Sanjana Kirodiwal

Haan Ye Mohabbat Hai – 57

Haan Ye Mohabbat Hai – 57

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मीरा से बात करने के बाद मैनेजर ने फोन रखा और अपने सामने बैठे अर्जुन और सोमित जीजू को देखकर कहा,”सर आप लोग ये सही नहीं कर रहे है , अगर मैडम को पता चला तो मेरी नौकरी चली जाएगी।”
“कुछ नहीं होगा ! क्या तुम नहीं चाहते अक्षत और मीरा फिर से एक हो जाये ?”,अर्जुन ने शब्दों पर जोर देते हुए कहा
“और फिर दो प्यार करने वालो को मिलाना तो पुण्य का काम है। आपने भी तो कभी न कभी किसी से प्यार किया होगा।”,सोमित जीजू ने कहा


प्यार का नाम सुनकर मैनेजर सोच में पड़ गया। उसे खोया हुआ देखकर अर्जुन ने कहा,”चलो बहुत हो गया अब अक्षत को कॉल करो”
“सर ! सर अक्षत सर को नहीं , वो बहुत स्ट्रिक्ट है प्लीज मेरी नौकरी का सवाल है।”,मैनेजर ने मिमियाते हुए कहा
“तुम्हारी नौकरी कही नहीं जाएगी मैं वादा करता हूँ , अब फोन लगाओ उसे”,अर्जुन ने कहा

मैनेजर ने डरते डरते अक्षत को फोन लगाया। एक दो रिंग के बाद अक्षत ने फोन उठा लिया।
“हेलो ! अक्षत सर ,, एक्चुअली मैंने आपको ये बताने के लिये फोन किया है कि अगले हफ्ते अमर सर की कम्पनी को 25 साल पुरे हो जायेंगे और इसी ख़ुशी में एक बड़ी पार्टी रखी गयी है। आपको उस पार्टी में ऐज अ चीफ गेस्ट आना है। प्लीज सर मना मत कीजियेगा आई नो आप बहुत बिजी रहते है पर थोड़ा सा टाइम निकालकर वहा आएंगे तो सबको अच्छा लगेगा।”,मैनेजर एक साँस में पूरी बात कह गया


अक्षत ने सुना और कहा,”क्या मेरा आना जरुरी है ?”
फोन स्पीकर पर था जिस से अक्षत ने जो कहा वो अर्जुन और सोमित जीजू को भी सुना और दोनों ने मैनेजर को इशारा किया। मैनेजर ने आगे कहा,”जी सर आपका आना बहुत जरुरी है। अमर सर के बाद आप इस कम्पनी के 50% शेयर्स के मालिक है।”


“ठीक है मैं आ जाऊंगा”,अक्षत ने कहा
“थैंक्यू , थैंक्यू सो मच सर स ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मैनेजर बोलता ही रह गया लेकिन तब तक अक्षत फोन काट चुका था

 अक्षत आने के लिये तैयार है सोमित जीजू ने जब ये सुना तो मैनेजर को साइड हग किया और उसका गाल चूमते हुए कहा,”ये लगा तीर निशाने पर,,,,,,,,,,,तुम तो कमाल के आदमी हो यार मैनेजर,,,,,,,,,,,,,!!”
“सर मेरी नौकरी,,!!”,मैनेजर ने जैसे ही कहा अर्जुन बोल पड़ा,”तुम्हारी नौकरी कही नहीं जाएगी लेकिन हाँ पार्टी से पहले अगर तुमने कुछ गड़बड़ की तो मैं जरूर तुम्हे और तुम्हारी नौकरी को खतरे में डाल दूंगा”


अर्जुन को धमकी देते सुनकर सोमित जीजू उसके पास आये और अर्जुन के कंधो पर अपनी बाँह रखते हुए कहा,”अरे अरे साले साहब क्या कर रहे है , आप तो एकदम से गुंडे बन गए,,,,,,,,,,,,,,,,,है,,,,,,,,,,,,,,,,मैनेजर डोंट वरी ये ऐसा कुछ नहीं करेगा बस तुम ध्यान रखना सब अच्छे से हो जाये , अगर अक्षत मीरा मिल गए तो फिर मैनेजर से सीधा तुम्हे कम्पनी का शेयर होल्डर ही बना देंगे”


सोमित जीजू ने फ्लो फ्लो में कुछ ज्यादा ही बोल दिया है देखकर अर्जुन उन्हें खींचते हुए वहा से ले गया। मैनेजर ने अपने गले में बंधी टाई को थोड़ा ढीला किया और वही सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगा।

