Sanjana Kirodiwal

Haan Ye Mohabbat Hai – 37 ( Love Story )

Haan Ye Mohabbat Hai – 37

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मीरा के कमरे से निकलते हुए आदमी की जेब से एक पेन गिर गया जिसका ध्यान उसे नहीं रहा और वहा से चला गया। ना किसी ने उस आदमी को आते देखा ना ही जाते। सौंदर्या अपनी कॉफी ख़त्म करके मीरा के पास आयी। मीरा अभी भी सो रही थी। कुछ देर बाद वरुण वहा आया और मीरा को इस हाल में देखकर कहा,”मीरा दी को क्या हुआ ?”
“डॉक्टर ने कहा BP लो होने की वजह से मीरा को चक्कर आ गए और वह बेहोश हो गयी। डॉक्टर ने इंजेक्शन लगा दिया है अभी मीरा सो रही है।”,सौंदर्या ने बेमन से कहा


“इतना सब हो गया और आप मुझे अब बता रही है , मैं मॉम डेड को कॉल करके यहाँ बुला लेता हूँ। वो यहाँ होंगे तो मीरा दी को अच्छा लगेगा।”,वरुण ने अपना फोन निकालते हुए कहा
सौंदर्या वरुण के पास आयी और उसका फोन लेकर गुस्से से कहा,”दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा ?  भैया भाभी को तुम ये सब बताओगे तो वो परेशान हो जायेंगे और अगर वो यहाँ आते है तो क्या उन्हें मीरा की निजी जिंदगी में जो चल रहा है उस बारे में पता नहीं चलेगा ? अक्षत से शादी मीरा ने अपनी पसंद से की थी लेकिन आज वही शादी टूटने की कगार पर है।

मीरा अभी जिन हालातों से गुजर रही है क्या तुम उन हालातों का तमाशा बनाना चाहते हो ? अगर परिवार के सभी लोग यहाँ आये तो मीरा को किन किन के सवालो का जवाब देना पडेगा और अभी मीरा इस कंडीशन में नहीं है,,,,,,हो सकता है इसके बाद हालात और बदत्तर हो जाये। इसके बाद भी अगर तुम्हे फोन करना है तो ये रखो”
कहकर सौंदर्या खिड़की की तरफ चली आयी। वरुण सौंदर्या की कही बातो के बारे में सोचने लगा। सही तो कह रही थी सौंदर्या ,, अगर परिवार और रिश्तेदार यहाँ होंगे तो मीरा की निजी जिंदगी में दखल देंगे।

वरुण सौंदर्या के जाल में फंस गया और अपना फोन जेब में रखते हुए कहा,”आप शायद ठीक कह रही है , जब तक मीरा दी की जिंदगी में पूरी तरह से सब ठीक नहीं हो जाता घरवालों को उन से नहीं मिलना चाहिए।”
सौंदर्या मुस्कुराई और वरुण की तरफ पलटकर कहा,”क्यों वरुण क्या मैं मीरा की कुछ नहीं लगती ? वो मुझे मेरी बेटियों से भी ज्यादा प्यारी है मैं उसके साथ कभी गलत होते नहीं देख सकती।”
वरुण को सौंदर्या की बातो पर वैसे ज्यादा भरोसा तो नहीं था लेकिन फिर भी उसने हामी में अपनी गर्दन हिला दी।

सौंदर्या मीरा की तरफ आयी और उसका सर चूमते हुए कहा,”बस मीरा ठीक हो जाये उसके बाद हम भाईसाहब को लेकर घर जायेंगे,,,,,,,,,,,,यहाँ हॉस्पिटल में रहते रहते मेरा दम घुटने लगा है।”
“आप सुबह से यहाँ है , आप घर जाकर आराम कीजिये यहाँ दी के पास मैं रुक जाता हूँ।”,वरुण ने कहा
“ओह्ह्ह्ह सच में वरुण तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी , मुझे आराम की बहुत जरूरत है मैं सच में बहुत थक चुकी हूँ।”,कहते हुए सौंदर्या ने अपना बैग उठाया और वहा से चली गयी
वरुण उन्हें जाते हुए देखता रहा और धीरे से कहा,”आई विश आपका ये असली चेहरा जल्दी सबके सामने आये।”

 मीरा सो रही थी इसलिए वरुण ने उसे चद्दर ओढ़ाया और खुद खिड़की के पास पड़े सोफे पर बैठकर अपना फोन चलाने लगा। वरुण को ऑनलाइन गेम खेलने का बहुत शौक था इसलिए खाली बैठा वह गेम खेल रहा था। थोड़ी देर खेलने के बाद वरुण गेम हार गया और अफ़सोस से जैसे ही उसने अपना सर झटका उसकी नजर मीरा के बिस्तर के पास गिरे पेन पर चली गयी। वरुण ने अपना फोन साइड में रखा और उठकर बिस्तर की तरफ आया।

उसने झुककर पेन उठाया और उसे देखने लगा। पेन बहुत ही महंगा दिखाई पड़ रहा था , उसे इस्तेमाल किया था। वरुण उस पेन को लेकर एक बार फिर सोफे पर आ बैठा और उसे देखते हुए मन ही मन सोचने लगा,”इतना लग्जीरियस पेन यहां कैसे आया ? क्या ये किसी डॉक्टर का है ? पर डॉक्टर्स ऐसा पेन क्यों रखेंगे ? खैर जिसका भी हो लग तो सेक्सी रहा है इसे मैं रख लेता हूँ।”
कहते हुए वरुण ने पेन अपने जेब में रखा और एक बार फिर गेम खेलने के लिये अपना फोन उठा लिया।

अर्जुन देर रात घर पहुंचा। सभी घरवाले हॉल में ही थे और अक्षत के लौट आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अर्जुन को अकेले देखकर राधा उसके पास आयी और कहा,”अर्जुन ! अर्जुन आशु कहा है ? तू उसे लेकर आने वाला था ना क्या हुआ तू अकेला क्यों आया है ? आशु क्यों नहीं आया तेरे साथ,,,,,,,,,,कहा है वो ?”
“माँ , माँ शांत हो जाओ। आशु कल सुबह घर आ जाएगा , इस वक्त कोर्ट बंद हो चुके है इसलिए उसे बेल नहीं मिल सकती ,, मैं कल वकील साहब से साथ उसकी बेल करवाकर उसे घर ले आऊंगा।”,अर्जुन ने राधा के कंधो को पकड़कर उन्हें समझाते हुए कहा।


“तब तक क्या वो जेल में ही रहेगा ? उसका कसूर क्या है अर्जुन , क्यों उसे ये सब देखना पड़ रहा है ?”,कहते कहते राधा रोने लगी
अर्जुन ने नीता की तरफ देखकर राधा को वहा से ले जाने का इशारा किया तो नीता आयी और राधा को सम्हाला। अर्जुन विजय जी के पास आया और उन्हें साडी बात बताई।
“हम्म्म हमे सुबह तक का इंतजार करना ही पडेगा , लेकिन अर्जुन सोमित जी भी तो तुम्हारे साथ गए थे ना वो कहा है ?”,विजय जी ने सवाल किया


“पापा जीजू अक्षत के साथ ही रुक गए , उन्होंने कहा वे उसे अकेला छोड़ना नहीं चाहते।”,अर्जुन ने कहा
“ठीक है , कल सुबह हम दोनों वकील के पास चलेंगे।”,विजय जी ने अर्जुन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हम्म्म,,,,,!!”,अर्जुन ने उदासी भरे स्वर में कहा और वहा से चला गया।
नीता ने राधा को सोफे पर बैठाया और खुद उनके लिये पानी लेने चली गयी। तनु राधा का हाथ थामे घुटनो के बल वही बैठ गयी और राधा का हाथ सहलाने लगी।

विजय जी और दादू भी सोफे पर आ बैठे और दादू ने कहा,”विजय ! बच्चो की जिंदगी में जो कुछ हो रहा है वो अच्छा नहीं हो रहा ,, मुझे लगता है एक बार अपने गुरूजी से मिलकर इसका उपाय पूछ लेना चाहिए। क्या पता वो कोई सही रास्ता दिखा दे,,,,,,!!”
“पापा जो हो रहा वो सिर्फ अक्षत और मीरा के गुस्से की वजह से हो रहा है। दोनों ही बच्चे एक दूसरे को समझने के बजाय गुस्से में गलत फैसले लिये जा रहे है जिसमे हम बड़े कुछ नहीं कर पा रहे है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विजय जी ने भारी मन से कहा


