Haan Ye Mohabbat Hai – 82
मैनेजर अक्षत को लेकर ऑफिस के लोगो के बीच लेकर आया। अक्षत पहले अमर जी के पास आया और उनके पैर छूकर कहा,”कैसे है आप ?”
अक्षत के संस्कार देखकर वहा मौजूद बड़े बड़े लोग उस से इम्प्रेस हुए बिना ना रह सके। अक्षत को वहा देखकर अमर जी को भी बहुत ख़ुशी हुई , उनकी आँखे बता रही थी कि अक्षत को वहा देखकर वो कितना खुश थे। अखिलेश और सौंदर्या का तो मुंह बना हुआ था अक्षत के आ जाने से,,,,,,,,,,,लेकिन मीरा खुश थी हालाँकि उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया लेकिन वह खुश थी।
प्रत्याशा राजकमल जी को फोन लगा रही थी लेकिन उनका फोन अभी भी आउट ऑफ़ रीच आ रहा था और यही बात प्रत्याशा को परेशान कर रही थी बाकि जिज्ञाषा को कोई परवाह नहीं थी वह जूस का गिलास हाथ में पकडे मस्त ,लॉन में घूम रही थी। जिज्ञाषा ने जब अक्षत को देखा तो बस देखते ही रह गयी। मीरा की शादी के वक्त जिज्ञाषा मौजूद नहीं थी इसलिये वह नहीं जानती थी कि अक्षत कौन है ? गिलास हाथ में थामे वह सौंदर्या के पास आयी और कहा,”मम्मा ये हैंडसम कौन है ?”
“क्या तुम इसे नहीं जानती ? ये तुम्हारी बहन मीरा का पति अक्षत व्यास है।”,सौंदर्या ने नफरत से लेकिन धीमे स्वर में कहा
“वाओ ! व्हाट अ नेम अक्षत व्यास,,,,,,,,,,,,लेकिन ये वहा क्या कर रहा है इसे तो मेरे साथ होना चाहिए था”,जिज्ञाषा ने बेशर्मी से कहा
“जिज्ञाषा , भूलो मत वो तुम्हारी बहन के पति है,,,,,,,!!”,इस बार सौंदर्या ने गुस्से से कहा
“ओह्ह कम ऑन मम्मा ,, दुसरो की चीजों को छीनना आपसे बेहतर कौन जान सकता है ?”,कहते हुए जिज्ञाषा ने अपनी बांयी आँख दबाई और इतराते हुए वहा से चली गयी।
“इस लड़की का दिमाग खराब हो गया है।”,सौंदर्या ने कहा और वहा से चली गयी।
सबसे मिलने के बाद मैनेजर में एक बड़ा सा केक मंगवाया। चूँकि अमर जी के बाद अक्षत और मीरा इस कम्पनी के मालिक थे वे दोनों भी स्टेज पर चले आये। मैनेजर ने चाकू अक्षत को देकर कहा,”आप और मेडम साथ में केक काटिये सर”
अक्षत ने चाकू लिया और इधर उधर देखने लगा। स्टेज के कॉर्नर में घर के नौकर के साथ व्हील चेयर पर बैठे अमर जी दिखाई दिए। अक्षत ने चाकू मैनेजेर को देकर कहा,”एक मिनिट,,,,,,,!!”
अक्षत अमर जी की तरफ आया और व्हील चेयर लेकर अमर जी को ले आया। अक्षत घुटनो के बल बैठा तो दूसरी तरफ मीरा भी आ बैठी। अक्षत जी ने अमर जी के हाथ में चाकू पकड़ाया , उसके बाद मीरा और अक्षत ने एक साथ अमर जी का हाथ पकड़कर उस केक को काटा। ये देखकर सभी खुश हो गए। अक्षत ने सबसे पहले थोड़ा सा केक अमर जी को खिलाया उसके बाद मीरा को , मीरा ने जैसे ही अक्षत को खिलाना चाहा अक्षत वहा से नीचे चला आया। मीरा उदास हो गयी लेकिन अक्षत को इस से फर्क नहीं पड़ा वह फोन कान से लगाए साइड में चला गया।
अखिलेश ने अक्षत मीरा को साथ देखा तो सौंदर्या के पास आकर कहा,”ये सब क्या है ? वो अक्षत मीरा फिर साथ में है,,,,,,,,,,,,,क्या आप मेरे साथ कोई गेम खेल रही है ?”
अखिलेश को गुस्से में जलता देखकर सौंदर्या ने कहा,”रिलेक्स अखिलेश , उन दोनों को जितना खुश होना है हो लेने दो क्योकि थोड़ी देर बाद अक्षत व्यास खून के आँसू रोने वाला है।”
अक्षत फोन पर किसी से बात करने में बिजी था। मैनेजर ने मीरा को फाइल दी और कहा,”मेम आपको ये स्पीच देनी है।”
“हम्म , ठीक है”,मीरा ने फाइल लेकर कहा और माइक की तरफ चली आयी।
मैनेजर अर्जुन और सोमित जीजू के पास आया और कहा,”सर मैंने वो लेटर इसी फाइल में रखा है , अब मीरा मैडम इसे जरूर पढ़ लेगी और उस सौंदर्या भुआ का खेल ख़त्म समझो,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू ! बस अब मीरा के सामने सच आ जाये,,,,!!”,अर्जुन ने अपनी फिंगर क्रॉस करते हुए कहा
उधर मीरा ने माइक के सामने आकर फाइल को जैसे ही खोला सबसे ऊपर रखा एक खत उसे मिला। मीरा ने देखा उस खत में कुछ लिखा है। मीरा माइक में बोलने से पहले उस खत को पढ़ने लगी
“मीरा ,
ये खत लिखते हुए मुझे बहुत तकलीफ हो रही है लेकिन इसे लिखना बहुत जरुरी है ताकि तुम सच जान पाओ।
तुम्हारी बेटी अमायरा को किडनेप मेरे कहने पर किया गया था। हाँ मीरा , क्योकि मैं चाहता था कि अक्षत व्यास वो केस हार जाये।
मैं उस अक्षत से आज भी नफरत करता हूँ मीरा , मैं उसे कभी अपने दामाद के रूप में अपना ही नहीं पाया,,,,,,,,,,,,लेकिन मुझे नहीं पता था इन सब में अमायरा की मौत हो जायेगी ,, मैं उसे जान से मारना नहीं चाहता था मीरा लेकिन ये हादसा हो गया और वह इस दुनिया से चली गयी।
तुम्हारे घर आने के बाद मैं जान बुझकर काम का बहाना करके चला गया जिस से पुलिस को मुझ पर शक ना हो लेकिन मुझे मेरे कर्मो की भगवान ने दे दी।
आज मैं इस हालत में हूँ कि एक बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर हो गया हूँ। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना मीरा।”
मीरा ने जैसे ही ये खत पढ़ा उसका दिल टूट गया उसकी आँखों में भरे आँसूओ की मोती मोती बुँदे कागज पर आ गिरी। मीरा का शक सही निकला उसे अमर जी का जो कडा मिला था वो सच था। अमर जी ही अमायरा के कातिल है ये जानकर मीरा को बहुत दुःख हुआ। उस खत में आगे भी कुछ लिखा था मीरा नम आँखों के साथ उसे पढ़ने लगी
“मीरा , तुम्हारा पिता होने के नाते मैंने एक फैसला किया है , मैं जानता हूँ अक्षत तुम से रिश्ता तोड़ चुका है लेकिन मरने से पहले मैं चाहता हूँ तुम फिर से शादी करके अपना घर बसा लो,,,,,,,,,,,,,,,,वो इंसान कौन है ये तुम्हे सौंदर्या बतायेगी ?”
तुम्हारे पिता अमर,,,,,,,,,,,,!!
मीरा ने तड़पकर अमर जी की तरफ देखा वे प्यार से मीरा को ही देख रहे थे। उनकी आँखों में इस वक्त ऐसी मासूमियत थी जिसे देखकर कोई कह नहीं सकता अमर जी इतने कठोर हो सकते है। मीरा ने फाइल को बंद किया और सौंदर्या की तरफ देखा तो सौंदर्या मुस्कुराते हुए मीरा की तरफ चली आयी।
सौंदर्या को मीरा की तरफ आते देखकर सोमित जीजू ने कहा,”बस सौंदर्या को एक थप्पड़ पड़ने ही वाला है वो भी मीरा के हाथो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“किसे थप्पड़ पड़ने वाला है ?”,अक्षत ने सोमित जीजू के पास आकर कहा
“अरे साले साहब आप , थप्पड़ , मैंने तो कुछ नहीं कहा लगता है आपके कान बज रहे है।”,सोमित जीजू ने कहा
अक्षत वही खड़े होकर प्यार भरी नजरो से मीरा को देखने लगा। सौंदर्या मीरा के पास आयी और उसके हाथ से माइक लेकर कहा,”लेडीज एंड जेंटलमेन”
सोमित जीजू ने हैरानी से अर्जुन को देखा और कहा,”लेटर पढ़ने के बाद भी मीरा इतनी शांत कैसे है ?”
“कुछ समझ नहीं आ रहा,,,,!!”,अर्जुन ने धीरे से कहा
अक्षत को उन दोनों की बातो से मतलब नहीं था वह थोड़ा साइड में आ गया ताकि इत्मिनान से मीरा को देख सके। मीरा ने नम आँखों से अपने ठीक सामने खड़े अक्षत को देखा , उसका दिल भर आया वह अक्षत के पास आना चाहती थी। उसे बताना चाहती थी कि उसी के पिता ने नफरत के चलते उसकी बेटी को मार दिया लेकिन मीरा ने जैसे ही वहा ने जाने की कोशिश की सौंदर्या ने उसकी कलाई पकड़ ली और कहा,”मीरा एक मिनिट”
सौंदर्या ने माइक एक बार फिर अपने सामने किया और कहने लगी,”लेडीज एंड जेंटलमेंट ,, आज की शाम हसीन बनाने के लिये आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया,,,,,,,,,जैसा कि आप सभी जानते है आज मेरे प्यारे भाईसाहब की कम्पनी को 25 साल पुरे हो चुके है और उसी ख़ुशी में ये पार्टी रखी गयी है लेकिन एक खुशखबरी और है जो मैं आप सब लोगो के साथ शेयर करना चाहती हूँ। ये खुशखबरी भाईसाहब की दिली तमन्ना है।”
अक्षत के साथ साथ सभी उस खुशखबरी को सुनने के लिए उत्साहित हो गए सिवाय अर्जुन और सोमित जीजू के क्योकि उन्हें अब सब गड़बड़ लग रहा था।
सौंदर्या ने मुस्कुरा कर मीरा की तरफ देखा और कहा,”वो खुशखबरी ये है कि बहुत जल्दी हमारी प्यारी मीरा किसी की हमसफ़र बनने वाली है और “वो खुशनसीब इंसान है “अखिलेश”
अक्षत ने जैसे ही सुना उसका दिल धड़कना जैसे बंद हो गया। मीरा किसी और से शादी करने वाली है सुनकर ही उसे धक्का सा लगा। वही अर्जुन और सोमित जीजू भी हैरान थे।
सौंदर्या की बात सुनकर सबने तालिया बजायी और अखिलेश का चेहरा तो ख़ुशी से चमकने लगा।
मीरा ने जिसे अपने लिये चुना वो अखिलेश है ,, अक्षत वहा एक मिनिट और नहीं रह पाया और जाने के लिये पलट गया। मीरा ने सुना तो उसने सौंदर्या से कहा,”भुआ जी ये आप क्या कर रही है ? आप जानती है हम शादी शुदा है और अखिलेश,,,,,,,,,,,,,आप होश में तो है।”
“सबके सामने तमाशा मत करो मीरा,,,,,,,,,,,,,इस बारे में हम घर जाकर बात करेंगे , भाईसाहब का यही आदेश था और हम उनका आदेश नहीं टाल सकते “,सौंदर्या ने दबी आवाज में कहा
मीरा को समझ नहीं आ रहा था वह इस वक्त क्या करे और क्या नहीं ? वह सबसे पहले अक्षत से मिलना चाहती थी लेकिन वह अक्षत से मिल पाती इस से पहले ही सब मीरा को बधाई देने आने लगे।
सोमित जीजू और अर्जुन का प्लान फ़ैल हो चुका था अर्जुन का लिखा खत मीरा तक पहुंचा ही नहीं था। उसने देखा अक्षत वहा नहीं है तो सोमित जीजू से कहा,”अक्षत को कितना बुरा लगा होगा ?”
“बुरा तो लगेगा ही लेकिन मैं हैरान हूँ कि मीरा क्यों खामोश है , उसने कुछ क्यों नहीं कहा ?”,सोमित जीजू ने कहा
“मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा जीजू ,,, मीरा ऐसा क्यों कर रही है ?”,अर्जुन ने कहा
अर्जुन और सोमित जीजू अभी ये सब बातें कर ही रहे थे कि तभी मीरा की आवाज उनके कानों में पड़ी।
“लेडीज एंड जेंटलमेंट,,,,,,,,,,,,,अभी कुछ देर पहले आपने जो सूना वो सब एक ग़लतफ़हमी है,,,,,,,,,,हम पहले से शादीशुदा है और हमारे हमसफ़र का नाम “अक्षत व्यास” है।” कहते हुए मीरा ने गुस्से और नफरत के मिले जुले भाव से सौंदर्या को देखा। सौंदर्या हैरान थी मना करने के बाद भी मीरा ये सब बोल रही थी , सौंदर्या नहीं जानती थी कि मीरा उसका सच जान चुकी है।
अखिलेश ने सुना तो उसकी ख़ुशी फिर से मायूसी में बदल गयी। उसे लगा मीरा उस से शादी करने के लिये तैयार हो जाएगी लेकिन मीरा तो आज भी अक्षत से प्यार करती थी।
अखिलेश गुस्से और मायूसी में मीरा की बात सुनने लगा तो वही सोमित जीजू ने खुश होकर अर्जुन को साइड हग करते हुए कहा,”देखा मुझे पता था , मुझे पता मीरा ऐसा कुछ नहीं करेगी , वो हमारी मीरा है यार,,,,,,,,,,,!!”
“हमारी ?”,अर्जुन ने सोमित जीजू को छेड़ते हुए कहा
“मतलब हमारे साले साहब की,,,,,,,,,,,खरा सोना है हमारी मीरा ऐसे कैसे वो उस तुच्चे अखिलेश से शादी कर लेगी,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने कहा
“अच्छा ठीक है आगे सुनते हैं,,,,,,,!!”,अर्जुन ने कहा औ
र अपना ध्यान मीरा पर लगा लिया।
मीरा ने देखा उसकी बात सुनकर पार्टी में शांति पसर गयी है तो उसने आगे कहना शुरू किया,”इंसान की जिंदगी में वक्त और हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते है हमारे साथ भी कुछ ऐसा भी रहा,,,,,,,,,,हम उनसे दूर क्या हुए हमारे अपनों ने उन दूरियों को नफरत में बदल दिया लेकिन हमारे अपने हमारे दिलों में मौजूद उस मोहब्बत को नहीं मिटा पाए जो हमे एक दूसरे से थी और आज भी है।
हाँ हम आज भी उनसे बेइंतहा मोहब्बत करते है और हमे फक्र है खुद पर कि हम उनकी पत्नी है,,,,,,,,,,,,,सौंदर्या भुआ जी आप सब के सामने एक खुशखबरी का जिक्र किया था तो वो खुशखबरी ये है कि बहुत जल्द हम अपने घर वापस जा रहे है , वो घर जो हमारा अपना है , वो घर जहा हमारे अपने है , और वो घर जहा हमारी मोहब्बत है,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए मीरा की आँखों में आँसू भर आये। अर्जुन और सोमित की आंखे भी नम हो गयी। माहौल तालियों से गूंज उठा। सौंदर्या भुआ ने सुना तो गुस्से में वहा से चली गयी। अखिलेश भी चोट खाये शेर की तरह वहा से चला गया। पार्टी अभी जारी थी मैनेजर ने सबसे खाना खाने की रिक्वेस्ट की। मीरा ने माइक रखा और अमर जी की तरफ आयी।
अमर जी की आँखों में भरे आँसू देखकर मीरा घुटनो के बल उनके सामने आ बैठी और उनके हाथ को अपने दोनों हाथो में लेकर कहने लगी,”हम जानते है पापा वो खत आप नहीं लिख सकते,,,,,,,,,,जिन हाथो ने हमारा हाथ अक्षत जी के हाथो में सौंपा था वो हाथ हमारी मोहब्बत की निशानी अमायरा को नहीं मार सकते,,,,,,,,,,,,हमे माफ़ कर दीजिये हमने आपको गलत समझा , हमे माफ़ कर दीजिये”
अमर जी ने सुना तो अपना हाथ धीरे से उठाकर मीरा के सर पर रख दिया मीरा ने देखा तो उस हाथ को अपने हाथ में लेकर होंठो से छू लिया। सब वहा मौजूद थे बस अक्षत नहीं था
Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82
Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82 Haan Ye Mohabbat Hai – 82
Continue With Part Haan Ye Mohabbat Hai – 83
Visit Website sanjanakirodiwal
Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल