Bepanah Ishq – 8
Bepanah Ishq by sanjana Kirodiwal
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Bepanah Ishq – 8
दूसरी तरफ आकाश के घर में नेहा सुबह सुबह कॉफी का कप लिए आकाश के कमरे में दाखिल हुयी , नेहा ने देखा आकाश का पूरा कमरा अस्त व्यस्त था नेहा ने कॉफी का कप टेबल पर रखा और आकाश की तरफ देखा , आकाश अभी तक सोया हुआ था
नेहा बड़े प्यार से आकाश को देखने लगी और फिर खिड़की के पास गयी और पर्दो को साइड में किया खिड़की से आती सूरज की किरणे आकाश के चेहरे पर आकर गिरी तो आकाश की नींद खुल गयी , नेहा ने उसे बड़े प्यार से आकाश को गुड मॉर्निंग विश किया , सुबह सुबह नेहा को अपने कमरे में पाकर आकाश ने कहा
– गुड मॉर्निंग , तुम सुबह सुबह यहाँ ?
नेहा – कॉफी देने आयी थी
आकाश – थैंक्यू , आओ बैठो
नेहा आकर आकाश से कुछ दूरी पर बैठ गयी और कॉफी उसकी तरफ बढ़ा दी , आकाश कॉफी पिने लगा नेहा ने कमरे में चारो तरफ नजर घुमाई और फिर कहा – आकाश ये क्या हालत बना रखी है कमरे की
आकाश – क्यों क्या हुआ , सब सही तो है
नेहा – सब कितना बिखरा पड़ा है ,,
आकाश – तो तुम समेट दो
आकाश की बात सुनकर नेहा सोचने लगी – समेटने ही तो आयी हु आकाश और फिर एक प्यारी सी स्माइल नेहा के चेहरे पर आ गयी .. वो उठकर आकाश के कमरे में बिखरे कपड़ो को तह करके अलमारी में रखने लगी , सभी किताबो को उठाकर रौ में लगाया ,, बेड पर बिखरे तकियो को एक साइड रखा , ब्लेंकेट भी तह करके अंदर रख दी ,, उसके बाद टेबल के पास आकर उसपर बिखरा सामान जमाने लगी ,
तभी नेहा की नजर एक डायरी पर पड़ी नेहा ने उसे उठाया और जैसे ही खोलने वाली थी आकाश ने उसके हाथ से वो डायरी छीन ली ,, नेहा ने बड़ी बड़ी आँखे करके कहा – इसमें क्या है आकाश बाबू जो मुझसे छुपाया जा रहा है
“कक्क…………कुछ नहीं – आकाश ने हकलाते हुये कहा
नेहा – अच्छा तुम कबसे डायरी लिखने लगे ?
आकाश – बस ऐसे ही लिख लेता हु कभी कभी ,, by the thanks रूम सही करने के लिए
नेहा – thanks से काम नहीं चलेगा मिस्टर , ट्रीट चाहिए बहुत सी ट्रीटे बाकि है तुम्हारी
आकाश – सॉरी यार नेहा , पैर की वजह से मैं तुम्हे कही बाहर भी नहीं ले जा सकता
नेहा – its ok , मैं कोनसा कल ही वापस जा रही हु , अब तो बस इंडिया में ही सेटल होने का सोचा है स्टडी भी कम्प्लीट हो चुकी सो अब यही किसी सॉफ्टवेयर कम्पनी में इंटर्नशिप करने का सोच रही हु
आकाश – wow ग्रेट , मतलब अब तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए झेलना पड़ेगा
जी बिलकुल – नेहा ने तकिया फेंकते हुए कहा
आकाश – अच्छा ये तो बताओ अमेरिका में कोई लड़का नहीं मिला तुम्हे ?
नेहा – बहुत , लेकिन उनमे कभी वो वाली बात नहीं लगी
आकाश – वो वाली कोनसी ?
नेहा – जो तुम में है , बचपन से तुमने साथ रहकर इतना टॉर्चर किया है ना की तुम दिलो दिमाग में बस गए तो कोई और अच्छा ही नहीं लगा
आकाश हसने लगा और कहा – ओह्ह मिस टॉर्चर मैंने परेशान किया या तुमने ,
दोनों बीती बातें याद करके हंसने लगे कुछ देर बाद आकाश ने कहा – अच्छा तुम्हे ट्रीट चाहिए न , एक काम करते है शाम को घर पर तुम , मैं , जिया पार्टी करते है
नेहा – ग्रेट , अभी मैं चलती हु , तुम भी नास्ता करने बाहर आ जाना कहकर नेहा जाने लगी और फिर कहा – आकाश तुम्हारे वो कल वाले दोस्तों को भी बुला लेना
आकाश – ओके
नेहा चली गयी , आकाश ने फोन उठाया और देखा भूमि का कोई मेसेज नहीं था , शादी में बिजी होगी सोचकर आकाश बाथरूम की तरफ बढ़ गया …
कुछ देर बाद सभी नाश्ते की टेबल पर आकाश का इन्तजार कर रहे थे जैसे ही वो आया उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ उसने देखा सामने नाश्ते की टेबल पर जिया और नेहा पास पास बैठी थी कभी जिया नेहा को खिलाती तो कभी नेहा जिया को ,, आकाश उनके पास आया और बैठते हुए कहा
– ये ठाकुर और गब्बर में दोस्ती कब हुयी
नेहा – जिया तुझे कही से जलने की बदबू नहीं आ रही
जिया ने आकाश की तरफ देखा और फिर हंसने लगी , सभी नाश्ता करने लगे ,, नाश्ता करने के बाद आकाश हॉल में बैठकर टीवी देखने लगा , पर बार बार उसकी नजर पास रखे फोन पर चली जाती , नेहा ने देखा तो पूछ लिया – फोन में से कोई निकलकर बाहर आने वाला है क्या …
आकाश झेंपते हुए मुस्कुराने लगा और फिर फोन जेब में रखकर अपना ध्यान टीवी में लगाने लगा !!
नेहा अंदर चली गयी और फिर जिया के साथ मार्किट चली गयी वंदना अपने काम में लग गयी ,, टीवी देखते देखते आकाश वही सोफे पर ही सो गया …
दोपहर तक जीया और नेहा घुम फिरकर वापस आयी तो नेहा ने देखा आकाश हॉल में ही सो रहा है , नेहा ने जिया से चुप रहने का इशारा किया और खुद आकाश के रूम से ब्लेंकेट लाकर आकाश को ओढ़ा दी , वंदना किचन से नेहा को देख रही थी नेहा को आकाश का ख्याल रखते हुए देख वंदना के चेहरे पर सुकून के भाव नजर आ रह थे !!
जिया और नेहा अपने कमरे में आ गयी और वंदना को मार्किट से लाया सामान दिखाने में बिजी हो गयी , खाना खाकर तीनो धुप सेकने ऊपर छत पर चली गयी और वही बैठकर बातें करने लगी …
इधर भूमि सुबह से आरफा के साथ बिजी थी न उसे खाने की चिंता थी न पिने की बस आरफा का हर छोटे से छोटा काम व खुद कर रही थी , कभी उसे खाना खिलाती कभी उसके लिए शाम को क्या पहनना है पर डिस्कस करती , आज आरफा को भूमि में एक छोटी जिम्मेदार बहन नजर आ रही थी … शाम होते ही शबनम ने बताया की युवान और उसके घरवाले आ गए है उन्हें तय जगह पर ठहराया गया , भूमि ने आरफा से कहा – हम अभी युवान जी से मिलकर आते है
कहकर भूमि वहा से चली गयी वह जा ही रही थी तभी किसी ने उस फूलो से भरी थाली देते हुए कहा – अरे भूमि बेटा ये फूल लड़के वालो के स्वागत के लिए मंगवाए है , इन्हे लेजाकर स्टेज वाली जगह रख दोगी ..
भूमि ने मुस्कुराकर थाली उनसे ले ली और आगे बढ़ गयी , थाली को सम्हाले हुए वो आगे बढ़ ही रही थी की तभी पीछे से किसी ने उसे आवाज दी भूमि ने पलटकर देखा कोई नहीं था और वो जैसे ही जाने के लिए मुड़ी किसी से टकरा गयी और फूलो की थाली उसके हाथ से छूटकर ऊपर की तरफ उछल गयी , भूमि गिरने वाली थी की तभी जिससे टकराई थी उसने उसकी कमर पकड़ कर उसे गिरने से बचा लिया डरकर भूमि ने आँखे बंद कर ली ,
वो शख्स उसे वैसे ही थामे रहा दोनों पर फूल गिर रहे थे ,, भूमि ने धीरे से अपनी आँखे खोली और चौंक गयी , जिसने उसे थाम रखा था वो कोई और नहीं बल्कि कार्तिक ही था , भूमि तो बस उसकी आँखों में खो गयी और कार्तिक भी एक पल के लिए भूमि के चेहरे में डूब गया … दोनों एक दूसरे में खोये हुए थे तभी कोई उन दोनों के पास से खांसते हुए गुजरा ,, भूमि ने खुद को सम्हाला और कार्तिक को थैंक्यू कहा जवाब में कार्तिक मुस्कुरा दिया तो भूमि ने पूछा – सर आप यहाँ कैसे ?
कार्तिक – युवान के पापा ने इन्वाइट किया है , युवान के पापा और मेरे पापा दोस्त है , और आप यहाँ कैसे ?
भूमि – जी , जिनसे युवान जी शादी करने वाले है वो हमारी ही दोस्त है
कार्तिक – ओह्ह्ह , नाइस ,, सोचा नहीं था आपसे दोबारा मुलाकात होगी
भूमि – सोचा तो हमने भी नहीं था , वैसे आपको कुछ चाहिए था
कार्तिक – हां वो मुझे वाशरूम नहीं मिल रहा था , आप बताएंगी प्लीज़
भूमि ने कार्तिक को रास्ता बता दिया कार्तिक थैंक्यू बोलकर जाने लगा फिर पलटकर कहा – by the way इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही है … कहकर कार्तिक वहा से चला गया
कार्तिक के जाते ही भूमि ख़ुशी से उछलने लगी , वह दौड़ती हुयी आरफा के पास गयी और सारी बात उसे बताई आरफा ने खुश होते हुए कहा – मैंने कहा था ना भूमि तुम्हारा प्यार सच्चा होगा तो तुम्हारी मुलाकात उनसे जरूर होगी ..
भूमि – हां आरफा ,
आरफा – बस अब और देर होने से पहले तूम जल्दी से उन्हें अपने दिल की बात बता दो
भूमि – लेकिन बिना उनके दिल का हाल जाने हम उन्हें कैसे कह सकते है
आरफा – अभी जाकर थोड़े कहना है , दो दिन अब वो भी हम लोगो के साथ यही रुकेंगे तब तक तुम उसने बाते करो , उनके बारे में जानो , उनके साथ थोड़ा वक्त बिताओ , और जब तुम्हे लगे की उनके मन में भी तुम्हे लेकर फीलिंग्स है तब उन्हें बताना तब तक कोशिश तो कर सकती हो
भूमि – सही है यार , और तुमने ये सब कहा से सीखा ?
आरफा – युवान जी से ,,
भूमि – क्या बात है जीजाजी बहुत कुछ सीखा रहे है तुमको
आरफा – जाओ , अब ज्यादा छेड़ो नहीं मुझे ,, अच्छा ये बताओ युवान जी से मिली तुम कैसे लग रहे है वो ?
भूमि – ओह्ह तेरी कार्तिक जी के चक्कर में हम उनसे तो मिलना भूल ही गए ,, पर कोई नहीं शाम को फंक्शन है ना उसमे हम आपके युवान जी से मिल लेंगे
आरफा – ठीक है !! पर मैंने जो कहा वो याद रखना
भूमि – ठीक है
दोनों बाते का ही रही थी की विक्रम और जया भी आ गए , विक्रम और जया ने आरफा को तोहफा दिया और उसे ढेर सारा आशीर्वाद दिया उसके आने वाले समय के लिए , भूमि विक्रम और जया के साथ बाहर आकर आ गयी ,, जया शबनम की मदद करने उनके पास चली गयी और विक्रम लड़केवालों की तारा जाकर आरफा के पिता की मदद में लग गए !!
दूसरी तरफ आकाश शाम को उठा तो खुद को सोफे पर पाया ब्लेंकेट देखकर उसे लगा शायद वंदना ने ओढ़ाई होगी तो उसने वंदना से थैंक्यू कहा वंदना उस वक्त कपड़े तह कर रही थी आकाश के थैंक्यू कहने पर उसने कहा – मुझे नहीं नेहा से कहो
“ओह्ह ये कबसे इतनी केयरिंग हो गयी – आकाश ने उसे चिढ़ाते हुए कहा
“मैं तो हमेशा से हु बस तुमने ही कभी ध्यान नहीं दिया – नेहा ने पास बैठते हुए कहा !!
आकाश – ओह्ह हेलो मेरा इतना ख़राब टाइम भी नहीं आया की मैं तुम पर ध्यान दूँ
नेहा – व्हाट यू मीन , तुम्हे शायद मालूम नहीं अमेरिका में लड़के मेरे पीछे घूमते है
आकाश – वो अमेरिका है ये इंडिया यहाँ कोई तुमको घास भी नहीं डालेगा
नेहा – मुझे कोई चाहिए भी नहीं
आकाश – तो क्या सन्यास लेने का इरादा है
नेहा – जी नहीं ,
आकाश – कोई ना मिले तो , मुझसे कोई उम्मीद मत रखना
नेहा – वैरी फनी
नेहा के मुंह बनाने पर आकाश ने उसके गाल पकड़कर खिंच दिए बदले में नेहा ने भी पास रखा तकिया जोर से उसकी तरफ फेंका पर तकिया सीधा जाकर आकाश के फ्रेक्चर पैर पर लगा और वो जोर से चिल्लाया , नेहा डर गयी और जल्दी से उसका पैर सहलाते हुए कहा – सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी गलती से लग गया प्लीज़
नेहा को देखकर आकाश जोर जोर से हंसने लगा और कहा – मैं मजाक कर रहा हु सिली गर्ल
आकाश की बात सुनकर नेहा को गुस्सा आया और इस बार उसने तकिया उठाकर सीधा आकाश के मुंह पर मारा , इस बार उसकी आँख में थोड़ी सी लगी और नेहा अपना गुस्सा भूलकर उसे आँख दिखाने को कहने लगी , नेहा आकर उसके पास बैठी और अपने मुंह से उसकी आँख में हवा मारकर कहा – बेटर
आकाश ने मुस्कुराते हुए हाँ में गर्दन हिला दी , वंदना उन दोनों की प्यारभरी नोकझोक देखकर मुस्कुरा रही थी सामने बैठे आकाश और नेहा को मन में एक बहुत खूबसूरत ख्याल आया उन्हें मुस्कुराता देख नेहा ने पूछा – क्या हुआ आंटी आप ऐसे क्यों मुस्कुरा रही है
वंदना उसक पास आयी और माथे पर किस करके कहा – कुछ नही , हमेशा ऐसे ही खुश रहो …
वंदना वहा से चली गयी और आकाश नेहा के बिच फिर से शुरू हो गयी , नेहा का साथ देंने के लिए जिया भी आकर उनकी बहस में शामिल हो गयी ,, तीनो अभी झगड़ रहे ही थे की तभी डोरबेल बजी नेहा उठने लगी तो जिया ने कहा मैं खोलती हु जिया ने जाकर दरवाजा खोला – सामने जय और मोंटी खड़े थे ,
अभी तक जो जिया सबके साथ हंस रही थी अचानक उसके चेहरे के भाव बदल गए ..जय और मोंटी अंदर आये और आकर आकाश के पास बैठ गए दोनों ने नेहा से हाय हेलो की और फिर आकाश से उसके पैर के बारे में पूछने लगे ,, नेहा के खुले स्वाभाव से दोनों जल्द ही नेहा के साथ घुल मिल गए l
नेहा ने सबको आ रात होने वाली पार्टी के बारे में बताया और सभी आकाश के रूम में जमा हो गए …. सबने खुब मस्ती की मोंटी जो हर वक्त सिर्फ खाना ढूंढता था आज सबके साथ एन्जॉय कर रहा था पर इन सबके बिच दो लोग जिनके होंठ मुस्कुराने के लिए जबरदस्ती कर रहे थे वो थे जय और जिया , डांस और खाने के बाद सभी आकाश के बेड पर जमा हो गए ,,
नेहा ने सबको एक गम खेलने को कहा सब मान गए नेहा बाहर से लकड़ी का एक बोर्ड और कांच की बॉटल ले आयी और उस बोर्ड को सबके बिच में रखकर कहा “मैं ये बॉटल इस बोर्ड पर घुमाऊँगी और इसका मुंह जिसकी तरफ भी आकार रुकेगा उस से हम कोई भी सवाल पूछ सकते है या उसे कोई भी काम करने को दे सकते है”
सभी मान गए नेहा ने गेम शुरू किया और बोतल को बोर्ड पर रखकर घुमा दिया सभी की नजर बोर्ड पर ही थी सबने देखा बॉटल का मुंह जिया की तरफ था , जिया ने कहा – कहो क्या करना है ?
नेहा – जिया तुम्हे जय को परपोज़ करना है
ये सुनते ही जय नेहा की तरफ घूरने लगा तो नेहा ने डरकर कहा – अरे बाबा रिलैक्स सिर्फ एक्टिंग करनी है और उसके लिए तो कोई सीरियस बंदा ही ढूंढना पड़ेगा न
आकाश – हां यार जय , कोनसा तुझे मैं अपना जीजा बना रहा हु साले
जिया – मुझे नहीं करना कुछ और बताओ
नेहा – कुछ और नहीं यही करना पड़ेगा ,, वरना समझ लो तुम लूजर हो
आकाश नेहा और मोंटी के जिद करने के बाद जिया मान गयी जिया बेड से उतर कर निचे आयी जय भी उसके सामने आकर खड़ा हो गया जिया का दिल तेजी से धड़क रहा था उसने जय की आँखों में देखा और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा – i love you जय do you love me ?
जय कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा – yes i do
जय के इतना कहते ही जिया की आँखों में नमी तैर गयी जो सिर्फ जय देख सकता था जिया दूसरी तरफ देखन लगी पर जय अब भी उसके मासूम चेहरे की तरफ देख रहा था , वो भूल गया था की आकाश , नेहा और मोंटी भी उन दोनों को देख रहे है तभी नेहा ने कहा – सुपरब , आजाओ गेम वापस स्टार्ट करते है
जिया गेम से बाहर होकर साइड में बैठ गयी गेम फिर शुरू हुआ इस बार बॉटल मोंटी के सामने आकर रुकी तो सबने उस से उसकी क्रश का नाम पूछा और उसने जो बताया तो सबका हंस हंस के बुरा हाल था क्योकी उसे 3 साल पहले अपने घर के सामने बेकरी की शॉप पर काम करने वाली लड़की पर क्रश था ,
जो अक्सर उसे फ्री में पिज़्ज़ा , बर्गर , चॉकलेट खाने को दे देती थी , पर बाद में पता चला वो 2 बच्चो की माँ है , और इस से ये भी साबित हो चूका था की मोंटी खाने के लिए कुछ भी कर सकता है …
एक बार फिर गेम शुरू हुआ इस बार बॉटल रुकी नेहा पर
आकाश – सो मिस नेहा आप हमे ये बताईये की अमेरिका में रहकर सबसे डर्टी आपने क्या किया
नेहा – its चीटिंग आकाश
आकाश – इश्क़ और जंग में सब जायज है मिस
नेहा – ओके i ll tell you but अंकल आंटी को कोई नहीं बताएगा “वहा मैंने एक बार दोस्तों के साथ मिलकर रम पीकर अपनी फीमेल फ्रेंड को किस किया था
नेहा के मुंह से ये बात सुनकर मोंटी और जय तो चौंक गए लेकिन आकाश ने मजे लेते हुए जिया से कहा – जिया तू बचके रहना
आकाश की बात सुनकर सब हसने लगे उसके बाद बारी आयी जय की और आकाश ने कहा – सो मिस्टर जय तुम्हारे लिए एक पर्सनल सवाल है – क्या तुमने कभी किसी से प्यार किया है ?
आकाश की बात सुनकर सब उसकी तरफ देखने लगे पर जिया जय की तरफ देखने लगी वो सुनना चाहती थी की आखरी जय क्या कहेगा , जय ने सबकी तरफ देखा और फिर उसकी निगाहे जिया पर जाकर रुक गयी , जय को अपनी और घूरता पाकर जिया ने मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया ,, आकाश ने अपना सवाल एक बार फिर दोहराया तो जय ने धीरे से कहा – हाँ किया है !
जय के मुंह से हाँ सुनकर जिया क चेहरे के भाव एक बार फिर बदल गए पर वह चुप रही .. आकाश गेम जीत चुका था सभी बैठे थे कुछ देर बाद आकाश ने कहा – यार क्यों न एक एक कॉफी हो जाये …
भाई मैं बनाकर लाती हु कहकर जिया चली गयी … सभी हंसी मजाक करने लगे और नेहा उन तीनो को अपने अमेरिका के किस्से सुनाने लगी , जय फोन आने पर रूम से बाहर आकर बात करने लगा बात करते करते उसकी नजर सामने किचन में खड़ी जिया पर गयी , जिया का मासूम सा चेहरा उसकी आँखों में उतरता ही जा रहा है ,, वो सब भूलकर प्यार से उसे देखने लगा ,, और फिर जिया से जाकर कहा – एक ग्लास पानी मिलेगा ?
जिया ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ा दिया उसकी आँखों की नमी जय महसूस कर सकता था , उसने अपना रूमाल जिया की तरफ बढ़ा दिया , जिया ने मुस्कुराते हुए कहा – आंसू देने वाले ही जब आंसू पोछे तो बहुत तकलीफ होती है
कहकर जिया ट्रे लेकर आकाश के रूम की तरफ बढ़ गयी , जय ने गुस्से में हाथ जोर से दिवार पर दे मारा और वहा से बाहर निकल गया !!
आकाश और बाकि लोग उसका इंतजार कर रहे थे लेकिन वो जा चुका था … आकाश ने फोन भी किया लेकिन उसने नहीं उठाया !! कॉफी पिने के बाद मोंटी घर चला गया , जिया और नेहा भी अपने कमरे में चली आयी , आकाश ने एक बार फिर जय को फोन लगाया लेकिन उसने बात नहीं की … फिर उसे जय की तरफ से सॉरी का मेसेज मिला … आकाश सोने चला गया
इश्क़ तो था पर जितना ज्यादा था उतना ही उलझा हुआ भी था , भावनाओ के इन नाजुक रिश्तो के धागो की डोर सबके हाथो में थी दुसरा सिरा किस के हाथ में था ये कोई नहीं जानता था , कोई जानता था इश्क़ है , कोई जानकर भी अनजान बन रहा था किसी ने छुपाने की कोशिश की , कोई जाहिर करने पर आमदा था , कोई बेखबर सा किसी और की तलाश में था तो किसी की तलाश उस पर आकर खत्म हो चुकी थी …
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