Bepanah Ishq – 13
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Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
Bepanah Ishq – 13
अगले दिन सुबह सुबह ही शादी की रस्मे शुरू हो गयी , भूमि और कार्तिक सुबह से उन्हें निभाने में बिजी थे , सब उन दोनों की खूब खिंचाई कर रहे थे ,, पहले हल्दी , फिर मेहन्दी , और फिर संगीत इन सब में पूरा दिन निकल गया , भूमि की नजरे बार बार गेट की तरफ चली जाती , शाम को भूमि मेहँदी लगे हाथो को लेकर अपने रूम में बैठी थी ,, उसे उदास सा देखकर आरफा उसके पास आयी और उसके उदासी की वजह पूछी पर पहली बार भूमि ने आरफा से भी अपने दिल की बात छुपा ली और कहा की थकान की वजह से बस !!
आरफा कुछ देर वही भूमि के पास बैठकर उस से बातें करने लगी और फिर युवान के आने पर आरफा उठकर जाने लगी तो भूमि ने उस से अपना लैपटॉप ऑन करके सामने रखने को कहा आरफा लेपटॉप भूमि के सामने रखकर चली गयी , भूमि ने विडिओ रिकॉर्डर ऑन किया और उसमे एक विडिओ बनाया 10 मिनिट के उस विडिओ में भूमि ने बहुत कुछ कहा और फिर उसे आकाश को सेंड कर दिया ,,
ये करके भूमि को काफी हल्का महसूस हो रहा था ,भूमि ने लैपटॉप बंद किया और बैठकर मेहँदी लगे हाथो को देखने लगी , कुछ देर बाद आरफा और भूमि की कुछ सहेलिया आयी और भूमि को तैयार होने को कहा निचे हॉल में भूमि के सास ससुर की तरफ से उसकी गोद भराई की रस्म होनी थी ,, लाल रंग की साड़ी में लिपटी भूमि सबके साथ निचे हॉल में आ गयी , कार्तिक और भूमि को साथ बैठाया और फिर रस्मे करने लगे !!
दूसरी तरफ आकाश जो अब तक भूमि को इग्नोर कर रहा था , शाम को घर आया तो आते ही वंदना ने उस पर गाज गिराते हुए कहा – आकाश मैंने और तुम्हारे पापा ने तुम्हारी शादी के बारे में सोचा है
वंदना के मुंह से शादी की बात सुनकर मानो आकाश पर आसमान ही फट पड़ा उसने नजरे झुका कर कहा – मुझे अभी शादी नहीं करनी मॉम …….. और सीधा अपने कमरे में चला गया
मानवेन्द्र वही खड़े थे वे आकाश के कमरे में गए , आज पहली बार उन्हें अपने कमरे में देखकर आकाश थोड़ा चौंक गया फिर उन्हें बैठने को कहा मानवेंद्र बेड पर आकर आकाश के बगल में बैठ गए और प्यार से उसके कंधे पर हाथ रखकर पूछा – कैसा रहा आज का दिन ?
आकाश को मानवेन्द्र से इस सवाल की उम्मीद नहीं थी आकाश ने कहा – ठीक था पापा
“क्या बात है आजकल बहुत खोये खोये से रहते हो ?
