Haan Ye Mohabbat Hai – 81
अमर जी के घर में एक अनजान आदमी घुस आया था और गार्ड को इसकी खबर तक नहीं थी। गार्ड के अलावा भी घर में एक इंसान और था जो अमर जी के घर में कैद था। कबर्ड में बंद राजकमल जी को धीरे धीरे होश आया तो उन्होंने खुद को कबर्ड में बंद पाया। उनके मुँह पर पट्टी बंधी थी और हाथ भी बंधे हुए थे वे चाहते हुए अपने लिये किसी से मदद नहीं मांग पा रहे थे।
राजकमल जहन में सौंदर्या घूमने लगी और वे मन ही मन खुद से कहने लगे,”मुझे सौंदर्या को रोकना होगा , मुझे उसे रोकना होगा मीरा को सब सच बताना होगा वरना वो औरत सब बर्बाद कर देगी। उसने दामाद जी और मीरा के बीच जो ग़लतफ़हमी पैदा की है उनका ख़त्म होना बहुत जरुरी है वरना उनकी जिंदगी खराब हो जाएगी। मुझे यहाँ से बाहर निकलना होगा ,, उसे रोकना होगा।”
सोचकर राजकमल जी ने पैरो से कबर्ड को मारने की कोशिश की लेकिन वो खुद उसमे पैक थे ये उनके लिये बहुत मुश्किल था। उनका वहा से निकलना बहुत जरुरी था इसलिए आखिर में राजकमल जी ने अपने सर को कबर्ड पर मारना शुरू कर दिया।
इत्तेफाक से वह आदमी सौंदर्या के कमरे में चला आया। उसने छानबीन की लेकिन जब उसे कुछ नहीं मिला तो वह वापस जाने के लिये मूड गया। अगले ही पल उसके कानों में आवाज पड़ी जैसे कोई कबर्ड को ठकठका रहा है। आदमी कबर्ड की तरफ आया आवाज वही से आ रही थी। आदमी ने जैसे ही कबर्ड खोला अंदर बंद राजकमल जी को देखकर उसकी भँवे तन गयी। कबर्ड खुलने से हवा का एक झोंका अंदर आया और राजकमल जी ने राहत की साँस ली।
आदमी ने राजकमल जी को कबर्ड से बाहर निकाला , उनके मुंह और हाथ पर बंधी पट्टी को खोला तो राजकमल जी खाँसने लगे। आदमी ने टेबल पर रखा पानी का गिलास राजकमल जी की ओर बढ़ा दिया। उन्होंने पानी पीया और गिलास वापस बढ़ाते हुए कहा,”तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया , सही वक्त पर आकर तुमने मेरी जान बचाई”
आदमी ने कुछ नहीं कहा और वहा से जाने लगा तो राजकमल जी ने कहा,”तुम कौन हो ?”
आदमी राजकमल जी की तरफ पलटा और अपने चेहरे पर लगा मास्क हटा दिया। राजकमल जी ने जैसे ही अपने सामने खड़े आदमी का चेहरा देखा उन्होंने हैरानी से कहा,”दामाद जी आप ?”
राजकमल जी के सामने खड़ा वह आदमी कोई और नहीं बल्कि अक्षत व्यास था। अक्षत जानता था इस वक्त घर के सभी लोग पार्टी में होंगे इसलिए वह वहा ना जाकर अमर जी के घर चला आया। अक्षत यहाँ क्यों आया था ये तो सिर्फ अक्षत ही जानता था लेकिन यहाँ आकर वह खुद हैरान था। अक्षत समझ नहीं पाया इस घर के दामाद की ये हालत कैसे ? वह राजकमल जी के पास आया और कहा,”आप यहाँ ऐसे ? आपको कबर्ड में बंद किसने किया ?”
अक्षत का सवाल सुनकर राजकमल जी के चेहरे पर गुस्से और नफरत के भाव तैरने लगे। उन्होंने गुस्से से कहा,”ये सब मेरी अपनी ही पत्नी और मीरा की भुआ सौंदर्या ने किया है।”
अक्षत ने सुना तो हैरानी से राजकमल जी को देखने लगा। राजकमल जी ने अक्षत को देखा और कहने लगे,”हाँ दामाद जी ये सच है मुझे यहाँ कैद करने वाली कोई और नहीं मेरी अपनी पत्नी सौन्दर्या थी।”
“लेकिन उन्होंने आपके साथ ऐसा क्यों किया ?”,अक्षत ने पूछा
राजकमल जी ने अक्षत को सारी बाते बता दी। उन्होंने बताया कैसे सौंदर्या ने उसके पर मीरा के बीच गलतफहमियां पैदा की , कैसे उसने मीरा के मन में अक्षत और उसके परिवार को लेकर जहर घोला। ये सब बताते हुए कई बार राजकमल जी भावुक हुए लेकिन उन्होंने अक्षत को सब बता दिया।
अक्षत को ये सब सुनकर ज्यादा हैरानी नहीं हुयी वह बिना किसी भाव के राजकमल जी को देखे जा रहा था और उनकी सुन रहा था जैसे उसे सौंदर्या भुआ के बारे में सब पहले से पता हो। अक्षत को खामोश देखकर राज कमल जी ने कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये दामाद जी , मैं भी आपका दोषी हूँ। मैंने पहले ही अगर सौंदर्या को ये सब करने से रोक लिया होता तो आज हालत इतने खराब ना होते,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दीजिये।”
अक्षत ने देखा राजकमल जी हाथ जोड़कर उस से माफ़ी मांग रहे है तो उसने उनके हाथो को थामते हुए कहा,”ये क्या कह रहे है आप ? आप मुझसे बड़े है आपको मुझसे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है लेकिन सौंदर्या भुआ ने ऐसा क्यों किया ?”
राजकमल जी ने अक्षत को देखा और कहा,”दौलत , अमर जी की दौलत पाने के लिये उसने ऐसा किया।
शुरू से ही सौंदर्या की नजर अमर जी की जायदाद पर थी , उसे लगा अमर जी से अच्छे रिश्ते बनाने के बाद अमर जी अपनी ये सारी जायदाद उसके नाम कर देंगे लेकिन अमर जी ने अपनी सारी जायदाद मीरा के नाम कर दी और अपना महल अपनी नातिन के नाम जिस महल में अभी हम लोग रहते है। सौंदर्या उस महल को हड़पना चाहती थी इसलिये उसने ये गन्दा जाल बिछाया जिसमे आप और मीरा फंस गए।”
महल का नाम सुनकर अक्षत का दिमाग ठनका उसे याद आया मीरा के पापा ने एक बार अमायरा के कहने पर अजमेर वाला महल उसके नाम कर दिया था। उसके कुछ दिन बाद ही अमायरा किडनेप हुई और फिर उसकी मौत,,,,,,,,,,,,,अक्षत के दिमाग में विचारों का जमावड़ा लग गया और वह बड़बड़ाया,”तो क्या अमायरा की मौत में सौंदर्या बुआ का हाथ,,,,,,,,,,!!”
राजकमल जी ने सुना तो कहा,”मुझे उस औरत पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है , पैसो के लिये वो किसी भी हद तक जा सकती है,,,,,,,,,,,अमायरा की किडनेपिंग में सौंदर्या का हाथ है या नहीं मैं ये नहीं जानता लेकिन अगर उसे अब नहीं रोका गया तो वह सबकी जिंदगी तबाह कर देगी। आज सुबह ही उसने मीरा से कहा कि वह अमायरा के कातिल को जानती है। उसने ये भी कहा कि आज रात कुछ बड़ा होने वाला है जिसके बाद मीरा की जिंदगी हमेशा के लिये बदल जाएगी।
दामाद जी हमे वहा चलकर उसे रोकना होगा , उसका सच सबके सामने लाना होगा।”
राजकमल जी की बात सुनकर अक्षत सोच में पड़ गया धीरे धीरे चीजे उसकी समझ में आ रही थी लेकिन वह एकदम से कोई फैसला लेकर हालातों को बिगाड़ना नहीं चाहता था वह जानता था सौंदर्या भुआ कितनी शातिर औरत है मीरा के सामने खुद को बचाने के लिये वह किसी भी हद तक जाएगी ,,
अमायरा के कातिल के रूप में कही राज कमल जी को ही ना फंसा दे सोचकर अक्षत ने कहा,”सुनिए ! ये वक्त गुस्से और जल्दबाजी में फैसला लेने का नहीं है ,, हमे सोच समझकर सौंदर्या भुआ का सच मीरा के सामने लाना होगा वरना वो भरोसा नहीं करेगी,,,,,,,,,,,,,,इस वक्त वहा मीरा के पापा से जुड़े कई बड़े बड़े लोग होंगे उनके सामने किसी भी तरह का तमाशा मीरा और उसके पापा के परिवार की इमेज खराब कर सकता है।
आप यही रुकिए मैं वहा जाता हूँ , अगर उन्होंने आपको वहा देखा तो वो अपना प्लान बदल देगी और उनका सच कभी सामने नहीं आ पायेगा। मैं वादा करता हूँ कल सुबह मीरा के सामने सब सच आ जाएगा और ये खुद सौंदर्या भुआ करेगी। आप मुझ पर भरोसा कर सकते है,,,,,,,,,,!!”
अक्षत की बात सुनकर राजकमल जी उसके पास आये और कहा,”मैं गर्व के साथ कह सकता हूँ कि मीरा ने अपने लिए बहुत सही जीवनसाथी चुना है। जिस परिवार के लोगो ने आपको इतना दर्द और तकलीफ दी आज आप उसी परिवार की इज्जत और मान सम्मान के बारे में सोच रहे है। खुश रहो बेटा,,,,,,,,मैं आपके साथ हूँ और आप पर भरोसा करता हूँ आप सब ठीक कर देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कल की सुबह सौंदर्या के लिये इस घर में आखरी सुबह होगी,,,,,,,,,,आप जाईये बेटा , आप जाईये”
राजकमल जी के मुंह से अपने लिये दामाद की जगह बेटा शब्द सुनकर अक्षत को अच्छा लगा वह हल्का सा मुस्कुराया और राजकमल जी के गले गलकर कहा,”अपना ख्याल रखियेगा मैं कल सुबह आपसे मिलता हूँ।”
कहकर अक्षत वहा से चला गया।
अखिलेश को अपनी बांहो में थामे सोमित जीजू लॉन में खड़े थे और दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। सोमित जीजू को जब इस बात का अहसास हुआ तो उन्होंने जल्दी से अखिलेश को छोड़ दिया और बेचारा अखिलेश नीचे जमीन पर आ गिरा। अखिलेश को नीचे गिराकर सोमित जीजू वहा से फरार हो गए और भीड़ में कही छुप गए। अखिलेश को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन फ़िलहाल के लिये वह चुप था।
सोमित जीजू भीड़ में अकेले ही डांस कर रहे थे कि तभी घूमते हुए पार्टनर्स चेंज हुए और सौंदर्या भुआ एकदम से सोमित जीजू के सामने आ गयी। सोमित जीजू ने ध्यान नहीं दिया और सौंदर्या भुआ की कमर में हाथ डालकर उनके साथ डांस करने लगे। जैसे ही उन्होंने देखा उनके सामने कोई अप्सरा न होकर सौंदर्या भुआ है तो जान उनकी हलक में ही अटक गयी। उन्होंने खिंसिया कर सौंदर्या भुआ को देखा और जैसे ही दूर हटने को हुए सौंदर्या भुआ ने उनके कंधे पर अपना हाथ मजबूती से रख लिया जैसे वे सोमित जीजू को जाने से रोकना चाहती हो।
मीरा के साथ डांस करते हुए अर्जुन ने कहा,”ये नाराजगी कब तक चलेगी मीरा ?”
“किसे जहा हम आप सब से नाराज है ?”,मीरा ने कहा
“तो फिर घर कब आ रही हो ?”,अर्जुन ने आस भरे स्वर में कहा
अर्जुन की बात सुनकर मीरा उदास हो गयी और कहा,”अर्जुन जी ! आप तो जानते है ना जब तक अक्षत जी नहीं चाहते हम उस घर में वापस नहीं आ सकते , हमने उनका बहुत दिल दुखाया है , उन्हें बहुत तकलीफ दी है वो हमे कभी माफ़ नहीं करेंगे,,,,,,,,,वो हम से नफरत करने लगे है,,,,,,,,,,!!”
“वो तुम से नफरत करता तो यहाँ नहीं आता,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने एक प्यारी सी स्माइल के साथ कहा
“हम समझे नहीं,,,,,,!!”,मीरा ने असमझ की स्तिथि में कहा
अर्जुन ने मीरा की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसका हाथ पकड़कर उसे पीछे घुमा दिया। घूमते हुए मीरा अपने पीछे खड़े अक्षत की बांहो में आ गिरी। अक्षत को वहा देखकर मीरा का दिल जोरो से धड़कने लगा। अक्षत ने मीरा को देखा तो बस देखते ही रह गया और वहा बजते म्यूजिक ने भी उनका खूब साथ दिया
“आयी ऐसी रात है जो , बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया , वो मेरे करीब है”
सुनकर मीरा जैसे ही अक्षत से दूर होने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस अपनी ओर किया और उसके साथ डांस करने लगा अक्षत ने ऐसा जान बूझकर किया क्योकि इस वक्त सौंदर्या की नजरे उन दोनों पर ही थी। अक्षत के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वह ख़ामोशी से मीरा के चेहरे की तरफ देखते हुए उसके साथ डांस कर रहा था।
“अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने जैसे ही कुछ कहना चाहा अक्षत ने उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रखते हुए कहा,”शशशशशश,,,,,!!”
बेचारी मीरा इसके बाद कुछ बोल ही नहीं पायी , वह अक्षत को समझ नहीं पा रही थी। उस से नफरत करने वाला अक्षत एकदम से उसके करीब चला आया।
सौंदर्या ने जब देखा तो गुस्से में अपना पैर जमीन पर दे मारा लेकिन वो भूल गयी जमीन से ऊपर सोमित जीजू का पैर था और सौंदर्या का पैर उनके पैर पर लगा था। बेचारे सोमित जीजू ना कुछ बोल पाये ना कुछ कर पाए
“ये अक्षत यहाँ क्यों आया है ?”,सौंदर्या ने सोमित जीजू की तरफ देखकर गुस्से से पूछा
“मुझे क्या पता , खुद जाकर क्यों नहीं पूछती ?”,सोमित जीजू ने चिढ़ते हुए कहा
उनके जवाब पर सौंदर्या को और गुस्सा आ गया और उसने दबी आवाज में कहा,”तुम सबने मेरा जीना मुश्किल कर रखा है। बस कुछ देर और उसके बाद हमेशा हमेशा के लिये व्यास फॅमिली का इस घर में आना बंद ना करवा दिया तो मेरा नाम सौंदर्या नहीं”
“तो कब बदल रही हो अपना नाम ?”,सोमित जीजू अब तक सौंदर्या भुआ के साथ सहज हो चुके थे इसलिए लोगो को दिखाने के लिये उनके साथ डांस करते हुए कहा
“क्या ? क्या मजाक है ? सौंदर्या आज तक कभी अपने किसी भी प्लान में फ़ैल नहीं हुई है , समझे तुम !”,सौंदर्या ने सोमित जीजू का मजाक उड़ाते हुए कहा
“लेकिन अब होने वाली हो , तुम्हारे पाप का घड़ा अब भर चुका है , घड़ा नहीं बल्कि 8-10 घड़े भर चुके है और वो बस फूटने वाले है,,,,,,,,,,,,,,,,और अब तो तुम्हारे प्लान में मैं आ गया हूँ अब तो मैं सब घड़े फोड़ के ही जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,और तुम सौंदर्या की जगह ना अपना नाम अग्नि देवी रख लो क्योकि जितनी आग तुमने लोगो की जिंदगी में लगाई है ना ये नाम तुम पर ज्यादा सूट करेगा,,,,,,,,,!”,कहते हुए सोमित जीजू ने सौंदर्या को घुमा दिया और बेचारी सौंदर्या घूमते हुए अखिलेश की बांहो में जा गिरी।
अखिलेश ने सौंदर्या को सम्हाला तो सौंदर्या ने गुस्से से कहा,”इन लोगो को यहाँ किसने इन्वाइट किया है ?”
“ये सब उस मैनेजर का किया धरा है उसी ने इन सब को यहाँ बुलाया है।”,मैनेजर ने कहा
“वैसे अच्छा किया इनकी आँखों के सामने आज की अनाउंसमेंटहोगी होगी तब इन्हे इनकी औकात पता चलेगी,,,,,,,,,,,!”,सौंदर्या ने नफरत भरे स्वर में कहा
अक्षत मीरा को सबके बीच छोड़कर साइड में चला गया। उसने देखा सोमित जीजू और अर्जुन भी वहा है तो वह उनकी तरफ चला आया। अक्षत को वहा देखते
ही अर्जुन ने ताना मारा,”तुम यहाँ ? तुम्हे यहाँ किसने इन्वाइट किया ?”
अक्षत कुछ कहता इस से पहले ही अमर जी का मैनेजर अक्षत के पास आया और उस से हाथ मिलाते हुए कहा,”वेल कम सर , आपने आने में बहुत देर की सब आपका ही इंतजार कर रहे थे। प्लीज कम”
अर्जुन बेचारा देखता ही रह गया तो सोमित जीजू ने कहा,”भूल गए , अमर जी की कम्पनी ने 50% शेयर्स के मालिक अक्षत व्यास है वो”
“हम्म्म !”,अर्जुन ने कहा और सोमित जीजू के साथ आगे चला आया।
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