“विजय लेकिन बच्चो को समझाया भी जा सकता है और ना समझे तो उन्हें डांटकर सही रास्ते पर लाया भी जा सकता है। हाँ मानता हूँ आशु गुस्से वाला है वो इतनी जल्दी तुम्हारी बात नहीं सुनेगा लेकिन मीरा , मीरा तो समझदार है ना ? वो तुम्हारी बात कभी नहीं टालती वो जरूर समझेगी”, दादू ने कहा
विजय जी ने सूना तो दादू की तरफ देखने लगे। कुछ देर खामोश रहने के बाद विजय जी ने कहा,”मीरा अब वो मीरा नहीं रही है पापा , हमारी मीरा बदल गयी है।”


“ऐसा क्यों कह रहे हो विजय ?”,दादू ने हैरानी से पूछा , राधा और तनु ने सूना तो वे दोनों भी विजय जी की तरफ देखने लगी।
विजय जी ने हॉस्पिटल में जो हुआ वो सब दादू को बताया तो दादू का भी दिल टूट गया। उन्हें मीरा से इस बर्ताव की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने हैरानी और दुःख भरे स्वर में कहा,”मीरा ऐसा करेगी यकीन नहीं होता विजय”
“हाँ पापा मैं भी हैरान हूँ कि जिस मीरा को मैं अपनी बेटी मानता हूँ उसने आज मेरी बात तक नहीं सुनी,,,,,!!”,विजय जी ने आंखे नम करते हुए कहा


“मीरा कुछ नहीं कर रही वो तो सिर्फ किसी के हाथो की कटपुतली बन चुकी है,,,,,,,,,,,!!”,राधा ने खोये हुए स्वर में कहा
राधा की बात सुनकर सब उनकी तरफ देखने लगे। नीता भी तब तक पानी लेकर आ चुकी थी और राधा की बात सुनकर वही रुक गयीं।
“तुम क्या कहना चाहती हो राधा मैं कुछ समझा नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विजय जी ने असमझ की स्तिथि में कहा


राधा ने एक नजर विजय जी को देखा और थोड़ा कहा,”आप लोगो को ये क्यों समझ नहीं आता जो हो रहा है वो अक्षत मीरा की किस्मत नहीं बल्कि उनके अपनों की सोची समझी साजिश है और वो अपना कोई और नहीं बल्कि वो सौंदर्या है जिसने अक्षत और मीरा के बीच ये दरार पैदा की है। आज ये दरार इतनी बढ़ चुकी है कि इसे भरने में सालों लग जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,शायद उन दोनों की पूरी जिंदगी”


“राधा ! ये क्या कह रही हो तुम ? ऐसे बिना सोचे समझे किसी पर इल्जाम लगाना सही नहीं है। सौंदर्या की इन सब में क्या गलती है ? क्या तुम्हे अक्षत का गुस्सा दिखाई नहीं देता , अपने गुस्से में आकर उसने क्या कुछ नहीं किया हैं ?”,विजय जी ने गुस्से से कहा
“आपको अभी भी समझ नहीं आ रहा है वो औरत इन दोनों के रिश्ते को बर्बाद कर देगी और हम सब कुछ नहीं कर पाएंगे”,राधा ने गुस्से से कहा और वहा से उठकर चली गयी


“माँ पानी,,,,,!!”,नीता ने कहा लेकिन राधा इतनी गुस्से में थी की उनसे अपने हाथ से नीता के हाथ को जोर से साइड किया और पानी से भरा गिलास नीचे जा गिरा। राधा वहा से चली गयी। आज पहली बार घरवालों ने राधा को इतना गुस्से में देखा था। नीता सहमी हुई सी खड़ी थी जिसे देखकर विजय जी ने कहा,”नीता , तनु तुम दोनों अपने कमरे में जाओ बेटा,,,,,,,,,और राधा की तरफ से मैं तुम से माफ़ी चाहता हूँ।”

“अरे नहीं नहीं पापा आप क्यों माफ़ी मांग रहे है ? और माँ की बात का बुरा नहीं लगा मुझे आई नो अभी थोड़ा परेशान है वो,,,,,,,,,,,!!”,नीता ने कहा
“हम्म्म , जाओ”,विजय जी ने कहा तो तनु और नीता वहा से चली गयी


उनके जाने के बाद दादू ने कहा,”इसलिए कह रहा हूँ विजय एक बार गुरूजी से मिल लो , हो सकता है कोई बड़ी मुसीबत इस घर पर आयी है क्योकि अब जो रहा है वो सही नहीं हो रहा,,,,,,,,,!!”
कहकर दादू उठे और वहा से चले गए। विजय जी सोच में डूबे वही बैठे रहे नींद उनकी आँखों से कोसो दूर थी।

देर रात मीरा को होश आया लेकिन दवा और इंजेक्शन के असर से वह वापस सो गयी। वरुण मीरा के साथ ही था और वही कमरे में रखे सोफे पर सो रहा था।
अगली सुबह मीरा की आँख खुली और उसे एकदम से विजय जी का ख्याल आया। विजय जी के कहे शब्द मीरा के कानों में गूंजे “और इसलिए तुमने अक्षत को जेल भेज दिया , उसके खिलाफ FIR कर दी”


मीरा को जैसे ही याद आया अक्षत जेल में है तो उसने अपने हाथ में लगी ड्रिप को हटाया और बिस्तर से नीचे उतरी जिस से मीरा का हाथ साइड में रखी पानी की बोतल पर लगा और वह नीचे आ गिरी। बोतल गिरने की आवाज से वरुण चौंककर उठा। उसने मीरा को देखा तो उठकर उसके पास आया और कहा,”दी आप कहा जा रही है और आपने ये ड्रिप क्यों निकाल दिया ? दी अभी आप ठीक नहीं है,,,,,,!!”


“हमे अक्षत जी के पास जाना है वरुण , वो वो हमारी वजह से जेल में है ,, हमारा यकीन करो हमने उन्हें जेल नहीं भेजा,,,,,,,,,,,,,,हम उन्हें जेल कैसे भेज सकते है वरुण ? हमे , हमे अभी उनके पास जाना है उन्हें वहा से निकालना है वरना बहुत देर हो जाएगी,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने बदहवास सी हालत में कहा
“दी , दी रिलेक्स , रिलेक्स ,, कुछ नहीं होगा जीजू को मैं , मैं आपको लेकर चलता हु,,,,,,,,,,,,,,,,आप शांत हो जाईये”,वरुण ने मीरा को परेशान देखकर कहा
मीरा शांत हुई और वरुण उसे लेकर कमरे से बाहर निकल गया।

सुबह का चेकअप करने आयी नर्स ने जब मीरा को वरुण के साथ जाते देखा तो कहा,”अरे आप कहा जा रही है ? डॉक्टर ने आपको रेस्ट करने के लिये कहा है। रुकिए,,,,,,,,,,अरे मेरी बात,,,,,,,,,!!”
नर्स बोलते ही रह गयी और वरुण मीरा को लेकर वहा से चला गया।  
वरुण मीरा को लेकर नीचे गाड़ी के पास आया तो मीडिआ वालो ने मीरा को घेर लिया और सवालो की झड़ी लगा दी।


“मीरा जी ,, क्या आप बता सकती है अमर जी का ये एक्सीडेंट एक हादसा था या सोची समझी साजिश ?”
“मीरा जी सुनने में आया है आप मिस्टर व्यास से तलाक ले रही है , क्या ये सच है ?”
“अमर जी अब कैसे है ? क्या वो कभी मीडिआ के सामने आकर बताएँगे ये एक्सीडेंट कैसे हुआ ?”
“आप अब अक्षत व्यास के साथ नहीं रहती है क्या ये सच है ?”
“मीरा जी , मीरा जी जवाब दीजिये ऐसे चुपचाप मत जाईये , मीरा जी”,मीडिआ वालो ने मीरा के पीछे आते हुए कहा

लेकिन मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया जबकि अंदर ही अंदर उसका कलेजा कटता चला जा रहा था। वरुण ने मीरा के लिये गाड़ी का दरवाजा खोलकर उसे अंदर बैठाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। वरुण ने गाड़ी के शीशे चढ़ाये और वहा से निकल गया।
मीरा को उदास देखकर वरुण ने कहा,”दी इन लोगो को इग्नोर करो , अपने चैनल की TRP के लिये ये लोग कुछ भी सवाल पूछते है। आप ध्यान मत दो,,,,,,,,!!”


वरुण की बात सुनकर मीरा ने गाडी का शीशा नीचे किया और अपना हाथ गाड़ी के बाहर लटका लिया और सर सीट से लगाकर आंखे मूंद ली। आँखों के सामने अक्षत का चेहरा आने लगा। गाड़ी के बाहर लटका हाथ वही हाथ था जिस पर मीरा को ड्रिप लगी थी। अचानक खींचकर ड्रिप निकालने की वजह से मीरा के हाथ से खून रिस रहा था और वह बून्द बून्द नीचे गिरते जा रहा था लेकिन मीरा को इस दर्द का अहसास बिल्कुल नहीं था।

कुछ देर बाद गाड़ी पुलिस स्टेशन के बाहर आकर रुकी। मीरा गाड़ी से नीचे उतरी और बदहवास सी हालत में अंदर आयी। पीछे पीछे वरुण भी चला आया। अंदर आकर मीरा ने देखा सलाखों के पीछे खड़ा अक्षत किसी सोच में डूबा है। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। मीरा ने देखा अक्षत के साथ साथ सोमित जीजू भी वहा है तो उसे और हैरानी हुई। वह अक्षत की तरफ जाती इस से पहले इंस्पेक्टर वहा आ गया जिसने अक्षत को गिरफ्तार किया था।


“दी इंस्पेक्टर,,,,,,,,!!”,वरुण ने कहा तो मीरा ने अक्षत से ध्यान हटाया और इसंपेक्टर के पास आकर कहा,”हेलो इंस्पेक्टर हमारा नाम मीरा सिंह राजपूत है , आपने जिन्हे गिरफ्तार किया है वो बेकसूर है उन्होंने कुछ नहीं किया है। प्लीज उन्हें छोड़ दीजिये,,,,,,,!!”
“मैडम उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई है , उन्होंने अमर प्रताप सिंह को मारने की कोशिश की है। आपने खुद ये रिपोर्ट की है,,,,,,,,,,,,,,!!”,इंस्पेक्टर ने मीरा से कहा


“इंस्पेक्टर हमने ये,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह , ठीक है हमने किया अब हम ही अपनी FIR वापस लेते है ,, प्लीज उन्हें छोड़ दीजिये”,मीरा ने ज्यादा बहस ना करते हुए कहा क्योकि इस वक्त उसके लिए सिर्फ अक्षत को बाहर निकालना जरुरी था।
इंस्पेक्टर ने हैरानी से मीरा को देखा और कहा,”ये आप क्या कर रही है ? उस आदमी ने आपके पिता को मारने की कोशिश की है और आप उसके खिलाफ FIR वापस ले रही है,,,,,,,,,,,,,,,,एक बार फिर सोच लीजिये मैडम ?”


“हमने सोच लिया है आप प्लीज उन्हें बाहर निकालिये,,,,,,,,,,प्लीज आई रिक्वेस्ट यू”,मीरा ने आँखों में आँसू भर हाथ जोड़ते हुए कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,,,कॉन्स्टेबल , छोड़ दो उन दोनों को,,,,,,,,,,,आप यहाँ साइन कर दीजिये”,इंस्पेक्टर ने कॉन्स्टेबल से अक्षत और सोमित जीजू को छोड़ने को कहा पर फिर मीरा से पेपर पर साईंन करने को कहा।

अक्षत और सोमित जीजू जेल से बाहर आये। सोमित जीजू ने देखा मीरा खुद अक्षत को छुड़वाने आयी है तो मन ही मन बहुत खुश हुए और मीरा के पास आकर कहा,”थैंक्यू मीरा !”
सोमित जीजू के साथ अक्षत भी वहा आया और रजिस्टर में साइन करके जैसे ही जाने लगा मीरा ने कहा,”अक्षत जी हमने,,,,,,,,,,,,,,,!!”


अक्षत पलटा और कहा,”FIR वापस लेकर अगर तुम्हे लगता है मैं तुम्हे माफ़ कर दूंगा तो ये तुम्हारी भूल होगी मीरा , अब तक तुमसे नफरत करने की वजह नहीं थी लेकिन अब वजह होगी,,,,,,,,,,,,,और नफरत भी,,,!!”
मीरा ने सूना तो आँखों में ठहरे आँसू उसके गालो पर लुढ़क आये लेकिन अक्षत ने पलटकर नहीं देखा और वहा से चला गया।

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