आकाश – थोड़ा काम का प्रेशर है पापा
“तो कुछ दिन आफिस मत आओ काम तुम्हारी ख़ुशी से बढ़कर नहीं है बेटा ,
आकाश – ऐसी कोई बात नहीं है पापा
“तुम्हारी मॉम ने अभी जो कहा उसके लिए तुम्हे ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है बेटा , पर तुम्हारी माँ का कहना भी सही है मैं तुमसे कोई जबरदस्ती नहीं कर रहा , अगर तुम्हे कोई लड़की पसंद है तो तुम हमसे कह सकते हो तुम्हारी पसंद से हमे कोई आपत्ति नहीं है बेटा ,,
“मुझे जो पसंद है वो मेरी कभी नहीं हो सकती पापा , और उसे भूलकर मैं किसी और से शादी नहीं कर पाऊंगा” आकाश मन ही मन सोचने लगा उसे चुप देखकर मानवेन्द्र ने उसका हाथ अपन हाथो में लेकर कहा – समझ सकता हु ये शादी ब्याह के फैसले इतनी जल्दी नहीं लिए जाते ,, पर अगर हमसफर अच्छा हो तो देर भी नहीं करनी चाहिए , वंदना ने मुझे बताया की नेहा तुम्हे बहुत पसंद करती है ,
तुम दोनों बचपन से अच्छे दोस्त भी हो और एक दूसरे को अच्छे से जानते पहचानते भी हो , उस बच्ची ने हमेशा दुःख और तकलीफ देखी है , तुम उसकी जिंदगी में खुशिया ला सकते हो बेटा ,, हमे नेहा पसंद है बस तुम्हारी पसंद जानना चाहते है ,,,
मानवेन्द्र की बात सुनकर आकाश को दुसरा झटका लगा … उसने मानवेन्द्र की तरफ देखकर कहा – पापा हम दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त है हमारे बिच ऐसा कुछ भी नहीं है …
“जानता हु तुम दोनों दोस्त हो , नेहा बचपन से ही तुम्हे चाहती है लेकिन उसने कभी कहा नहीं पर इस बार जब यहाँ आयी तो वो अपने आपको रोक नहीं पायी उसने वंदना को बताया की वो तुमसे कितना प्यार करती है , एक बात और बेटा हमसफर अगर दोस्त जैसा हो तो जिंदगी आसान हो जाती है
आकाश – पर मैं नेहा से प्यार नहीं करता पापा
“शादी के प्यार हो ही जाता है बेटा , फैसला तुम पर है और मैं तो यही चाहूंगा की इस बार उस बच्ची का दिल न टूटे – कहकर मानवेन्द्र कमरे से बाहर चले गए
उनके जाते ही आकाश ने रूम का दरवाजा बंद कर दिया सवालों ने उसे घेर लिया वो बिस्तर पर आ बैठा
“आखिर ये सब क्यों हो रहा है ? मेरी दोस्त मुझसे प्यार करती है और आजतक उसने एक बार भी इस बात का जिक्र मुझसे नहीं किया ? एक वो है जिससे मैं प्यार करता हु पर वो मेरी नहीं किसी और की है दूसरी तरफ नेहा जिसे मैंने कभी उस नजर से नहीं देखा ? भूमि से चाहकर भी अपने दिल की बात नहीं कह सकता और नेहा उस से ये सब कहना नहीं चाहता ? क्या करू कुछ समझ नहीं आ रहा , क्या प्यार इतना मुश्किल होता है ?
आकाश बैठकर ये सब सोच ही रहा था तभी फोन पर एक मेसेज आया , उसने देखा मेसेज भूमि का था आकाश ने कांपते हाथो से मेसेज ओपन किया एक विडिओ था आकाश ने विडिओ प्ले किया
” गुलाबी रंग का लहंगा पहने हाथो में मेहँदी लगाए भूमि खड़ी थी चेहरे पर उदासी और दुःख के भाव होने के बाद भी जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश कर रही थी भूमि ने कहना शुरू किया – हेलो आकाश , आप हमेशा चाहते थे ना की मैं आपको तुम कहकर बुलाऊ तो आज मैं तुम कहकर ही बात करुँगी , कार्तिक जी ने जो तुम्हारे साथ किया उसके लिए हम बहुत शर्मिन्दा है ,
इस एक महीने में हमने हर रोज तुमसे बात करने की कोशिश की पर तुमने हमारे किसी भी कॉल या मेसेज का जवाब नहीं दिया ,, इतना नाराज हो गए हमसे की हमारी शादी में भी नहीं आये ,,, कल हमारी शादी है कार्तिक के साथ … तुमसे बहुत सारी बातें करना चाहते है सब है हमारे पास पर कुछ अच्छा नहीं लग रहा क्योकि तुम नहीं हो , ये सजावट , ये कपडे , ये गहने ,
ये ये हाथो में लगी मेहँदी कुछ अच्छा नहीं लग रहा ,, तुम हमारे सबसे अच्छे दोस्त हो तुमसे बात होती है तो खुश रहते है हम तुम्हे खोना नहीं चाहते ,,, कल शादी के बाद हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से चले जायेंगे जाने से पहले एक आखरी बार तुमको देखना चाहते है , तुमसे मिलना चाहते है , तुमसे बात करना चाहते है …. (कहते कहते भूमि की आँखे भर आयी) तुमने जो वक्त हमे दिया है वो हमारी जिंदगी का सबसे बेहतरीन वक्त था हम तुम्हे कभी भूल नहीं पाएंगे आकाश ..
