता है वैसे ये खत उस फाइल में कैसे आया ? और ये पढ़ने के बाद भी तुमने सौंदर्या की बात का विरोध कर दिया,,,,,,,,,,,,,,क्या ये खत सच में तुम्हारे पापा ने लिखा है ? क्या अमायरा की किडनेपिंग के पीछे उनका हाथ है,,,,,,,,,,,?”,सोमित जीजू ने गंभीरता से कहा
मीरा ने पलटकर अमर जी को देखा जिन्हे नौकर खाना खिला रहा था। मीरा मुस्कुरायी और फिर सोमित जीजू की तरफ देखकर कहने लगी,”हम मानते है हम थोड़े सीधे है , बेवकूफ हैं लेकिन इतने भी नहीं है कि सही गलत में फर्क ना कर पाए,,,,,,,,,,ये हैंडराइटिंग हमारे पापा की है लेकिन ये खत उन्होंने नहीं लिखा है।”
“तुम ये इतना यकीन के साथ कैसे कह सकती हो मीरा ?”,अर्जुन ने हैरानी से कहा
“इस खत में लिखा एक शब्द “तुम” , हमारे पापा ने हमे कभी “तुम” कहकर सम्बोधित नहीं किया ,, वो लिख सकते है ये बात हम काफी पहले ही जान गए थे लेकिन वो ये सब नहीं लिख सकते। ये सब के पीछे जिसका हाथ है हम उन्हें भी जानते है और बहुत जल्द उनका असली चेहरा सबके सामने आने वाला है। हमने आप सब का , राधा माँ का , बाकि घरवालों का बहुत दिल दुखाया और सबसे ज्यादा दिल हमने अक्षत जी का दुखाया है,,,,,,,,,,,,,,हम आप सबसे माफ़ी,,,,,,,,,,!!”,
मीरा ने हाथ जोड़ने चाहे तो अर्जुन ने उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”हे मीरा ! क्या कर रही हो ? तुम्हे हम सबसे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है ,, इन्फेक्ट हम में से तो कोई तुम से नाराज भी नहीं है। घर में सब आज भी तुम्हारे लौट आने का इंतजार कर रहे है,,,,,,,,,,तुम्हारे अपने घर में”
मीरा ने सुना तो हल्का सा मुस्कुरा दी और कहा,”हम जल्दी आएंगे अर्जुन जी , लेकिन उस से पहले बहुत से लोगो के चेहरों से नकाब उतरना बाकि है।”
“हाँ और हमारे साले साहब से माफ़ी मांगना भी,,,,,,,,,,,,बहुत दिल दुखाया है आपने उनका मीरा जी”,सोमित जीजू ने झूठ मुठ का नाराज होते हुए कहा
“ठीक है मांग लेंगे,,,,,,,,,,,ऐसे माफ़ी मांगे तो वो हमे माफ़ करेंगे न ?”,मीरा ने अपने दोनों कान पकड़कर कहा
सोमित जीजू ने देखा तो मुस्कुराये और कहा,”अब ऐसे माफ़ी मांगोगी तो कौन माफ़ नहीं करेगा ? बस मीरा बहुत दिल दुखा लिया तुम दोनों ने एक दूसरे का अब प्लीज अक्षत फिर से बिखरे इस से पहले समेट लो उसे,,,,,,,,,,,
वो लड़का तुम्हारे बिना कभी खुश नहीं रह सकता , बहुत रोया है वो तुम्हे याद करके , बहुत तकलीफ से गुजरा है उसे अगर इस जिंदगी में सबसे ज्यादा जरूरत किसी की है तो वो तुम हो मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,अपने सडु की जिंदगी में वापस लौट आओ प्लीज”
सोमित जीजू को अक्षत के लिये भावुक होते देखकर मीरा ने उनके हाथ को थामा और कहा,”हम्म्म आई ऍम सॉरी , आई ऍम रियली सॉरी,,,,,,,,,,,!!”
सोमित जीजू खुद को नहीं रोक पाए उन्होंने मीरा को अपने सीने से लगाकर कहा,”बस , अब एक आँसू नहीं,,,,,,,,,अब इस मोहब्बत में फिर से खुशिया होगी।”
अर्जुन ने माहौल थोड़ा नार्मल करने के लिए अपना फोन मीरा को देकर कहा,”मीरा ज़रा ये देखना”
मीरा ने अर्जुन के फोन में फोटो देखी तो मुस्कुरा उठी और सोमित जीजू की तरफ देखकर कहा,”तो इसलिए उन्हें हमारी याद नहीं आयी , हमारी कमी तो आप पूरी कर रहे थे ?”
“मतलब ?”,सोमित जीजू ने असमझ की स्तिथि में कहा
मीरा ने फोन जीजू के सामने कर दिया तो जीजू ने देखा ये उसी दिन वाली तस्वीर थी जब अक्षत उनकी गोद में सर रखकर सो रहा था। सोमित ने अर्जुन को देखा और मारने के लिये उसके पीछे भागने लगे।
मीरा ने वहा मौजूद लोगो में देखा लेकिन अक्षत उसे कही दिखाई नहीं दिय लेकिन मीरा का मन बेचैन था , उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे अक्षत यही कही हो और बस उसके सामने ना आ रहा हो। मीरा वही खड़ी होकर मन ही मन कहने लगी,”हमारा दिल कहता है अक्षत जी कि आप यही है , हम आपको महसूस कर सकते है। हम जानते है आपने वो सब सुना है जो हमने आपके लिये कहा,,,,,,,,,,,आप भी हमारे लिये वही महसूस करते है जो इस वक्त हम कर रहे है।
हम आपसे मिलना चाहते है , आपसे बात करना चाहते है , आपके साथ बैठकर ख़ामोशी से आपको देखते रहना चाहते है। बीते दिनों में हमने आपको जो तकलीफ दी उन तकलीफो का अहसास है हमे,,,,,,,,,,हम से दूर होकर जितने आँसू आपने बहाये हैं उस से कई गुना ज्यादा आंसू हमने आपकी याद में बहाये है,,,,,,,,,,ये सिर्फ बुरा वक्त था जो हमारे बीच आया और अब गुजर गया है। अक्षत जी क्या आप हमे सुन पा रहे है ? क्या आप हमे माफ़ करेंगे ? क्या आप अपनी मीरा को माफ़ करेंगे ?”
कहते हुए मीरा ने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर उन्हें होंठो से लगाकर गर्दन झुका ली।
कुछ ही दूर पेड़ के पास खड़ा अक्षत मीरा को एकटक देख रहा था। मीरा के अहसास सच्चे थे अक्षत यही था वो इस पार्टी से गया ही नहीं था। उसने वो सब सुना जो मीरा ने उसके लिये कहा। मीरा को लेकर उसके दिल में जो गुस्सा था वो सब गायब हो गया। अक्षत मीरा की तरफ आया और एकदम उसके पीछे से निकल गया।
मीरा को लगा जैसे अक्षत अभी अभी उसके पास से गुजरा हो वह बदहवास सी चारो और देखने लगी लेकिन अक्षत इस बार भी उसे नजर नहीं आया। अक्षत इस बार सच में वहा से चला गया और जाते जाते उसने पलटकर मीरा को देखा और मुस्कुरा उठा। कितने महीनो बाद आज अक्षत मुस्कुराया था।
गुस्से से भरी सौंदर्या घर के अंदर आयी उसे मीरा पर इतना गुस्सा आ रहा था कि उसका चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था। प्रत्याशा और जिज्ञाषा भी उनके पीछे पीछे अंदर चली आयी। अक्षत के कहे अनुसार राजकमल जी पहले ही छुप गए जिस से सौंदर्या को कुछ पता ना चले। हॉल में आकर सौंदर्या ने टी टेबल पर कहे फ्लॉवर पॉट को हाथ से जोर से मारा और गुस्से से कहा,”वो दो कौड़ी की मीरा खुद को समझती क्या है ?
सबके सामने मुझे नीचा दिखाकर उसे लगता है वो जीत जाएगी,,,,,,,,,,,,,वो मुझे जानती नहीं है , मैं अगर उसे अब तक सम्हाल सकती हूँ तो उसे तबाह भी कर सकती हूँ।”
कहते हुए सौंदर्या ने शो पीस उठकर हॉल में लगे शीशे की तरफ फेंक दिया। सौंदर्या अपनी हार को बर्दास्त नहीं कर पा रही थी। जिज्ञाषा ने देखा तो चुपचाप वहा से चली गयी लेकिन प्रत्याशा उनके पास आयी और कहा,”मम्मा , मम्मा ये क्या कर रही है आप ?
