Sanjana Kirodiwal

हाँ ये मोहब्बत है – 10

Haan Ye Mohabbat Hai – 10

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

वरुण मीरा को लेकर घर के लिए निकल गया। मीरा वरुण के बगल में ही बैठी थी उसकी आँखों में आँसू थे और रोने की वजह से उसके गाल लाल हो चुके थे। अपनी बहन की आँखों में आँसू देखकर वरुण से रहा नहीं गया तो उसने अपनी जेब से रुमाल निकालकर मीरा की ओर बढ़ाते हुए कहा,”दी रोना बंद कीजिए प्लीज।”
मीरा ने वरुण से रुमाल लिया और अपने आँसू पोछकर रुमाल वापस वरुण को दे दिया। वरुण ने गाडी थोड़ी धीमी कर दी और साइड में रखा पानी का बोतल मीरा की तरफ बढ़ाकर कहा,”आप ठीक है ना ?”


“हम्म्म,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा और थोड़ा सा पानी पीकर बोतल साइड में रख दी। इसके बाद वरुण ने मीरा से कुछ नहीं कहा , ना ही कुछ पूछा दरअसल वह मीरा से कुछ पूछकर उसे असहज करना नहीं चाहता था। अमर जी का घर जिस सोसायटी में था उस से बाहर एक चाय की दुकान से कुछ पहले वरुण ने गाडी रोक दी। मीरा ख़ामोशी से गाड़ी के बाहर देख रही थी। सूरज अब ढलने लगा था तो आसमान में लालिमा छायी हुई थी। मीरा ने गाड़ी का दरवाजा खोला और गाड़ी से नीचे उतर गयी। वह गाड़ी के पास खड़े होकर डूबता सूरज को देखने लगी।

मीरा उसे देखने में इतना खो गयी की उसे पता ही नहीं चला वरुण कब चाय लेकर आया ?
“दी चाय !”,वरुण की आवाज से मीरा की तंद्रा टूटी।
“थैंक्यू !”,मीरा ने चाय का कप लेकर कहा और नजरे फिर डूबता सूरज पर टिका ली। वरुण भी कुछ दुरी बनाकर वही मीरा के पास खड़ा हो गया और सामने देखते हुए चाय पीने लगा
“दी ! क्या मैं आपसे कुछ पूछ सकता हूँ ?”,वरुण ने मीरा की तरफ देखकर कहा


“हम्म्म !”,मीरा ने सामने देखते हुए कहा  
“अभी कुछ देर पहले हम जहा खड़े थे वो आपका ससुराल था न फिर आप अंदर क्यों नहीं गए ? आपके और जीजू के बीच सब ठीक है ना दी ? आई मीन वहा जाकर आप काफी अपसेट भी हो गयी थी।”,वरुण ने हिचकिचाते हुए पूछा
मीरा ने सूना तो वह वरुण को देखने लगी और कुछ देर बाद एक ठंडी आह भरकर कहा,”कभी कभी कुछ ठीक नहीं होता है वरुण , हमे लगता है सब ठीक है पर नहीं होता,,,,,,,,,,,!!”


मीरा से वरुण को ऐसे जवाब की उम्मीद तो बिल्कुल भी नहीं थी साथ ही वह उसकी निजी जिंदगी में ज्यादा दखल देना भी नहीं चाहता था इसलिए कहा,”हम्म्म , पर मुझे लगता है कभी कभी चीजे इतनी भी खराब नहीं होती कि उन्हें ठीक न किया जा सके। आपकी लाइफ में क्या हुआ है मैं ये तो नहीं जानता बट फि भी मैं कहूंगा कि आपको जीजू से मिलकर इसे शार्ट आउट कर लेना चाहिए आफ्टरऑल ये आपकी लाइफ का सवाल है।”
मीरा ने वरुण के मुंह से ऐसी बातें सुनी तो कहा,”तुम काफी समझदार हो गए हो।”


“ओह्ह्ह कम ऑन दी , मैं बस प्रेक्टिकल होकर ये बात कह रहा हूँ , 2 लोगो के रिश्ते के कुछ प्रॉब्लम हो तो उसे आपस में मिलकर शार्ट आउट कर लेना चाहिए बिना किसी 3rd पर्सन या उसकी एडवाइस के,,,,,,,,,!!”,वरुण ने कहा
“हमारी चाय खत्म हो चुकी है , घर चले ?”,मीरा के पास वरुण की बातो का कोई जवाब नहीं था इसलिए उसने कहा
“अह्ह्ह हाँ , मैं बिल पे करके अभी आया।”,वरुण ने कहा और वहा से चला गया।  

वरुण के जाने के बाद मीरा गाड़ी में आ बैठी। उसकी आँखों के सामने अक्षत का चेहरा आने लगा। वरुण की कही बातें कही ना कही उसे अक्षत और खुद के रिश्ते से जुडी नजर आने लगी। एक बार फिर मीरा की आँखे नम होने लगी। वरुण आया और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया।

अमर जी के घर के बरामदे में घूमती सौंदर्या के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ झलक रहे थे। पास ही गार्ड्स खड़े थे और घर का नौकर भी। सौंदर्या घर के मेन गेट की तरफ देखती और वापस बरामदे में यहाँ वहा घूमने लगती। विवान सिंह ने देखा तो वे सौंदर्या के पास आये और कहा,”बस करो सौंदर्या ! तुम खामखा परेशान हो रही हो वो लोग आ जायेंगे,,,,,,,,,,,,!!


“मीरा अभी तक नहीं आयी है , कही वो अक्षत से मिलने उसके घर,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए ऐसा हुआ तो मेरे सारे प्लान पर पानी फिर जाएगा,,,,,,,भाईसाहब आप , आप वरुण को फोन लगाइये और पूछिए उस से कि वो लोग कहा है और अभी तक आये क्यों नहीं ?”,सौंदर्या ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“सौंदर्या कुछ नहीं होगा , अगर तुमने मीरा पर ज्यादा पाबंदिया लगाई तो कही उसे ही तुम पर शक ना हो

जाये,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट मैं वरुण को फोन लगाता हूँ।”,कहते हुए विवान सिंह ने जैसे ही जेब से अपना फोन निकाला दूर से उन्हें अपनी गाड़ी आती दिखाई दी जिसे देखकर उन्होंने कहा,”शायद वो लोग आ गए।”
सौंदर्या ने देखा तो उसकी जान में जान आयी। आज सुबह ही वो मीरा के कहने पर अक्षत से मिलने गयी थी और उसके बाद वह मीरा से नहीं मिल पायी थी। अब मीरा जैसे ही उन्हें देखेगी अक्षत के बारे में जरूर पूछेगी सोचकर सौंदर्या खुद को तैयार करने लगी।

गाड़ी घर के अंदर आकर रुकी गार्ड ने देखा तो दौड़कर गया और मीरा की तरफ वाला दरवाजा खोलकर एक तरफ खड़े हो गया। मीरा गाड़ी से नीचे उतरी और सीधा विवान सिंह के पास आकर कहा,”थैंक्यू चाचाजी , थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,!!”
“अरे मीरा ! इसमें थैंक्यू कैसा ? तुम भी मेरी बेटी जैसी हो,,,,,,,,,,,,,,आओ अंदर चलो !”,विवान सिंह ने मुस्कुरा कर कहा लेकिन मीरा इस मुस्कराहट के पीछे का जाल नहीं समझती थी।

उसकी नजर जैसे ही पास खड़ी सौंदर्या पर पड़ी वह जल्दी से उनके पास आयी और उनके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”भुआ जी , भूआ जी आप अक्षत जी से मिली , आपने उनसे बात की , क्या कहा उन्होंने ? वो हमे लेने आ रहे है ना भुआजी ? आप चुप क्यों है जवाब दीजिये ? अक्षत जी घर आ रहे है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“मीरा अंदर चलो , ये जगह बात करने के लिये सही नहीं है।”,सौंदर्या ने बिना किसी भाव के कहा और मीरा की कलाई पकड़कर उसे अंदर ले आयी। विवान सिंह और वरुण भी उनके पीछे अंदर चले आये।

अंदर आकर मीरा ने फिर वही सब बातें कही तो सौंदर्या ख़ामोशी से मीरा को देखने लगी। सौंदर्या की खामोशी मीरा को तकलीफ पहुंचा रही थी। उन्हें खामोश देखकर मीरा ने तड़पते हुए कहा,”बताईये ना भुआ जी अक्षत जी ने क्या कहा ? आप , आप मिली थी ना उनसे ?”
“अक्षत तुमसे तलाक लेना चाहता है मीरा,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या भुआ ने अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा
मीरा ने सूना तो उसे अपने कानो पर विश्वास नहीं हुआ उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी और मुंह खुला का खुला रह गया।

सौंदर्या भुआ के कहे शब्द उसके कानो में ना जाने कितनी ही बार बजते रहे और उन शब्दों के साथ ही उसकी आँखों के सामने अक्षत का चेहरा आने लगा। अक्षत से दूर होने के ख्याल से ही मीरा का दिल जोरो से धड़कने लगा। उसकी आँखों में आँसू भर आये और उसने ना में अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा,”नहीं , अक्षत जी ऐसा नहीं कर सकते , आपको शायद कोई ग़लतफ़हमी हुई है भुआजी , अक्षत जी ऐसा नहीं कर सकते , वो हम से तलाक , नहीं नहीं नहीं नहीं कह दीजिये ये झूठ है।”


“ये सच है मीरा,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने एक बार फिर सहजता से कहा और मीरा एक बार फिर मीरा का दिल टूट गया। वो यकींन ही नहीं कर पा रही थी कि अक्षत ने ये सब कहा है। उसकी आँखों के सामने अक्षत से हुई वो आखिरी मुलाकात चलने लगी। वो गुस्सा याद आते ही मीरा को लगने लगा कि अक्षत अब उस से नफरत करने लगा है और इसलिए गुस्से में आकर उसने सौंदर्या से ये सब कह दिया होगा।

मीरा को होश नहीं था वह बदहवास सी , आँखों में आँसू भरे सौंदर्या को देखे जा रही थी। उसकी साड़ी का पल्लू कंधे से उतरकर हाथो पर आ गया था। साड़ी का एक सिरा कंधे पर था दुसरा हाथ पर। बालों की कुछ लटें चेहरे पर झूल रही थी।


“ये आप क्या बोल रही है भुआ ? आप देख रही है ना दी को ये सब सुनकर कितनी तकलीफ हो रही है ,, जीजू ऐसा क्यों करेंगे आप लोगो को जरूर कोई मिसअंडरस्टेंडिंग हुयी है,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा को ऐसे देखकर वरुण ने कहा
“वरुण तुम अंदर जाओ,,,,,,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने कहा
“लेकिन पापा,,,,,,,,,!”,वरुण ने कहा
“हमने कहा अंदर जाओ,,,,,,,क्या हमारा आदेश कोई मायने नहीं रखता,,,,,,,,,,,?”,विवान सिंह ने थोड़ा गुस्से से कहा
“ओके फाइन !”,वरुण ने चिढ़कर कहा और वहा से चला गया।


“तुम सब यहाँ खड़े होकर क्या सुन रहे हो ? जाओ यहाँ से और अपना काम करो।”,विवान सिंह ने घर के नौकरो से कहा तो सब वहा से चले गए। हॉल में सिर्फ विवान सिंह , सौंदर्या और मीरा थे।
सौंदर्या मीरा के पास आयी और उसके कंधो को थामते हुए कहा,”यही सच है मीरा , अक्षत तुम्हे तलाक देना चाहता है।”
“झूठ बोल रही है आप,,,,,,,,,,,,,,!”,मीरा ने जलती लाल आँखों से सौंदर्या को देखकर कहा।


सौंदर्या ने सूना तो एक पल के लिये वह घबरा गयी लेकिन अगले ही पल खुद को सम्हाल लिया और कहा,”नहीं मीरा मैं झूठ क्यों बोलूंगी ? क्या तुम्हे मुझ पर भरोसा नहीं है हाँ,,,,,,,,,,,तुम्हारे कहने पर तुम्हारे लिये मैं उस घर में गयी और तुम ही,,,,,,,,,,,,!!”
“ये सच नहीं हो सकता भुआ जी , अक्षत जी हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकते वो हमे तलाक,,,,,,,,,,,,,,,नहीं वो ऐसा सोच भी नहीं सकते,,,,,,,,!!”,मीरा ने रोते हुए कहा


“वही तो मैं नहीं समझ पा रही हूँ मीरा कि आखिर उन्होंने अकेले इतना बड़ा फैसला कैसे ले लिया ? मैंने उन्हें बहुत समझाया , उनसे रिक्वेस्ट भी की लेकिन उन्होंने मेरी बात तक नहीं सुनी और मुझसे कहा कि वो अब तुम्हारी शक्ल तक देखना नहीं चाहते। इतना अपमान किया उन सबने मैं तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे क्या बताऊ ?”,कहते हुए सौंदर्या साड़ी के पल्लू से अपना मुँह ढककर रोने लगी।
मीरा ने सूना तो उसे और ज्यादा हैरानी हुई , व्यास फॅमिली के लोग सौंदर्या का अपमान कैसे कर सकते है ?

सौंदर्या क्या बल्कि व्यास फॅमिली ने तो कभी अनजान लोगो का भी अपमान नहीं किया लेकिन सौंदर्या को रोते देखकर मीरा को धीरे धीरे उनकी बातो पर यकीन हो रहा था। मीरा सौंदर्या के पास आयी और कहा,”और राधा माँ ? क्या उन्होंने अक्षत जी को नहीं रोका ?”
“अब उनके बारे में क्या कहू मीरा बेटे के मोह में वो भी अंधी हो गयी है। उन्हें सिर्फ अक्षत का दर्द उसकी तकलीफ दिख रही है तुम्हारी नहीं,,,,,,,,,,,ऐसे लग रहा था जैसे सिर्फ उन्होंने अमायरा को खोया है। ए

क सास हमेशा सास ही रहती है वो कभी माँ नहीं बन सकती मीरा , अरे उन्होंने तो इतनी घटिया बात कह दी तुम्हारे बारे में,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते सौंदर्या चुप हो गयी
“क्या कहा उन्होंने,,,,,,,!”,मीरा ने पूछा


“छोडो ना मीरा जाने दो,,,,,,,,,,,,!”,सौंदर्या ने कहा
“नहीं भुआ जी बताईये क्या कहा उन्होंने ?”,मीरा ने गुस्से और तकलीफ भरे शब्दों में कहा
“उन्होंने कहा कि तुम एक अच्छी माँ नहीं बन पायी”,सौंदर्या ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा


मीरा ने सूना तो हैरानी से सौंदर्या को देखने लगी उसकी आँखों में ठहरे आँसू गालों पर लुढ़क आये। मीरा का दिल टूट गया इस वक्त उसे बहुत तकलीफ हो रही थी। वहा खड़े होना भी उसे घुटन का अहसास दिला रहा था। मीरा रोते हुए वहा से अपने कमरे की ओर चली गयी।
“मीरा , मीरा , मीरा बेटा सुनो,,,,,,मीरा”,विवान सिंह ने मीरा को रोकने के लिये आवाज दी लेकिन मीरा नहीं रुकी और अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर फूट फूट कर रोने लगी।  

मीरा के जाने के बाद सौंदर्या विवान सिंह की तरफ पलटी और इतराते हुए अपने आँसू ऊँगली पर लेकर हवा में उछालते हुए कहा,”कैसी लगी मेरी एक्टिंग भाईसाहब ?”
“सुपर्ब सौंदर्या , एक पल को तो हम भी पता नहीं लगा पाये ये सच था या झूठ,,,,,,,,,,,,,लेकिन ये सब में बेचारी मीरा का दिल टूट गया।”,विवान सिंह ने कहते हुए मीरा के कमरे की तरफ देखा


“ओह्ह्ह कम ऑन भाईसाहब ! जब तक मीरा का दिल नहीं टूटेगा तब तक वो व्यास फॅमिली से नफरत नहीं कर पायेगी , और जब तक मीरा उस घर के लोगो से नफ़रत नहीं करेगी उसे वहा से निकालना आसान नहीं होगा।”,सौंदर्या ने कुछ सोचते हुए कहा
“लेकिन अक्षत ? तुम्हे लगता है वो मीरा को खुद से दूर करेगा ?”,विवान सिंह ने कहा
“करेगा भाईसाहब जरूर करेगा , जो चिंगारी मैंने लगाई है वही चिंगारी धीरे धीरे करके अक्षत और मीरा की जिंदगी में आग लगाने का काम करेगी।

जो दरार इनके बीच पैदा हुई है वो मैं इतनी आसानी से भरने नहीं दूंगी भाईसाहब बस आप देखते जाईये,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने जहरीली मुस्कान के साथ कहा।
“हमें तुम पर पूरा भरोसा है सौंदर्या , अब ये बताओ भाईसाहब के ऑफिस के उन शेयर्स का क्या हुआ ? दो दिन बाद हमे वापस जाना है जाने से पहले अगर उन शेयर्स जो डील हो जाये तो सही रहेगा।”,विवान सिंह ने सोफे पर बैठते हुए कहा


“उसके लिये हमे कल भाई साहब के ऑफिस जाना होगा।”,सौंदर्या ने कहा
“लेकिन उनके बिना हम ये कैसे कर पाएंगे ?”,विवान सिंह ने कहा
“वो सब आप मुझ पर छोड़ दीजिये,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा और वहा से चली गयी।
अपने कमरे में आकर मीरा रोने लगी। दरवाजे के पास नीचे जमीन पर बैठी मीरा की आँखों से आँसू बहते जा रहे थे। उसे अपने सीने में दर्द का अहसास हो रहा था। सौंदर्या भुआ की कही बातें मीरा के कानो में गूंज रही थी।

अक्षत मीरा से तलाक चाहता है ये जानकर ही मीरा की जान निकली जा रही थी। मीरा को यकींन नहीं हो रहा था कि अक्षत ऐसा बोल सकता है। वह अक्षत जिसकी जान मीरा में बसती है वो मीरा को खुद से दूर करने के बारे में कैसे सोच सकता है ? रोने की वजह से मीरा का चेहरा लाल होने लगा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था इस वक्त मीरा के पास उसका अपना कोई नहीं था जिसे वह अपने दिल का हाल बता सके। रोते रोते मीरा का हाथ अपने गले में पहने मंगलसूत्र पर चला गया जो शादी के समय उसे अक्षत ने पहनाया था। मीरा ने उस मंगलसूत्र को अपनी मुट्ठी में


भींच लिया और रोते हुए कहने लगी,”नहीं , हम नहीं मानते , सौंदर्या भुआ जी ने जो कहा वो सब झूठ है , सब झूठ है। आप , आप हमे खुद से जुदा नहीं कर सकते अक्षत जी , आप जानते है हम आपसे कितनी मोहब्बत करते है ,, आप हमे खुद से दूर करने का सोच भी नहीं सकते। हमे तलाक देना तो दूर आप हमे खुद से दूर करने का सोच भी नहीं सकते ,, हमे माफ़ कर दीजिये अक्षत जी , माफ़ कर दीजिये। हम आपको समझ नहीं पाए , हमने आपको अकेला छोड़ दिया हमे आपको अकेले छोड़कर आना ही नहीं चाहिए था।

जिन गलतफहमियों को मिटाने के लिये हमने आपको खुद से दूर किया उन्ही गलतफहमियों ने हमे हमेशा हमेशा के लिये आपसे  दूर कर दिया। हम आपके बिना नहीं रह सकते अक्षत जी , आपको हम पर गुस्सा करना है कीजिये , हम पर चिल्लाना है चिल्लाइये , हम से बात नहीं करनी मत कीजिये लेकिन हमे खुद से दूर मत कीजिये , हमे खुद से दूर मत कीजिये अक्षत जी हम आपके बिना जी नहीं पाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,हमे खुद से,,,,,,,,,,,,,,,,,,दूर,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते कहते मीरा बेहोश होकर वही नीचे जमीन पर गिर पड़ी।

राधा के कमरे में सोया अक्षत एकदम से उठकर बैठ गया। वह पसीने से नहाया हुआ था और उसकी सांसे बहुत तेज तेज चल रही थी। देखकर लग रहा था जैसे उसने अभी कोई बुरा सपना देखा है। सोमित जीजू उसी कमरे में थे और अक्षत को सोया देखकर बस जा ही रहे थे कि अक्षत के अचानक उठने से वे उसके पास आये और कहा,”क्या हुआ आशु तुम ठीक हो ना ?”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा वह बस हांफ रहा था।

सोमित जीजू ने उसे पसीने से तर बतर देखा तो ए.सी. थोड़ा तेज कर दिया और पास रखा पानी का गिलास उठाकर अक्षत की तरफ बढ़ा दिया। अक्षत ने पानी पीया और गिलास वापस टेबल पर रख दिया
“तुम ठीक हो ? क्या हुआ तुम्हे ? कोई बुरा सपना देखा क्या ?”,सोमित जीजू ने पूछा
“ऐसा लगा जैसे कोई अपना बहुत तकलीफ में है।”,अक्षत ने खोये हुए स्वर में कहा


जीजू ख़ामोशी से उसके चेहरे की ओर देखने लगे अक्षत की आँखों में उन्हें मीरा के लिये परवाह साफ नजर आ रही थी उन्हें समझते देर नहीं लगी वो “अपना” कोई और नहीं बल्कि मीरा ही है। उन्होंने अक्षत से कोई सवाल नहीं किया बस ख़ामोशी से अपना हाथ अक्षत के हाथ पर रख दिया।

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