Bepanah Ishq – 6
Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
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Bepanah Ishq – 6
आकाश जल्दी से लखवीर सिंह के ढाबे पर पहुंचा , पर वहा कोई नहीं था जैसे ही जाने के लिए वापस मुडा जय और मोंटी “हैप्पी बर्थडे” चिल्लाते हुए बाहर आये ,, आकाश जो अब तक परेशान था उसे याद आया आज तो उसका जन्मदिन है , मोंटी और जय ने गले लग कर उसे जन्मदिन की बधाई दी और तीनो आ बैठे अपनी पंसदीदा जगह ,,
लेकिन आकाश कही और ही खोया हुआ था , जय ने वेटर से तीन बियर और कुछ खाने को लाने के लिए कहा .. मोंटी और जय बोलते जा रहे थे और आकाश चुपचाप सुन रहा था
तभी वेटर बियर ले आया जय और मोंटी ने एक एक उठा ली लेकिन आकाश ने नहीं ली तो जय ने कहा
– आज तू पी क्यों नहीं रहा ?
आकाश – मेने पीना छोड़ दिया , और अब तुम लोग भी छोड़ दो
मोंटी – क्या ? पीना छोड़ दिया कबसे भाई ?
आकाश – आज से , अभी से ,, तुम लोग भी मत पिया करो सेहत के लिए अच्छी चीज नहीं है कहकर आकाश ने वेटर से कहा – भाई एक माजा ले आ …
मोंटी और जय एक दूसरे को देखने लगे , माजा की बॉटल आ चुकी थी आकाश पिने लगा तो मोंटी और जय उसे घूरने लगे उन्हें अपनी और घूरता पाकर आकाश ने कहा – क्या ? ऐसे घूर क्यों रहे हो दोनों ?
जय – या तो हम दोनों सपना देख रहे है या तू पागल हो गया है वीरे ….
मोंटी – हां और तू कबसे बियर के लिए ना कहने लगा ,,
आकाश – कहाँ ना हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होती
जय ने कुछ सोचते हुए कहा – ओह्ह बेटा हेल्थ के लिए अच्छी नहीं है या तेरी भूमि मैडम ने कहा है ये सब
भूमि का नाम सुनते ही आकाश का चेहरा खिल गया , जय और मोंटी को समझ आ गया की वो मना क्यों कर रहा है आकाश को चुप देखकर जय ने कहा – वीरे तुझे नहीं लगता एक लड़की के खातिर तू खुद को बदलने लगा है ?
“बदल नहीं रहा , खुद को उसके लायक बनाने की कोशिश कर रहा हु – आकाश ने कहा
मोंटी – मतलब वो कहेगी घर बार छोड़ दो तो तू वो भी छोड़ देगा ?
आकाश – वो ऐसा कभी नहीं कहेगी
जय – अच्छा , किसी पर आँखे बंद करके भरोसा करना इतना भी सही नहीं है
आकाश – एक बार उसे जान लोगे तो तुम दोनों की ग़लतफ़हमी खुद ब खुद दूर हो जाएगी
मोंटी – तो कब मिला रह हो उस से
आकाश – पहले मैं खुद तो मिल लू
जय – और मान ले उसने कभी हम दोनों को छोड़ने को कहा तब क्या करेगा ?
आकाश – तो मैं भूल जाऊंगा भूमि नाम की किसी लड़की को मैं जानता भी हु ,
आकाश की बात सुनकर जय और मोंटी ने उसे फिर से गले लगा लिया ,,, और फिर मोंटी ने कहा – i love you भाई तूने तो दिल खुश कर दित्ता !!