मीरा दी ने क्या गलत किया ? वो पहले से शादीशुदा है आपको उनके लिये ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी उन्हें कितना हर्ट हुआ होगा उस वक्त,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने देखा उनकी बेटी होकर वह मीरा की साइड ले रही है तो उन्होंने प्रत्याशा के बालो को पकड़ा और गुस्से से कहा,”और उसने मुझे जो तकलीफ दी है उसका क्या हाँ ? आज अगर वो अखिलेश से शादी के लिये हाँ कह देती तो उसकी सारी जायदाद मेरी हो जाती,,,,,,,,,,,लेकिन वो उस अक्षत व्यास के प्यार में पागल हो चुकी है।”
कहकर उन्होंने प्रत्याशा को पीछे धकिया दिया। मीरा के लिये उनकी आँखों में नफरत साफ झलक रही थी।
प्रत्याशा ने सौंदर्या का ये रूप आज पहली बार देखा था इसलिए कहा,”पागल वो नहीं मम्मा पागल आप हो गयी ,, दौलत और ऐशो आराम की इस चकाचोंध में आप सब भूल चुकी है। जिस दौलत के लिये आप ये सब कर रही है वो हमारी नहीं है मम्मा,,,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ हो गयी हूँ मैं पागल,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब मुझे चाहिए और मैं ये हासिल करके रहूंगी”,सौंदर्या ने गुस्से से चिल्लाकर कहा
प्रत्याशा ने सुना तो उसका दिल दुःख से भर आया जिस सौंदर्या को पूजती थी , अपना सब कुछ मानती थी जिनकी किसी बात को उसने आज तक नहीं टाला आज वही सौंदर्या उसके सामने इस रूप में खड़ी थी। सौंदर्या दौलत के लालच में इतनी अंधी हो चुकी थी कि वह रिश्ते नाते सब भूल चुकी थी। प्रत्याशा की आँखों में आँसू भर आये वह रोते हुए वहा से चली गयी।
सौंदर्या किसी हारे हुए सिपाही की तरह आकर सोफे पर बैठ गयी और अपनी गर्दन सोफे के हत्थे से लगा ली। उसका सर दर्द से फटा जा रहा था और आँखो में अब बेबसी के भाव तैर रहे थे। जीतने से पहले ही सौंदर्या सब हार चुकी थी और ये हार उसे बहुत महंगी पड़ने वाली थी।
खाना खाने के बाद सोमित जीजू और अर्जुन दोनों मीरा को सुबह उसके घर आने का कहकर चले गए। मीरा भी अमर जी के साथ घर चली आयी। घर में सौंदर्या को सोफे पर सोया देखकर मीरा ने नौकर से अमर जी को उनके कमरे में ले जाने को कहा। सौंदर्या ने जो किया उसके बाद भी मीरा के दिल में उनके लिये हमदर्दी थी लेकिन मीरा अभी पूरा सच कहा जानती थी। हॉल में ठण्ड है ये जानकर मीरा सौंदर्या के कमरे में आयी और वहा रखी कम्बल लाकर उन्हें ओढ़ा दी।
मीरा ने उन्हें सोने दिया इस वक्त उनसे बात करना मीरा को ठीक नहीं लगा इसलिए वह अपने कमरे में चली आयी। मीरा ने कपडे बदले और आकर बिस्तर पर लेट गयी। नींद मीरा की आँखो से कोसो दूर थी उसके जहन में कई ख्याल चल रहे थे। उसकी आँखों के सामने अक्षत का चेहरा आने लगा जब वो कुछ देर के लिए आया था। मीरा आज खुश थी लेकिन उदास भी कि जिस सौंदर्या भुआ को उसने माँ समझा वही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन निकली। मीरा ने नींद ना आते हुए भी अपनी आँखे मूंद ली और सुबह का इंतजार करने लगी।
अगली सुबह सौंदर्या उठी उसने खुद को हॉल में सोफे पर पाया तो उठकर बैठ गयी उसका सर अभी भी दर्द कर रहा था। सौंदर्या ने मंजू से कॉफी लाने को कहा। कॉफी पीने के बाद सौंदर्या उठी और अपने कमरे में आकर नहाने चली गयी उसे याद ही नहीं रहा कि एक दिन पहले ही उसने इस कबर्ड में राजकमल जी को बंद किया था। तैयार होकर सौंदर्या ने जैसे ही अपना ड्रॉवर खोला वहा से डॉक्युमेंट्स की फाइल गायब थी।
ये देखकर सौंदर्या का दिल धड़कने लगा। उसने फाइल को कमरे में यहाँ वहा ढूंढना शुरू कर दिया। उसने कबर्ड के सब कपडे बाहर फेंक दिए , सामान सारा इधर उधर कर दिया , पूरा कमरा छान मारा लेकिन सौंदर्या को वो फाइल कही नहीं मिली। सौंदर्या गुस्से और परेशानी के भाव चेहरे पर लिये बाहर आयी। हॉल में मंजू सफाई कर रही थी उसे देखकर सौंदर्या ने कहा,”मंजू क्या तुमने मेरे कमरे की सफाई की थी ?”
“नहीं मैडम मैं तो 4 दिन से आपके कमरे में भी नहीं गयी,,,,,,,,,,,,!”,मंजू ने कहा
“ऐसे कहा जा सकती है ?”,कहते हुए सौंदर्या हॉल में रखे फ़र्नीचर की दराजों में फाइल ढूंढने लगी। सोमित जीजू और अर्जुन सुबह सुबह मीरा से मिलने या यू कहो तमाशा देखने अमर जी के घर आ गए। सौंदर्या को एक तो फाइल नहीं मिल रही थी उस पर अर्जुन और सोमित जीजू को वहा देखकर उनका खून खौल गया। उन्होंने गार्ड को आवाज दी।
गार्ड अंदर आया तो सौंदर्या ने गुस्से से कहा,”किसकी परमिशन से तुमने इन्हे अंदर आने दिया ?”
“मीरा मैडम ने कहा है आज के बाद इस घर में कोई भी आ सकता है उसके लिये आपकी परमिशन की जरूरत नहीं,,,,,,,,,!!”,गार्ड ने कहा तो सोमित जीजू ने बड़ी सी स्माइल के साथ सौंदर्या भुआ को देखा जो की उन्हें चिढ़ाने के लिये काफी थी।
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