अर्जुन सोमित जीजू को लेकर ऑफिस से बाहर आया और कहा,”पागल हो गए है आप ? अंदर कुछ भी बोले जा रहे है। कपंनी हमारी थोड़ी है जो उसे शेयर होल्डर बनाने की बात कर रहे आप,,,,,!!”
“अरे वो फ्लो फ्लो में मेरे मुंह से निकल गया,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने गाड़ी की तरफ आते हुए कहा
अर्जुन ड्राइवर सीट पर आ बैठा और सोमित जीजू उसके बगल में,,,,,,,,,,,,,,अर्जुन ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया।

“अच्छा अर्जुन तुमने ये पार्टी का प्लान क्यों बनाया ?”,सोमित जीजू गाड़ी में फैली ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा  
“जीजू आप भी जानते है कि अक्षत और मीरा दोनों ही कितने जिद्दी है , अगर उनके इस रिश्ते को हम सब ने उन दोनों पर छोड़ दिया तो वो दोनों अपनी जिद और गुस्से के चलते कभी एक नहीं होंगे। हमे ही कुछ न कुछ करके उन दोनों को एक करना होगा।”,अर्जुन ने कहा
“हाँ लेकिन तुम्हारे मन में एकदम से ये बात क्यों आयी ?”,सोमित जीजू ने पूछा  

अर्जुन ने एकदम से गाड़ी रोकी और सोमित जीजू की तरफ पलटकर कहा,”क्योकि मैं थक चुका हूँ ये सब देखते देखते , पिछले 6 महीने से माँ को हर रोज उदास देखा है। पापा को खामोश देखा है , घर में कोई रौनक कोई ख़ुशी नहीं है , अमायरा के जाने का दुःख तो हम सब ने जैसे तैसे सह लिया लेकिन अक्षत और मीरा का यू अलग हो जाना ये नहीं देखा जाता जीजू और सब जानते है कि वो दोनों सिर्फ एक दूसरे के लिये बने है।

एक दूसरे से अलग रहकर वो दोनों कभी खुश नहीं रह पाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,उन दोनों को मिलाने के लिए मैं हर कोशिश करूंगा फिर चाहे मुझे आशु के गुस्से या नफरत का सामना ही क्यों न करना पड़े ? मैं उनके रिश्ते को इस तरह गलतफहमियों का शिकार होते नहीं देख सकता।”
अर्जुन की बातो में अपने छोटे भाई के लिये प्यार और परवाह देखकर सोमित जीजू को बहुत ख़ुशी हुई उन्होंने अर्जुन के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”मैं तुम्हारे साथ हूँ अर्जुन , आज जहा भाई भाई का दुश्मन बना बैठा है

वही तुम अपने भाई के लिये परेशान हो रहे हो देखकर मेरा दिल भर आया। अब जो होगा देखा जाएगा लेकिन हमे अक्षत मीरा को मिलाना ही होगा,,,,,,,,,,और लोगो की सच्चाई की सामने लाना होगा।”
आखरी शब्द कहते हुए सोमित जीजू के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए
“हाँ जीजू कुछ लोगो के चेहरो से मुखौटे उतरने का वक्त अब आ गया है।”,अर्जुन ने भी विश्वास के साथ कहा और फिर गाड़ी स्टार्ट कर घर के लिये निकल गया।

मैनेजर से बात करने के बाद अक्षत अपने कमरे से बाहर आया। उसने जेब से डिब्बा निकाला और सिगरेट निकालकर होंठो के बीच रख लिया। अक्षत के दिमाग में एक साथ कई चीजे चल रही थी। मीरा की आँखों में अपने लिए प्यार , सौंदर्या की बातो में अपने लिये नफरत , कुमार का आई डी कार्ड , मैनेजर का फोन और साथ ही चित्रा,,,,,,,,,,,,,,,,,चित्रा का ख्याल अक्षत के जहन में एकदम से क्यों आने लगा अक्षत खुद नहीं समझ पा रहा था।

जिस तरह से चित्रा की नजरे अक्षत को देखती थी उनमे एक आकर्षण था , एक भुख थी जिस से अक्षत अनजान नहीं था। सूर्या मित्तल के पास छवि का केस जाने के बाद से ही अक्षत ने छवि और उसके केस से मुंह मोड़ लिया। अक्षत को जिस आदमी की तलाश थी वह आदमी मारा जा चुका था और उसी के साथ चला गया अमायरा की मौत का राज , अक्षत की जिंदगी में अब कोई मकसद नहीं था।

मीरा से वह नफरत करता था सिर्फ मीरा और बाकि लोगो को दिखाने के लिये लेकिन आज भी उसके दिल में मीरा के लिये भावनाये जिन्दा थी , मीरा के लिए परवाह आज भी अक्षत की बातो में नजर आती थी। काफी देर तक वही खड़ा अक्षत सिगरेट के कश लगाता रहा पर उसे रोकने वाला कोई नहीं था। सिगरेट खत्म होने के बाद अक्षत ने बचे हुए टुकड़े को फेंका और कमरे में चला आया। उसके दिमाग में क्या चल रहा था ये तो सिर्फ वही जानता था पर कुछ तो बहुत बड़ा था जो इस कहानी को अंजाम तक पहुँचाने वाला था।

सुबह सूर्या मित्तल कोर्ट थोड़ा जल्दी चला आया। आज छवि दीक्षित केस की सुनवाई थी और सूर्या के पास विक्की के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था जिस से वे अदालत में ये साबित कर पाए कि छवि का रेप विक्की ने किया है। सूर्या अपने केबिन में यहाँ वहा घूमने लगा। सूर्या के लिये इस केस को अपने हक़ में करना बहुत  जरुरी था जिसकी 2 वजह थी ,,

इस केस को जीतकर वह अक्षत को सबकी नजरो में गिराना चाहता था और दूसरी वजह थी अपने लायसेंस को बचाना क्योकि जिस तेश में आकर सूर्या ने इस केस को रीओपन किया था अब अगर वह ये केस हारता है तो उसकी वकालत खतरे में आ जाएगी।
“मे आई कम इन सर ?”,एक सुरीली आवाज सूर्या के कानो में पड़ी
सूर्या ने देखा केबिन के गेट पर चित्रा खड़ी थी उसके हाथ में कुछ फाइल्स थी और एक कप था जिसमे कॉफी थी।


“इस कम इन , तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,सूर्या ने हैरानी से पूछा
“आपको सुबह सुबह यहाँ देखकर थोड़ी हैरानी हुई , फिर देखा आप काफी परेशान है तो आपके लिये ये कॉफी ले आयी। शायद आपको इसकी बहुत जरुरी है।”,चित्रा ने कप सूर्या की तरफ बढाकर कहा
सूर्या ने कॉफी का कप लिया और कहा,”कमाल है ! तुम तो अक्षत व्यास के साथ काम करती थी ना उसके साथ होकर भी उसके दुश्मन की परवाह कर रही हो , ये बात कुछ हजम नहीं हो रही।”


चित्रा ने हाथो में पकड़ी फाइल टेबल पर रखी और कहने लगी,”सर मुझे आपकी कोई परवाह नहीं है , मुझे बस परवाह है उस केस की जिसे आप लड़ रहे है ,,
इस केस को जीतना आपके लिये जितना जरुरी है उतना ही मेरे लिए है। क्या हुआ जो इस केस को अक्षत सर नहीं लड़ रहे पर मैंने छवि से वादा किया है इस बार उसे इंसाफ मिलकर रहेगा,,,,,,,,,,,,,!!”


“बहुत बढ़िया,,,,,,,,,,,,,,,जब इतनी समझदार हो तो फिर उस अक्षत व्यास के साथ क्या कर रही हो ? मेरे लिए काम करना शुरू कर दो चंद दिनों में कामयाबी की सीढ़ियों पर पाओगी खुद को,,,,,,,,,,,,वैसे भी अक्षत व्यास ने तो तुम्हे अपने यहाँ से निकाल दिया है , न तुम उसके लिये काम कर रही हो।”,सूर्या ने कॉफी पीते हुए कहा।
चित्रा ने फाइल्स को उठाया और मुस्कुराते हुए कहा,”आपसे किसने कहा अक्षत सर ने मुझे निकाल दिया मैं आज भी उनके लिये काम कर रही हूँ”


“मतलब ?”,सूर्या ने असमझ की स्तिथि में कहा
“अगर मतलब समझ आता तो आज आप अक्षत सर की जगह होते,,,,,,,,,,,,,,,आज की सुनवाई के लिये बेस्ट और लक सर”,कहकर चित्रा वहा से चली गयी


अक्षत के नाम से ही सूर्या के सीने में आग लग जाया करती थी और ये सब बोलकर चित्रा ने उस आग को और सुलगा दिया। सूर्या ने कप टेबल पर रखा और गुस्से से कहा,”तुम्हारे उस अक्षत व्यास को एक दिन अपने कदमो में नहीं झुकाया तो मेरा भी नाम सूर्या मित्तल नहीं”

 कुछ देर बाद ही सभी कोर्ट आने लगे। आज छवि दीक्षित केस की सुनवाई थी और इस वजह से अदालत में काफी भीड़ थी। छवि अपनी माँ के साथं कोर्ट पहुँच चुकी थी वही विक्की भी सिंघानिया जी और उनके मैनेजर के साथ कोर्ट आ चूका था। सुनवाई शुरू होने वाली थी इसलिए सभी अदालत में जमा हो गए। कुछ देर बाद जज साहब आये और सबको बैठने का इशारा किया। कटघरे में रोबिन सर झुकाये खड़ा था।

चोपड़ा जी और सूर्या मित्तल अपनी अपनी फाइल्स के साथ बैठे थे। उनके पीछे सिंघानिया जी और विक्की बैठा था वही दूसरी तरफ छवि और माधवी जी। आज की सुनवाई बहुत खास होने वाली थी इसलिए चित्रा और सचिन भी कोर्ट रूम में चले आये। चित्रा ने पलटकर भीड़ में देखा उसे अक्षत कही नजर नहीं आया।
“आर्डर , आर्डर , आज की कार्यवाही शुरू की जाये।”,जज साहब ने हथोड़ा टेबल पर मारते हुए कहा

सूर्या मित्तल अपनी जगह से खड़ा हुआ और आगे आकर कहने लगा,”माय लार्ड जैसा कि छवि दीक्षित रेप केस का इल्जाम रॉबिन ने अपने सर ले लिया है और पिछले 6 महीने से सजा भी काट रहा है। जिस जगह मिस छवि के साथ दुष्कर्म हुआ उस जगह के बारे में रॉबिन को कुछ पता ही नहीं है तो फिर उसने वहा जाकर छवि के साथ दुष्कर्म कैसे किया ?

माय लार्ड इस से साफ़ साफ़ पता चलता है कि सिंघानिया जी का वफ़ादार होने के नाते रॉबिन उनके बेटे विक्की को बचाने के लिये इल्जाम अपने सर पर ले रहा है।”
“ऑब्जेक्शन माय लार्ड , मेरे साथी वकील कोई भी कहानी बनाकर इस केस को मुद्दे से भटका रहे है।”,चोपड़ा जी खड़े होकर कहा
“ऑब्जेक्शन ओवर रूड”,जज साहब ने कहा क्योकि वे सूर्या मित्तल की पूरी बात सुनना चाहते थे इसलिए चोपड़ा जी को बैठना पड़ा


“थैंक्यू ! माय लार्ड”,सूर्या ने अपना सर झुकाकर कहा और रॉबिन की तरफ आते हुए कहने लगा,”;असली गुनहगार को बचाने के लिये रोबिन में ये इल्जाम अपने सर ले लिया , क्यों रॉबिन ये सच है ना ?”
रॉबिन में सर उठाकर सूर्या मित्तल को देखा और फिर जज साहब की तरफ देखकर कहा,”ये झूठ है जज साहब , सच ये है कि उस लड़की के साथ गलत मैंने ही किया,,,,,,,,!!”


“ये झूठ है तुम सिर्फ विक्की को बचाने के लिये ये सब बोल रहे हो ,, अगर ये सब तुमने किया है तो उस दिन अदालत में फार्म हॉउस का एड्रेस क्यों नहीं बता पाए तुम बोलो ?”,सूर्या ने थोड़ा ऊँचे स्वर में कहा
“ऑब्जेक्शन माय लार्ड , वकील साहब मेरे क्लाइंट को धमका रहे है। रॉबिन पहले ही अदालत में ये कुबूल कर चुका है कि ये रेप उसने किया इसके बाद इस पर फिर से बहस करना क्या सही है ? क्या वकील साहब के पास इस बात का सबूत है कि रॉबिन ने ये सब विक्की को बचाने के लिये किया है ?”,चोपड़ा जी ने तेश में आकर कहा


“मिस्टर सूर्या ! क्या आपके पास कोई सबूत है ?”,जज साहब ने सूर्या से सवाल किया जिसे सुनकर सूर्या कुछ पल के लिये खामोश हो गया और चोपड़ा जी मन ही मन खुश हो गए। चोपड़ा जी ने सिंघानिया जी की तरफ पलटकर धीरे से कहा,”ये मेरे सामने ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा”
“सबूत है माय लार्ड”,सूर्या ने जैसे ही कहा चोपड़ा जी के चेहरे का रंग उड़ गया और उनके चेहरे से हंसी गायब हो गयी। अदालत में लोग आपस में खुसर फुसर करने लगे और सूर्या बस रॉबिन को देख रहा था।

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