जय – चल इसी बात पर एक एक हो जाये , आखरी बार समझ के पी ले ना यार फिर हम तुझे कभी नहीं कहेंगे कसम से
आकाश – नहीं यार , तुम लोग पीओ बिल मैं दूंगा ,
जय और मोंटी ने कुछ नहीं कहा बस उसके चेहरे की तरफ देखते रहे सच में बदलने लगा था आकाश , पर जय और मोंटी खुश भी थे , साथ ही थोड़ा सा जल भून रहे थे , तभी जय ने कहा – अच्छा ये बता तू कबसे ऐसा हो गया
आकाश – कैसा
जय – ऐसा जैसा आज है
आकाश – पता नहीं यार , जबसे वो मेरी जिंदगी में आयी है सब अच्छा लगने लगा है , खुश रहने लगा हु , ये शहर ये मौसम ये पेड़ ये हवाएं सब खूबसूरत लगने लगी है , ये सब क्या मुझे तू और ये मोंटी भी अच्छा लगने लगा है ,, जब भी वो कुछ कहती है लगता है सब सही है , उसकी हर बात मानने को दिल करता है ,, जब उस से बात होती है तो सब अपने आप खूबसूरत लगने लगता है …. बोलते बोलते आकाश किसी और ही दुनिया में खो सा गया
जय – इसे प्यार कहते है
आकाश – ऐसा कुछ भी नहीं जय
जय – तेरे चेहरे से और तेरी बातो से साफ जाहिर हो रहा है की तू भूमि से प्यार करने लगा है
आकाश – no
जय – yes , आँखे देख अपनी , साफ साफ दिख रहा है then you falling in love
मोंटी – अच्छा तुम क्या लव गुरु हो , जो सिर्फ तुमको दिख रहा है मुझको नहीं
जय – तुझे खाने के अलावा कुछ दिखता भी है ,, पेटू कही का
आकाश – उस हिसाब से मोंटी का पहला प्यार तो खाना हुआ
तीनो हंसने लगे …
आकाश – जय तुझे बड़ा पता है प्यार के बारे में , तूने भी किया है क्या
“किया तो है बस कहने से डरता हु – जय ने एक ठंडी साँस भरते हुए कहा
आकाश – ओह्ह तेरी कब , किससे , कौन है वो ?
जय – वक्त आने पर सब बता दूंगा , पहले तू बता तूने भूमि से कहा की नहीं तू उस से प्यार करता है
आकाश – पागल है क्या वो सिर्फ मुझे अपना दोस्त समझती है यार
जय – हां और तू जिंदगीभर इसी वहम में रहना , जब तक तू उसे कहेगा नहीं उसे क्या पता चलेगा
आकाश – जय ये इतना आसान भी नहीं है , बिना उसके मन की बात जाने उस से कुछ कहना सही नहीं होगा , वैसे भी बहुत जल्द मैं उस से मिलने वाला हु , एक बार उस से मिल लू फिर अपने दिल की बात भी उसे कह दूंगा
मोंटी – मिलने जाआगे उससे , वो भी लखनऊ
आकाश – उसकी दोस्त की शादी है उसने इन्वाइट किया है तो जाना पडेगा
मोंटी – मैं भी चलूँगा , शादी है कमसे कमसे खाने को भी मिल जायेगा
जय ने उसके सर पर चपत मारते हुए कहा – वीरे खाने के बाहर भी एक दुनिया है
“ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं – मोंटी ने गाते हुए कहा तो आकाश ने कहा – ठीक है हम तीनो चलेंगे अब खाना आर्डर करो बहुत भूख लगी है !!
जय ने वेटर को बुलाकर खाने का आर्डर दिया ,, कुछ देर बाद खाना आ गया तीनो ने खाना खाया और फिर जय और मोंटी ने आधी बची बियर की बोतल उठा ली आकाश ख़ामोशी से दोनों को पीते हुए देखता रहा ,, अचनाक आकाश को कुछ याद आया और फिर वो जोर जोर से हंसने लगा ,,
उसे इस तरह हँसता देखकर जय और मोंटी उसकी तरफ देखने लगे लेकिन आकाश बस हँसता ही जा रहा था ,, कुछ देर बाद शांत हुआ तो जय ने पूछा – क्या हो गया तू ठीक तो है
आकाश – हां , कुछ याद आ गया था
मोंटी – क्या ?
आकाश – मैंने भूमि को सुबह एक शेर सुनाया था
जय – क्या बात है सहजादे सलीम हमे तो तूने कभी एक बिल्ली तक नहीं सुनाई ,
आकाश – अच्छा तुम्हे भी सूना देता हु
इरशाद – मोंटी और जय ने एक साथ कहा
आकाश – इश्क़ की तो उम्र ही होती है आवारा
वाह वाह , वाह वाह – दोनों ने फिर एक साथ कहा
आकाश – इश्क़ की तो उम्र ही होती है आवारा , 15 16 17 या 18
आकाश का इतना कहना था के दोनों जोर जोर से हंसने लगे , आकाश भी उनमे शामिल हो गया और फिर तीन देर तक हँसते रहे , जय ने अपनी हंसी रोककर कहा – वीरे तू रहने दे तुझसे नहीं होगा .. और फिर हंसने लगा
मोंटी – पर तेरी उम्र तो 24 है
आकाश – तभी तो मेरा इश्क़ आवारा नहीं है
जय – हां तेरी लव स्टोरी तो दुनिया की सबसे महान लव स्टोरी होगी , नई
आकाश – बिल्कुल , सरहद के उस पार वो इस पर मैं और बिच में बेपनाह इश्क़
मोंटी – ओह्ह्ह वीर-जारा के आधे अधूरे शाहरुख़ खान , अब चलो भी कितनी रात हो गयी है
तभी आकाश का फोन बजा आकाश ने दोनों को चुप रहने का इशारा किया और फ़ोन उठाया दूसरी तरफ जिया थी
हेलो – आकाश ने धीरे से कहा
“घर आ जाओ मम्मी पापा आपका वैट कर रहे है , और हां उन दो गधो को भी ले आना – कहकर जिया ने फोन काट दिया ..
आकाश – जय , मोंटी पापा ने घर बुलाया है ,
जय – तो जाओ
आकाश – साथ में तुम दोनों को भी बुलाया है
मोंटी – हम दोनों को क्यों भाई ,
जय – वीरे हम नहीं जा रहे , हमे आज अंकल जी के इरादे कुछ नेक नहीं लग रहे ,, हम कल सुबह आते है अभी तू जा
” अच्छा तुम दोनों का मतलब है मैं अकेले जाकर उनसे जूते खाउ , तुम्हे भी साथ चलना होगा – आकाश ने लगभग दोनों को खींचते हुए कहा
तीनो गाड़ी में आ बैठे आकाश ने गाड़ी स्टार्ट की और घर की तरफ मोड़ दी ,, टेंशन तीनो के चेहरे से साफ झलक रही थी पर आकाश निश्चिन्त था आज उसने पि नहीं थी , माहौल को थोड़ा टेंशन रहित बनाने के लिए आकाश ने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया …. मोंटी और जय अभी भी चुपचाप थे !!!
कुछ ही देर में तीनो घर पहुंचे !! तीनो डरते डरते अंदर गए लेकिन जैसे ही घर में दाखिल हुए उन्होंने देखा पूरा घर सजाया हुआ है सामने टेबल पर एक बड़ा सा केक रखा हुआ था , सामने मानवेन्द्र , वंदना और जिया खड़े मुस्कुरा रहे थे आकाश को लगा था उसका बर्थडे किसी को याद नहीं है लेकिन उसे एक के बाद एक सरप्राइज मिल रहे थे … उसने मानवेन्द्र और वंदना के पैर छुए ,,
फिर सबने मिलकर आकाश का बर्थडे सेलेब्रेट किया , केक काटा गया सबको केक खिलाने के बाद मानवेन्द्र और वंदना डायनिंग टेबल की तरफ चले गए हॉल में सिर्फ मोंटी , जय , आकाश और जिया ही थे तभी जय ने केक उठाया और आकाश के मुंह पर मल दिया , मोंटी भी कहा पीछे हटने वाला था उसने भी जय के साथ मिलकर आकाश की शकल ही बिगाड़ दी , कुछ देर बाद आकाश मुंह धोने वाशबेसिन की तरफ चला गया !!
मोंटी भी उसके पीछे पीछे हाथ धोने चला गया , हॉल में सिर्फ जय और जिया ही थे जिया जो की उन सबकी हरकतों से अंदर ही अंदर गुस्सा रही थी तभी उसकी नजर जय पर पड़ी आकाश को केक लगाते वक्त उसके गाल भी केक लग गया था लेकिन उसे पता नहीं था जिया ने देखा तो उसे इशारा करके बताया , उसने जैसे ही हाथ बढ़ाया उंगलियों पर लगा बाकि केक भी उसके गाल पर लग गया ,,
जिया घूरते हुए उसके पास आयी और हाथ से उसे रुकने का इशारा किया , टेबल पर रखा टिशू उठाया और उसके गाल पर लगा केक पोछने लगी दोनों एक दूसरे को खा जाने वाली नजरो से घूर रहे थे , और फिर जिया वहा से चली गयी ,,
दूर खड़े आकाश और मोंटी ये नजारा देख रहे थे पर उन्हें समझ नहीं आ रहा था , जय और जिया के बिच ये कैसी नफरत थी कोई नहीं जानता था , खैर सभी डायनिंग टेबल के पास जमा हो गए , मानवेन्द्र ने सबको बैठने को कहा तो मोंटी और जय अपनी अपनी प्लेट लेकर उनसे दूर जा बैठे ,, मानवेन्द्र ने कहा – अरे बेटा तुम लोग इतना दूर क्यों बैठे हो ..
जय – नहीं अंकल हम यही ठीक है , आप शुरू कीजिये
जय और मोंटी की हालत देखकर आकाश को हंसी आ गयी सभी खाना खाने लगे तभी मानवेन्द्र ने कहा – अच्छा जय तुम्हारी जॉब का क्या हुआ
जय – अगले महीने कुछ सॉफ्टवेयर कम्पनीज में इंटव्यू है अंकल ,
मानवेन्द्र – बहुत अच्छा , और मोंटी तुम्हारा
मोंटी – अंकल मैं तो अगले साल पापा के साथ फॉरेन जा रहा हु वो चाहते है की अब मैं उनके साथ रहकर ही उनका काम सम्हालू
मानवेन्द्र – सही चाहते है , बच्चो का फर्ज बनता है वो उम्र के इस पड़ाव में वो माँ बाप के साथ ही रहे !! तुम तीनो सेटेल्ड हो रहे हो तो अब तुम्हे अपनी शादी के बारे में भी सोचना चाहिए
शादी का नाम सुनकर जय के गले में खाना अटक गया और वो खांसने लगा तो जिया ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ा दिया जय ने उसकी तरफ देखा और फिर एक साँस में सारा पानी पि गया ,, तभी वंदना ने डांटते हुए मानवेन्द्र से कहा – आप भी ना , बच्चो को आराम से खाना तो खाने दीजिये आते ही इनपर सवालों की बौछार कर दी , फिर जय की तरफ देखकर कहा – तुम आराम से खाओ बेटा …
मानवेन्द्र वंदना की तरफ देखकर मुस्कुरा दिए !! खाना खाने के बाद कुछ देर सबने बैठकर बातें की और फिर मोंटी और जय घर जाने लगे , आकाश और जिया दोनों को दरवाजे तक छोड़ने आये , आकाश ने जय को अपनी बाइक की चाबी दी और धीरे चलाने को कहा , जय ने जिया की तरफ देखा चेहरे पर कोई भाव नहीं था तभी जिया ने कहा – जय , बेस्ट ऑफ़ लक
प्रत्युत्तर में जय ने थैंक्यू कहा और बाइक स्टार्ट करके मोंटी के साथ वहा से निकल गया , आकाश ने देखा जिया के चेहरे पर एक अजीब ही दर्द था , दोनों अंदर आ गये जिया सोने चली गयी आकाश भी अपने कमरे में चला आया घडी में देखा तो रात के पोंने बारह बज रहे थे , आकाश ने जेब से फोन निकाला और सोचने लगा
“सबने विश किया , और जिसे विश करना चाहिए था उसने सुबह से एक बार पूछा तक नहीं” आकाश सोच ही रहा था तभी फोन में मेसेज आया , आकाश ने देखा मेसेज भूमि का था आकाश ने बुझे मन से मेसेज ओपन किया उसमे 20 सेकेंड का कोई विडिओ था ,, आकाश ने विडिओ प्ले किया तो बस देखता ही रह गया
” जन्मदिन की ढेर सारी शुभकानाए , आने वाले समय में आपको वो सब मिले जो आपका दिल चाहता है ,, और आप हमेशा खुश रहे !! हैप्पी बर्थडे आकाश
आकाश मुस्कुरा उठा वो जितनी प्यारी तस्वीरों में दिखती थी उस से भी ज्यादा प्यारी थी ये विडिओ में साफ नजर आ रहा था ,फोन हाथ में पकडे आकाश बस मुस्कुरा रहा था , उसके लिए ये आज का सबसे बेस्ट गिफ्ट था तभी एक मेसेज और आया ये भी भूमि का ही था आकाश ने मेसेज देखा इस बार भी विडिओ ही था आकाश ने प्ले किया
“भूमि ने मासूम सा चेहरा बनाकर अपने दोनों कान पकड़कर कहा – i am so sorry , हमे सुबह तुम पर हंसना नहीं चाहिए था , हम जानते है तुम बहुत अच्छे हो इसलिए तुम हमे माफ़ कर दोगे ,,, again m sorry !!
आकाश का मन किया अभी भूमि को फोन करके ढेर सारा थैंक्यू कहे और उसे कहे की वो उस से इतना प्यार करता है की ख्वाब में भी उससे नाराज होने की नहीं सोच सकता , फिर उसने घडी की तरफ देखा जो रात के बारह बजा रही थी , दरअसल भूमि ने मेसेज बहुत पहले ही कर दिए थे लेकिन नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से आकाश को अब मिल रहे थे ,,
सुबह फोन करने का सोचकर आकाश फोन साइड में रखकर लेट गया ,, पर आज उसे नींद कहा आनी थी उसे तो बस बार बार भूमि का मासूम सा चेहरा नजर आ रहा था , और फिर अचानक याद आ गयी जय की बात और फिर सहसा ही उसके होंठो से निकल गया – yes i’m falling love with bhumi
सारी रात बिस्तर पर करवटे बदलता रहा पर जैसे नींद आज उस से रूठ गयी थी ,, वह उठ बैठा और ड्रावर से अपनी डायरी निकाली और लिखने लगा , कुछ लिखकर डायरी वापस रख दी और खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया , मौसम बहुत अच्छा था ऐसे सर्द मौसम में भी हल्की बूंदाबांदी हो रही थी , कुछ बुँदे हवा के झोंके के साथ आकाश के चेहरे पर आ गिरी आकाश आँख बंद कर उन ठंडी बूंदो को महसूस करने लगा …
तपते रेगिस्तान में गिरती बारिश की बूंदो जैसा अहसास उसे अंदर तक सिहरन दे गया उसने अपनी आँखे खोली तो लगा भूमि उसके सामने ही खड़ी है आकाश ने जैसे ही हाथ आगे बढ़ाया वो एकदम से गायब हो गयी ये उसे क्या हो रहा था , अचनाक क्यों बारिश उसे इतनी अच्छी लगने लगी , वो सर्द राते जिनसे अक्सर उसके मन ने खिन्न उत्पन होती , आज वो सर्द राते उसे इतनी भाने लगी ,,
वह जाकर आईने के सामने खड़ा होकर खुद को देखने लगा वो आँखे जो कभी खाली खाली सी लगती थी अब उनमे किसी के लिए ढेर सारा प्यार नजर आ रहा था , वो होंठ जो बहुत कम बोलते थे बेताब थे उसे अपने दिल का हाल सुनाने के लिए ,, आकाश बड़े गौर से खुद को देख रहा था ,, फिर आकर बिस्तर पर लेट गया पर नींद नहीं आयी वह सोचता रहा सोचता रहा ,,,
सुबह हो चुकी थी ,, एक जंग में हारे सिपाही की तरह बिस्तर पर पड़ा हां हार गया था वो अपने दिल से दिल ने कहा प्यार है और दिमाग ने उसका विरोध किया और आखिर में दिल ने दिमाग को धराशाही कर दिया ,, वो प्यार ही था जिस से भूमि अनजान थी और आकाश उस महासागर में हाथ पैर मारते हुए बस डूबता जा रहा था !!
उठा और फिर तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया .. दिन निकल रहे थे लेकिन भूमि से अपने दिल की बात आकाश अभी तक नहीं कह पाया था , दूसरी तरफ आरफा की शादी का दिन नजदीक आ चूका था , एक तरफ दोनों सहेलिया बहुत खुश थी तो दूसरी तरफ एक दूसरे से दूर होने का गम ,, शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थी , आरफा के घरवालों ने एक बड़ा सा मैरिज गार्डन अरेंज किया जहा 3 दिन बाद शादी होनी थी !!
आरफा ने आकाश को भी आने के लिए इन्वाइट किया ,, आकाश अपनी गाड़ी से जय और मोंटी के साथ घर से निकला , अभी घर से कुछ ही दूर आये थे की आकाश को याद आया उसने भूमि के लिए कोई गिफ्ट नहीं लिया , आगे कुछ ही दूरी पर आकाश को एक गिफ्ट गैलेरी की दुकान दिखाई दी , उसने गाड़ी को साइड में लगाया और जय मोंटी को वही रुकने को कहकर खुद दूकान की तरफ बढ़ गया ,,
वहा से एक खूबसूरत सा तोहफा पैक करवा कर आकाश वापस आ रहा था तभी अचनाक सामने से आती बाइक का बैलेंस बिगड़ गया और उसने आकाश को टक्कर मार दी , गिफ्ट उसके हाथ से दूर जा गिरा और आकाश भी उसके सर पर चोट लगने से खून बहने लगा उसे कुछ समझ नहीं आया , मोंटी और जय दोनों दौड़ते हुए उसके पास आये उन्होंने आकाश को सम्हाला आकाश को सा धुंधला धुंधला नजर आ रहा था और फिर वो बेहोश हो गया
,, जय ने उसे मोंटी की मदद से गाड़ी में लेटाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर गाड़ी अस्पताल की तरफ मोड़ दी ,, कुछ ही देर में वो लोग पहुंचे आकाश को तुरंत एमर्जेन्सी वार्ड में ले जाया गया ,, उसका इलाज शुरू हुआ सर पर कुछ स्टिचेस आये और पैर में फ्रेक्चर की वजह से भारी भरकम प्लास्टर लग चुका था ,, दो घंटे बाद उसे जब होश आया तो उसने अपने चार और मानवेन्द्र , जिया , जय, और मोंटी को पाया ,
उसने नजर घुमाकर देखा तो वंदना उसके सिरहाने बैठी अपने आंसुओ को रोकने का भरकस प्रयास का रही थी ,, आकाश के होश में आते ही सबके चेहरे से परेशानी के भाव कम हो गए ,,शाम तक आकाश को डिस्चार्ज कर दिया गया , सभी आकाश को लेकर घर आ गए , आकाश को पैर टूटने से ज्यादा दुःख भूमि से न मिल पाने का था …
जिया , मोंटी , जय आकाश के कमरे में बैठ थे , वंदना और मानवेन्द्र उठकर बाहर चले गए … जय को परेशान देखकर आकाश ने कहा – तुझे क्या हुआ ?
जय – अगर तुझे कुछ हो जाता तो मैं ………. जय ने बात अधूरी ही छोड दी
आकाश – कुछ नहीं होगा मुझे मैं बिलकुल ठीक हु , और जब तक तू मेरे साथ है तब तक तो डेफिनेटली कुछ नहीं होगा
जय ने आकाश को गले लगा लिया .. जिया खामोश बैठी ये सब देख रही थी , जय ने जिया की तरफ देखा तो वह गुस्से में उठकर बाहर चली गयी , आकाश को जिया का इस तरह जाना खटका पर उसने इग्नोर किया और जय मोंटी से बात करने लगा उसे भूमि से ना मिल पाने का कुछ ज्यादा ही दुःख हो रहा था उसे दुखी देख मोंटी ने कहा – अच्छा अब रोना बंद कर और देख आज तेरी राशि में क्या लिखा है
आकाश – क्या लिखा है ?
मोंटी – लिखा है आज तेरी मुलाकात एक सुन्दर सी कन्या से होगी
आकाश – झूठ लिखा है मुलाकात होने से पहले ही टाँग टूट गयी
मोंटी – नेगेटिव इंसान , आगे तो सुन आगे लिखा है कुछ कठिन फैसले लेने पड़ सकते है , जिंदगी में बहुत बड़े तूफान के आने का संकेत है .
आकाश – वो तूफान तो तू ही है
आकाश की बात सुनकर जय हंसने लगा ,, कुछ देर बाद जिया सबके लिए कॉफी ले आयी उसने आकाश और मोंटी को कॉफी दी और जय को देने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी उसके हाथ से कप छूट गया और फर्श पर गिर गया , कॉफी से जिया का हाथ थोड़ा सा जल गया , जय ने देखा तो तुरंत उसका हाथ पकड़कर देखने लगा पर जिया ने हाथ झटक दिया , जय बिना इसकी परवाह किये उठा और टेबल से क्रीम लेकर आया ,
जिया का हाथ लेकर उसपर क्रीम लगाने लगा जलन की वजह से जिया की आँख से आंसू की दो बुँदे जय के हाथ पर आ गिरी , जय की आँखों में उस वक्त एक अपनापन और अजीब सा दर्द नजर आ रहा था , आकाश और मोंटी ख़ामोशी से दोनों को देख रहे थे , जिया वहा से चली गयी उसके हाथ पर हल्की जलन अब भी थी लेकिन उस से भी ज्यादा जलन इस वक्त उसके सीने में थी ,,
उसके और जय के बिच ये कैसी जंग थी कोई नहीं जानता था ,, जय बाहर आकर वाशबेसिन में हाथ धोने लगा तो जिया वहा आ गयी और गुस्से में कहा – हमदर्दी का ये झूठा नाटक करना बंद करो ,
जय ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप आकाश के कमरे की तरफ बढ़ गया … जिया अपने कमरे में चली गयी
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Continue With Bepanah Ishq – 7
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