हम तुम्हारे आने का इंतजार करेंगे !!
अब और बोलेंगे तो रो देंगे !!!
विडिओ बंद हो गया और आँखों से निकले आंसूओ की बुँदे फोन की स्क्रीन पर गिरकर चमक रही थी ,, आकाश ने फोन साइड में रखा उसकी आँखे बरबस ही बहती गयी वो भूमि से बात करना चाहता था पर नहीं कर पाया , वो कमजोर पड चूका था वो घंटो अकेला बैठा इस से जूझता रहा और फिर जय को फोन लगाया जय उसकी आवाज सुनकर समझ गया और कुछ देर बाद घर आ गया ,,
आकाश ने जय को देखा तो उसके गले लगकर रोने लगा ,, इस वक्त जय ही था जो उसे समझ सकता था जय न उसे चुप कराया कुछ देर दोनों ख़ामोशी से बैठे रहे और फिर जय ने आकाश का बैग पैक किया , आकाश भी जानता था की वो खुद को भूमि से मिलने से नहीं रोक पायेगा इसलिए चुपचाप जय को बैग पैक करते हुए देखता रहा !! दोनों कमरे से बाहर आये , मानवेन्द्र और वंदना ने देखा तो उसने पूछ लिया जय ने बात सम्हालते हुए कहा – आंटी आकाश मेरे साथ किसी जरुरी काम से मेरे शहर जा रहा है दो दिन में लौट आएगा
मानवेंद्र – वो तो ठीक है बेटा लेकिन इतनी रात को , सूबह निकल जाना
जय – नहीं अंकल अभी निकलना पड़ेगा वरना वक्त पर पहुंच नही पाएंगे …
वंदना – ठीक है पर दोनों अपना ख्याल रखना और जल्दी आ जाना , नेहा भी दो दिन बाद घर आने वाली है
आकाश वंदना के कहने का इशारा समझ गया था उसने कहा – मेरे आने के बाद आप जिससे कहेंगी मैं उस से शादी करने के लिए तैयार हु ,,,, कहके आकाश और जय दरवाजे की तरफ बढ गए !!
वंदना ने नेहा को फोन लगाया और बताया की आकाश शादी के लिए तैयार है !! नेहा बहुत खुश थी उसने वंदना से जल्दी आने को कहा और फोन कट गया !!! नेहा बहुत खुश थी बस जल्दी से जल्दी घर आना चाहती थी ,,
इधर घर से बाहर निकलकर आकाश ने गाड़ी निकाली तो जय ने कहा ड्राइव वो करेगा आकाश ने चाबी उसे दे दी जय ने गाड़ी स्टार्ट की तभी मोंटी का फोन आया और वो भी उन दोनों के साथ चलने की जिद करने लगा , आगे जाकर चौराहे पर जय ने उसे पिक किया और गाड़ी हाई वे की तरफ तेजी से बढ़ा दी , आकाश खामोश बैठा भूमि की तस्वीरें देख रहा था जय के मन में ख्यालो का जमाव खेड़ा लगा हुआ था
वो अपनी ही सोच में गुम गाड़ी चला रहा था “मैं आकाश के साथ वो नहीं होने दूंगा जो मेरे साथ हुआ , किसी से बेइंतहा प्यार करना और फिर उसे खो देना क्या होता है मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता , आज आकाश जिस चीज से गुजर रहा है उस से मैं पहले गुजर चूका हु , अपने भाई जैसे दोस्त को मैं इस हाल में नहीं देख सकता l पर भूमि और आकाश को मिलाने के लिए क्या करू समझ नहीं आ रहा ,,
उस बेचारी को तो पता भी नहीं है की आकाश उसके लिए क्या महसूस करता है और कल उसकी शादी किसी और से है आकाश की आँखों के सामने वो कल किसी और की हो जाएगी ,, हे वाहेगुरु मुझे भले कुछ ना दे पर इन दोनों को एक दूसरे से जुदा मत कर जमाने की कहावत में आकाश और भूमि का मिलन भले असंभव है पर इस जन्म में तो उनको मिलवाने वाला तू ही है , अब तक उनको एक दूसरे से जोड़कर रखा आगे भी रखना !!
