A Broken Heart – 9
पिल्ले के साथ खेलने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि जिया थी। कुछ देर बाद चलते चलते वह नीचे झुकी और पिल्ले का सर सहलाकर अपनी साईकिल लिए वहा से चली गयी। ईशान पिल्ले के पास आया और जाती हुई लड़की को देखता रहा वह लड़की का चेहरा नहीं देख पाया। ईशान को वहा देखकर पिल्ला उसके आस पास घूमने लगा। ईशान फुटपाथ पर बने डिवाइडर पर आ बैठा। पिल्ला भी उसके सामने चला आया। ईशान ने अपने जैकेट के जेब टटोले लेकिन आज उनमे कुछ नहीं था जो वह पिल्ले को दे सके। उसने पिल्ले को देखा और कहा,”माफ़ करना आज मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ नहीं है , पर तुम्हे ