Sanjana Kirodiwal

Haan Ye Mohabbat Hai – 65

Haan Ye Mohabbat Hai – 65

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मीरा नहीं जानती थी जो दूध वह अमर जी को पीला रही है उसमे सौंदर्या ने दवा मिलायी है। वह अमर जी के चेहरे की तरफ देखते हुए वही बैठी रही और अमर जी ख़ामोशी से मीरा के हाथो दूध पीते रहे। मीरा का उदास चेहरा देखकर अमर जी को समझ आ रहा था कि मीरा किसी बात से परेशान है लेकिन सौंदर्या के सामने वे मीरा से कुछ पूछना नहीं चाहते थे। मीरा ने मंजू से इशारा करके अमर जी को नाश्ता खिलाने को कहा और उठकर वहा से चली गयी।

सौंदर्या भी मीरा के पीछे पीछे आयी और कहा,”मीरा ! वो मैं ये कह रही थी , पार्टी में किस किस को इन्वाइट करना है ? मैं सोच रही थी क्यों ना अजमेर से अपनी बेटियों और राजकमल जी को भी बुला लू , बाकि बड़े भाईसाहब और विवान भाईसाहब तो आकर मिले भी नहीं उन्हें तो क्या ही इन्वाइट करना ?”


“आपको जो ठीक लगे भुआजी,,,,!!”,मीरा ने कहा और वहा से चली गयी। मीरा इस वक्त किसी से बात करना नहीं चाहती थी वह कुछ वक्त अकेले बिताना चाहती थी। सौंदर्या ने सुना तो ख़ुशी ख़ुशी अपनी बेटी को फोन लगाने लगी और उस से बात करते हुए वहा से चली गयी।

एक अनजान आदमी के कहने पर विक्की ने प्रॉपर्टी के लिये सिंघानिया जी से झगड़ा तो कर लिया लेकिन अपने पापा से इस तरह बात करके विक्की को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। घर में विक्की का बिल्कुल मन नहीं लग रहा था इसलिए वह उठा कपडे बदले और गाड़ी लेकर घर से निकल गया

गाड़ी की स्पीड सामान्य से तेज थी और साथ ही विक्की के जहन में चलने वाले ख्याल भी। विक्की काफी उलझा हुआ था उसके साथ जो कुछ हो रहा था वह काफी गलत था। विक्की पहले से काफी बदल चुका था , छवि को लेकर भी उसकी भावनाये बदल चुकी थी। उसके दिल में अब छवि के लिये नफरत नहीं थी बल्कि उसे छवि की परवाह होने लगी थी और ऐसा क्यों था विक्की खुद नहीं जानता था।

विक्की की गाडी सिंघानिया जी की कम्पनी से गुजरी तो विक्की ने गाड़ी को ब्रेक लगाया और गाड़ी से बाहर निकला। विक्की ने देखा कम्पनी के गेट पर बड़ा सा ताला लगा था। ये देखकर विक्की को बहुत दुःख हुआ। वह कम्पनी जिसे सिंघानिया जी ने कड़ी मेहनत से खड़ा किया था आज उसी कम्पनी के गेट पर ताला लगा था।

विक्की वही खड़ा कुछ देर कम्पनी के दरवाजे को देखता रहा। विक्की गाड़ी की तरफ पलटा और जैसे ही दरवाजा खोलने लगा उसकी नजर बगल से गुजरते अपने दोस्त कुमार पर पड़ी। कुमार ने विक्की को नहीं देखा और सीधा वहा से निकल गया। विक्की ने घूमकर देखा कुमार एक बड़ी सी बिल्डिंग में जा रहा था जिसमे कुछ ऑफिस , बैंक , और प्राइवेट क्लिनिक थे।


“कुमार यहाँ क्या कर रहा है ?”,विक्की बड़बड़ाया और फिर अपनी गाड़ी लेकर उसी बिल्डिंग के पार्किंग एरिया में चला आया। विक्की गाड़ी पार्किंग में लगाकर जैसे ही बिल्डिंग के एंट्री गेट पर आया कुमार वहा नहीं था। विक्की अंदर चला आया वह यहाँ वहा देखते हुए कुमार को ढूंढ रहा था। विक्की ने ऊपर गर्दन  उठाकर देखा तो कुमार उसे चौथे माले पर दिखा। सीढ़ियों से टाइम लगेगा सोचकर विक्की लिफ्ट की तरफ आया। लिफ्ट के दरवाजे बंद होने वाले थे विक्की ने जल्दी से बटन दबाया दरवाजे फिर खुल गए और विक्की सामने देखे बिना ही लिफ्ट के अंदर चला आया।

उसी लिफ्ट में विक्की के बगल में छवि खड़ी थी। छवि यहाँ अपनी डॉक्टर से मिलने आयी थी। उसके हाथ में ट्रीटमेंट फाइल और बैग था , साथ में पानी की एक बोतल भी। पिछले कुछ दिनों से छवि काफी कमजोर और थका हुआ महसूस कर रही थी इसलिये माधवी जी के बार बार कहने पर वह डॉक्टर से मिलने चली आयी। विक्की ने जैसे ही अपने बगल में खड़ी छवि को देखा तो उसका दिल धड़क उठा। लिफ्ट में उन दोनों के अलावा कोई नहीं था। छवि ने जैसे ही विक्की की तरफ देखा विक्की सामने देखने लगा और लिफ्ट के रुकने का इंतजार करने लगा।

विक्की का दिल किया छवि से पूछे कि वह यहाँ क्यों है ? जैसे ही उसने पूछने के लिये छवि की तरफ देखा लिफ्ट तीसरे माले पर आकर रुकी और छवि वहा से चली गयी। जाते जाते छवि के हाथ में पहना ब्रासलेट खुलकर वही लिफ्ट में गिर गया। विक्की ने उसे उठाया और छवि को वापस देने के लिये जैसे ही लिफ्ट से बाहर आया छवि उसे क्लिनिक के अंदर जाती दिखाई दी। विक्की कुमार को भूल गया और छवि के पीछे क्लिनिक में चला आया। उसने देखा छवि बेंच के पास खड़ी है तो विक्की उसके पास आया और कहा,”छवि !”


विक्की की आवाज सुनकर छवि पलटी उसने देखा उसके पीछे पीछे विक्की क्लिनिक तक आ गया है तो उसने थोड़ा गुस्से से लेकिन धीमी आवाज में कहा,”क्या तुम मेरा पीछा कर रहे हो ? देखो विक्की मुझे तुम से कोई मतलब नहीं है प्लीज इस तरह मेरे पीछे आना बंद करो। ये सब करके अगर तुम्हे लगता है मैं तुम्हे माफ़ कर दूंगी या तुम्हे सही समझने लगूंगी तो तुम ग़लतफ़हमी में हो।

मैं आज भी तुम से उतनी ही नफरत करती हूँ जितना कल करती थी। आज मैं जिन हालातों में हूँ सिर्फ तुम्हारी वजह से हूँ। जिस इंसान ने मेरी जिंदगी को नर्क से भी बद्दतर बना दिया उन इंसान को मैं कैसे माफ़ कर सकती हूँ ? चले जाओ यहाँ से प्लीज”
छवि की कड़वी बाते सुनकर भी विक्की खामोश रहा

उसने कुछ नहीं कहा ना ही उसके चेहरे पर किसी तरह के भाव थे। उसने अपनी हथेली को आगे कर दिया जिस पर छवि के हाथ का ब्रासलेट रखा था। छवि ने उसे देखा तो उठाया और कहा,”ये तुम्हारे पास,,,,,,,!!”
“लिफ्ट में मिला , मुझे लगा ये तुम्हारा है इसलिये देने चला आया।”,विक्की ने बिना किसी भाव के कहा
“थैंक्यू,,,,,,,!!”,छवि ने झेंपते हुए कहा बिना सच जाने उसने विक्की को इतना सब जो बोल दिया था।
“इट्स ओके ! मैं तुम्हारा पीछा नहीं कर रहा था बस किसी और काम से यहाँ आया था”,विक्की ने कहा


छवि ने सूना तो विक्की के चेहरे की तरफ देखने लगी। ना जाने क्यों छवि को विक्की आज रोजाना से ज्यादा मायूस नजर आया वह एकटक उसकी आँखों को देखते रही जिनमे खालीपन पसरा था। छवि को अपनी ओर देखते पाकर विक्की ने नजरे झुका ली। छवि की तंद्रा टूटी उसने बैग और फाइल पकडे पकडे ही दूसरे हाथ से ब्रासलेट पहनने की कोशिश करने लगी लेकिन ब्रासलेट बार बार फिसला जा रहा था। विक्की ने देखा तो कहा,”may i ?”


विक्की ने इतने प्यार से पूछा कि छवि उसे मना नहीं कर पायी और ब्रासलेट उसकी ओर बढ़ा दिया। विक्की ने ब्रासलेट अपने हाथो में लिया और छवि की कलाई पर पहनाने लगा। ऐसा करते हुए उसका ध्यान सिर्फ छवि के हाथ पर था , हालंकि उसके हाथ काफी ठन्डे भी थे। छवि ने महसूस किया विक्की के इतना करीब होने के बाद भी उसे वो बेचैनिया महसूस नहीं हुई जो उस रात फार्म हॉउस पर हो रही थी। छवि समझ नहीं पा रही थी आखिर सच क्या था ? वो जो छवि जानती थी या वो जो विक्की बता रहा था ?


विक्की ने छवि के हाथ में ब्रासलेट पहनाया और जैसे ही पीछे हटा केबिन से बाहर आकर नर्स ने कहा,”छवि दीक्षित,,,,,,,,आपको डॉक्टर ने बुलाया है ?”
छवि की तंद्रा टूटी वह अपना सामान लेकर जैसे ही केबिन की ओर आने लगी नर्स ने फिर कहा,”मैडम ! बैग और बाकि सामान अपने हसबैंड को दे दीजिये,,,,,,,,,!!”


नर्स की बात सुनकर विक्की और छवि दोनों ने एक दूसरे को देखा , नर्स की बात पर दोनों असहज हुए लेकिन विक्की ने आगे बढ़कर छवि के हाथ से बैग और पानी का बोतल लेकर कहा,”तुम जाओ,,,,,,,!!”
छवि विक्की को समझ नहीं पा रही थी। ना वह उस पर भरोसा कर पा रही थी। विक्की छवि का बैग और पानी का बोतल लेकर वहा पड़ी बेंच पर आ बैठा और छवि डॉक्टर के केबिन की तरफ चली गयी।

उसी क्लिनिक की दिवार के पास छुपा कुमार विक्की को साफ देख पा रहा था। कुमार विक्की से इस तरह क्यों छुप रहा था ये तो सिर्फ कुमार ही जानता था लेकिन विक्की को वहा देखकर कुमार धीरे से बड़बड़ाया,”विक्की यहाँ क्या कर रहा है ? और यहाँ किसके साथ आया है ? कही ये फिर छवि से नजदीकियां तो नहीं बढ़ा रहा ,, मुझे पता लगाना होगा लेकिन उस से पहले मुझे यहाँ से निकलना होगा।”


कुमार ये सब सोच ही रहा था कि तभी उसे साइड से धक्का लगा और उसके हाथ से वही दिवार के पास लगी टेबल पर रखा सामान नीचे आ गिरा। विक्की ने हड़बड़ाते हुए सामान उठाकर रखना शुरू किया लेकिन विक्की ने उसे देख लिया। विक्की ने छवि का सामान बेंच पर रखा और उठकर कुमार के पास आकर कहा,”कुमार,,,,,,,!!”
“अरे विक्की ! तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,कुमार ने विक्की को वहा देखकर उठते हुए कहा
“मेरी छोडो ये बताओ तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,विक्की ने सवाल किया


विक्की का सवाल सुनकर कुमार थोड़ा सपकपाया और कहा,”मैं , मैं वो , मैं यहाँ अपनी भाभी को लेकर आया था वो प्रेग्नेंट है ना तो आज डॉक्टर के साथ उनका अपॉइंटमेंट था। वो अपनी फाइल भूल गयी थी मैं बस वही लेने आया था। मैं चलता हूँ मुझे थोड़ा काम है शाम में मिलते है,,,,,,,,,,!!”
कहकर कुमार वहा से चला गया लेकिन जाते जाते उसकी फाइल से एक पेपर निकला और नीचे गिर गया जिसका ख्याल कुमार को नहीं था। विक्की ने उस कागज को उठाया और देखा तो उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी।

विक्की कुछ पल के लिये वही खड़ा रहा और समझने की कोशिश करने लगा आखिर अचानक से ये उसके सामने क्या आ गया ? विक्की कुमार को वह कागज लौटाने जैसे ही क्लिनिक से बाहर आया कुमार वहा से जा चुका था। विक्की लिफ्ट की तरफ जाने लगा लेकिन जाते जाते उसके कदम रुके और वह बड़बड़ाया,”कुमार ने कहा वो यहाँ अपनी भाभी के साथ आया था लेकिन कुमार ने तो बताया था उसकी फॅमिली में सिर्फ वो और उसकी माँ है फिर कुमार की भाभी ? क्या कुमार मुझसे कुछ छुपा रहा है ?”


“एक्सक्यूज मी,,,,,,,,,!!”,नर्स की आवाज विक्की के कानो में पड़ी तो उसकी तंद्रा टूटी। वह पलटा और नर्स के पास चला आया। नर्स ने विक्की को एक पेपर और ब्लड सेम्पल देकर कहा,”इन्हे वहा लेब में दे दीजिये , ये आपकी वाइफ के कुछ ब्लड टेस्ट के लिये है।”
“हम्म्म ठीक है”,विक्की ने सैम्पल लेते हुए कहा और लेब की तरफ बढ़ गया  

शाम होते होते अक्षत घर आया। आज अक्षत पूरा दिन कोर्ट से बाहर था वह किसी जरुरी काम में लगा था जिसके बारे में सिर्फ अक्षत जानता था। अक्षत घर आया अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाकर जैसे ही अंदर जाने लगा सामने से आते सोमित जीजू और अर्जुन से टकरा गया। अक्षत ने देखा सोमित जीजू और अर्जुन भैया हड़बड़ाहट में कही जा रहे थे अक्षत ने उन्हें ऐसे देखकर कहा,”आप दोनों इतनी जल्दी में कहा जा रहे है ? वो भी इस वक्त,,,,,,,!!”


“ऑफिस जा रहे है,,,,,,,,,,,!”,जीजू ने जल्दबाजी में कहा तो अर्जुन ने मन ही मन अपना सर पीट लिया और जीजू को पीछे कर खुद आगे आकर कहा,”तुम्हे ये क्यों जानना है ? क्या हम में से कोई तुम से कुछ पूछता है या तुम किसी को बताकर जाते हो नहीं ना,,,,,,,,,,,तो फिर तुम्हे भी नहीं पूछना चाहिए।”
अक्षत ने अर्जुन को घूरकर देखा और फिर अपनी नजरे नीचे करते हुए कहा,”आपको नहीं लगता इन दिनों आप मेरे साथ कुछ ज्यादा ही रुड हो रहे है ?”


“नहीं मुझे बिल्कुल नहीं लगता , एक्चुअली मैं भूल गया था मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूँ , अब जैसे जैसे याद आ रहा है मैं अपने बड़े भाई होने का फर्ज निभा रहा हूँ। अब हटो हमारे रास्ते से हमे जाने में देर हो रही है।”,अर्जुन ने कठोरता से कहा तो अक्षत साइड हो गया और अर्जुन आगे बढ़ गया। सोमित जीजू अर्जुन के पीछे आते हुए जैसे ही अक्षत के सामने से निकले अक्षत ने बुझे स्वर में कहा,”भाई की तरह आप भी,,,,,,,!!”


अक्षत अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया कि सोमित जीजू ने कहा,”सिर्फ बॉडी उसके साथ है बाकि दिल से हमेशा तेरे साथ हूँ।”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहा से चला गया।

सोमित जीजू पलटकर अक्षत को देखते आगे बढ़ रहे थे और एकदम से अर्जुन से टकरा गए।
“जीजू ! क्या कर रहे है आप देखकर चलिए ना,,!!”,अर्जुन ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे यार वो साले साहब ! लगता है उसको तुम्हारी बात का बुरा लग गया तुम्हे उनके साथ इतना भी कठोर नहीं होना चाहिए था।”,सोमित जीजू ने अक्षत की परवाह करते हुए कहा
“क्या आप सच में चाहते है अक्षत और मीरा के बीच सब ठीक हो जाये ?”,अर्जुन ने सीरियस होकर पूछा


“हाँ मैं चाहता हूँ मीरा इस घर में वापस आ जाये और साले साहब और उसके बीच की गलतफहमियां दूर हो जाये।”,सोमित जीजू ने भी उतनी ही गंभीरता से कहा
“तो फिर हमे अक्षत के साथ कठोर होना पडेगा। हमेशा के लिये उसका दिल जोड़ने के लिये एक बार उसका दिल तोड़ना होगा।”,अर्जुन ने कहा
“लेकिन वो कितना मायूस हो गया था अभी , मुझे उसके लिए दुःख हो रहा है।”,सोमित जीजू ने कहा
“क्यों ? आप उसकी गर्लफ्रेंड है ?”,अर्जुन ने सोमित जीजू की तरफ देखकर पूछा


“छी छी कैसी बातें करता है ,, मेरे बेटे जैसा है वो,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए कहा
अर्जुन भी ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर जीजू को अपने साथ लेकर वहा से चला गया। ऊपर हॉल की बालकनी में खड़ा अक्षत उन दोनों को जाते हुए देखता रहा।

Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65

Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65 Haan Ye Mohabbat Hai – 65

Continue With Haan Ye Mohabbat Hai – 66

Visit Website https://sanjanakirodiwal.com

Follow Me On instagram

संजना किरोड़ीवाल  

A Woman by Sanjana Kirodiwal
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

Exit mobile version