जय ने देखा मोंटी और आकाश सो चुके है उसने गाड़ी की स्पीड थोड़ी कम की और धीमी आवाज में म्यूजिक स्टार्ट कर लिया गाना बजने लगा – “ कहीं तो कही तो होगी वो दुनिया जहा तू मेरे साथ है , जहा मैं जहा तू और जहा बस तेरे मेरे जज्बात है ‘
उसकी आँखों के आगे जिया का मासूम चेहरा आ गया , वो खुद नहीं जानता था इतने सालो के बाद भी आखिर क्यों वो जिया को अपने दिलो दिमाग से नहीं निकाल पा रहा … गाड़ी अपनी गति से चलती रही ,,
दूसरे दिन मैरिज हॉल को दुल्हन की तरफ सजाया हुआ था , आस पास के लोग और मेहमानो का आना शुरू हो चूका था , सभी विक्रम और जया को खूब बधाईया दे रहे थे , भूमि की कॉलेज फ्रेंड्स भी आयी हुयी थी सभी भूमि को छेड़ने में लगी थी कोई उस से कार्तिक के बारे में पूछती तो कोई उनकी लव स्टोरी के बारे मे , भूमि खोयी हुयी सी सबकी बातो का जवाब दे रही थी ,, सुबह से शाम हो गयी पर आकाश नहीं आया ,,
भूमि उदास सी अपने कमरे में बैठी थी कुछ देर बाद आरफा और उसकी सहेलिया उसे तैयार करने के लिए रूम में आ गयी ,, आरफा भूमि को तैयार कर रही थी लाल रंग के लहंगे में भूमि बहुत प्यारी लग रही थी , आरफा ने उसे बहु सुन्दर तैयार किया था जैसे ही वो भूमि के कानो के झुमके उतारने लगी तो भूमि ने उसे रोकते हुए कहा – आरफा इन्हे मत उतारो
आरफा – लेकिन ये झुमके तुम्हारे हार से मैच नहीं हो रहे भूमि
भूमि – कोई फर्क नहीं पड़ता बस इन्हे मत उतारो
आरफा ने देखा भूमि की आँखे नम है उसने बाकि सभी लड़कियों को कमरे से बाहर निकाला और भूमि के पास आकर उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा – क्या हुआ , सब ठीक तो है
“कुछ अच्छा नहीं लग रहा , पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर है अंदर जैसे कुछ छूट रहा है – भूमि ने आँखों के किनारो पर आये आंसुओ को ऊँगली से साफ करते हुए कहा
आरफा ने उसे गले लगा लिया और कहा – समझ सकती हु , ये वक्त ही ऐसा होता है जब कुछ समझ नहीं आता पर अभी भी तेरे पास वक्त है अगर तू कार्तिक से शादी नहीं करना चाहती तो मत कर
“ये तू क्या कह रही है आरफा , कार्तिक जी मुझसे प्यार करते है – भूमि ने चौंकते हुए कहा
आरफा – हां जानती हु वो तुझसे बहुत प्यार करता है पर वो तेरे लायक नही है भूमि , उसकी आँखों में मुझ तेरे लिए प्यार दिखाई नहीं देता
भूमि – तो फिर किसकी आँखों में दीखता है .
आरफा – आकाश की आँखों में , ऊटी में मैंने देखा की आकाश तुझे कितना पसंद करता है , उसकी आँखों से साफ पता चलता है की वो तुझे बहुत चाहता है , बस कह नहीं पा रहा तुझे जता नहीं पा रहा
भूमि खामोश बैठी आरफा की बात सुनती रही और फिर कहा – ऐसा कुछ नहीं है आरफा वो सिर्फ हमारा अच्छा दोस्त है
आरफा – अगर ऐसा नहीं है तो फिर एक लड़की अपनी खुद की शादी के दिन एक गैर इंसान की राह क्यों देख रही है ? इतने कीमती गहने होने के बावजूद इतने खास मोके पर वो इतने मामूली से झुमके क्यों पहनना चाहती है ? सब कुछ होकर भी वो किसी की कमी क्यों महसूस कर रही है ? सच तो ये है भूमि तू भले कार्तिक से प्यार करती है लेकिन जितना खुश तू आकाश के साथ रहती है उतना कार्तिक के साथ नहीं है ,, जिंदगी ये सब मोके बार बार नहीं देती भूमि कही बाद में तुझे पछताना ना पड़े”
आरफा की बाते सुनकर भूमि मुस्कुराती है और उसे खिड़की खोलकर बाहर का नजारा दिखाकर कहती है – मैं उन सबकी खुशिया नहीं छीन सकती , पापा का सर झुकने नहीं दे सकती ,, आकाश के साथ का मेरा रिश्ता मैं खुद भी नहीं समझ पायी हु आरफा , हां ये सच है जब उस से बात होती है मैं खुश रहती हु ,
उसकी बेतुकी बातो पर हंसती हु , वो वैसा बिलकुल नहीं है जैसा कार्तिक है लेकिन उसने कभी मुझसे नहीं कहा की वो मुझसे प्यार करता है , आकाश बहुत अच्छा लड़का है वो समझ जाएगा , वो समझ जाएगा मैंने ऐसा क्यों किया , वो समझ जाएगा की मैंने कार्तिक से शादी क्यों की ,,, वो अब नहीं आएगा आरफा
भूमि की बातें सुनकर आरफा उसकी आँखों में देखने लगी आज पहली बार आरफा को भूमि की नम आँखों में सिर्फ आकाश नजर आ रहा था ,, आरफा ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा – वो जरूर आएगा !!
कमरे के बाहर पीठ पर बैग टांगे तेजी से आकाश बढ़ रहा था और फिर एकदम से भूमि के कमरे में आया उस वहा देखकर आरफा और भूमि दोनों ही चौंक गए , भूमि दौड़कर तेजी से उसके सामने आकर रुक गयी आकाश बड़े प्यार से उसे देख रहा था भूमि कुछ बोल नहीं पायी बस उसकी तरफ देखती रही भूमि को दुल्हन के लिबास में देखकर आकाश ने कहा – बहुत खूबसूरत लग रही हो
भूमि ने मुस्कुराकर थैंक्यू कहा !! आरफा ने कुछ देर उन दोनों को अकेला छोड़ दिया और कमरे से बाहर निकल गयी , दोनों खामोश खड़े बस एक दूसरे को देखते रहे कुछ देर बाद भूमि ने कहा – हमने सोचा नहीं था आप आएंगे
आकाश – तुमने बुलाया तो आना पड़ा
भूमि – तो जब हम बुलाये तुम आओगे
आकाश – जब भी तुम बुलाओगी मैं जरूर आऊंगा , चाहे कही भी रहु
भूमि – शादी का तोहफा नहीं दोगे हमे ?
आकाश – बोलो क्या चाहिए
भूमि – एक बार तुम्हे गले लगाना चाहते है
भूमि की बात सुनकर आकाश की आँखे नम हो गयी उसने अपनी सहमति दी जैसे ही भूमि आगे बढ़ी उसके कदम रुक गए सामने दरवाजे पर कार्तिक खड़ा था वो मुस्कुराते हुए भूमि के पास आया और कहा – क्या भूमि सब निचे तुम्हारा इंतजार कर रहे है और तुम यहाँ हो , चलो शादी का मुहूर्त निकला जा रहा है … कहकर कार्तिक ने भूमि का हाथ पकड़ा और जाने लगा उसकी नजर आकाश पर पड़ी तो उसने कहा – हे आकाश , उस दिन के लिए आय ऍम सोररी यार ,, और शादी में आये हो खाना खाकर जाना ..
कहकर कार्तिक मजबूती से भूमि का हाथ पकडे आगे बढ़ गया भूमि पीछे मुड़कर आकाश की तरफ उदास आँखों से देखती रही और आकाश वही खड़ा भूमि को जाते देखता रहा ऐसा लग रहा था जैसे उसके सामने उसके सीने से कोई उसका दिल निकाल कर ले जा रहा हो ,, जय और मोंटी उसे ढूंढ़ते हुए वहा आ पहुंचे ,, तीनो निचे हॉल में आ गए जहा शादी का मंडप सजा हुआ था ,, आकाश मोंटी और जय आकर वहा पड़ी कुर्सियों पर बैठ गए ! भूमि कार्तिक का हाथ थामे नजरे झुकाये बैठी थी ,
सभी मेहमान वहा मौजूद थे विक्रम एक कोने में खड़े भीगी आँखों से भूमि को निहार रहे थे एक पिता के लिए इस वक्त में खुद को मजबूत रखना बहुत मुश्किल होता है , पर आँखों में नमी के साथ साथ चेहरे पर ख़ुशी के भाव भी थे !! पूरा हॉल मंत्रोउच्चारण से गूंज रहा था कुछ देर बाद पंडित जी ने कहा – दूल्हा – दुल्हन फेरो के लिए खड़े हो जाईये !
तभी कार्तिक के पापा ने आगे आकर कहा – ठहरिये पंडित जी अभी इतनी भी क्या जल्दी है फेरो की पहले दूल्हे को अपने ससुर की तरफ से शादी का तोहफा तो मिल जाये ….
उनकी बात सुनकर विक्रम जल्दी से उनके पास आये और हाथ जोड़कर खडे होकर कहा – जी समधी जी कहिये क्या बात है
“बात क्या है फेरे होने से पहले अपने होने वाले दामाद के हाथ में गाड़ी की चाबी दे दीजिये – उन्होंने बेशर्मी से कहा
“गाड़ी …. पर समधीजी ऐसी तो कोई बात आपके और हमारे बिच नहीं हुयी थी, और आप तो दहेज़ के खिलाफ है फिर फेरो के बिच में इस तरह की मांग l मैं आपसे विनती करता हु ये शादी हो जाने दीजिये इसक बाद हम बैठकर सारी बात करेंगे – विक्रम ने मिमियाते हुए कहा
– जी बिल्कुल दहेज़ के तो मैं सख्त खिलाफ हु पर बच्चो को तोहफा देना तो आपका फर्ज है ना , अब तो फेरे तभी होंगे जब लड़के के हाथ में गाड़ी की चाबी आएगी
विक्रम – ऐसा मत कहिये समधी जी , ये शादी नहीं हुयी तो मेरी इज्जत मिटटी में मिल जाएगी , इस वक्त मेरे पास इतना पैसा नहीं है पेसो का इंतजाम होते ही मैं गाड़ी की व्यवस्था कर दूंगा पर आप शादी मत रोकिये मैं आपके आगे हाथ जोड़ता हु l
-“देखिये मैं आपसे बोल चूका हु , अगर इंतजाम नहीं था तो पहले ही बोल देते मेरे बेटे के लिए लड़कियों की कोई कमी नहीं है , एक से बढकर पैसे वाली लड़किया है वो तो इसने ना जाने की सोचकर आपकी बेटी को पसंद किया ,, अब अगर ये साहड़ी करनी है तो गाड़ी का इंतजाम करो वरना ये शादी नहीं हो सकती
उनकी बात सुनकर विक्रम वही जमींन पर बैठ गए इतनी जल्दी वो पेसो का इंतजाम कहा से करे , वहा बैठे लोग आपस में खुसर फुसर करने लगे ,, आकाश ये सब सुनकर बहुत गुस्सा आ रहा था जैसे ही उसने उठने की कोशिश की जय ने उसका हाथ पकड़ कर वापस बैठने का इशारा किया , जय नहीं चाहता था आकाश की वजह से कोई गड़बड़ हो ,
आकाश अंदर ही अंदर गुस्से से उबल रहा था ,, मंडप में बैठी भूमि ने कार्तिक से जब अपने पापा से बात करने को कहा तो कार्तिक ने कहा की वो अपने पापा की बात नहीं टाल सकता … कार्तिक के पापा विक्रम को सबके सामने बुरा भला सुनाते रहे भूमि की आँखों से आंसू बहने लगे …
विक्रम ख़ामोशी से अपना अपमान होते देखते रहे वो जानते थे की वो उन लोगो की मांग पूरी नहीं कर पायंगे , उन्हें खामोश देखकर कार्तिक के पापा ने कार्तिक को मंडप से उठकर बाहर आने को कहा कार्तिक उठकर जैसे हि आने लगा भूमि ने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा – आप तो मुझसे प्यार करते है
“मैं पापा के खिलाफ नहीं जा सकता – कार्तिक ने कहा और भूमि के हाथ से अपना हाथ छुड़ाकर जाकर अपने पापा के पास खड़ा हो गया , भूमि को यकीन ही नहीं हुआ की कार्तिक उसके सपनो को अपने पेरो तले रोंद्ता हुआ जा चूका है वो मंडप से निकलकर बाहर आ गयी उसने देखा विक्रम उन दोनों के सामने सर झुकाये बैठा है और उनसे बार बार शादी हो जाने की रिक्वेस्ट कर रहा है ,
भूमि से ये सब देखा नहीं जा रहा था ..मेहमान एक एक करके उठकर वहा से जाने लगे और कुछ वही बैठकर तमाशा देखने लगे विक्रम ने कार्तिक से कहा – बेटा अगर तुमने भूमि से शादी नहीं की तो इसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी ,
“इसकी चिंता आप मत कीजिये आपकी बेटी की परवाह करने वाले यहा बहुत है ,बड़े घर के लड़को को कैसे फ़साना है ये आपकी बेटी अच्छे से जानती है , आपकी बेटी को संस्कार आपने जो दिए है – कार्तिक के पापा ने कहा
उनके मुंह से ये बात सुनकर भूमि का खून खौल गया उसने एक थप्पड़ सीधा अपने होने वाले ससुर के गाल पर मारा और कहा – खबरदार जो इसके बाद एक और शब्द हमारे पापा के लिए कहा ,, हमारे पापा ने हमे जैसे भी संस्कार दिए हो पर कभी किसी का अपमान करने या किसी की भावनाओ से खेलना नहीं सिखाया l आपको क्या लगता है आपका असली चेहरा सामने आने के बाद भी मैं आपके बेटे से शादी करुँगी ,
तो ऐसा हरगिज नहीं होगा मैं जिंदगीभर अकेले रह लुंगी पर आप जैसे पेसो के लालची इंसान के साथ कभी नहीं l बहुत सूना लिया आपने हमारे पापा को अब अगर आपने इनका अपमान करने की सोची तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा !!
“ये तुम क्या कर रही हो भूमि , चुप हो जाओ ये शादी नहीं हुयी तो हमारी इज्जत का क्या होगा – विक्रम ने भूमि को रोकते हुए बेबसी से कहा
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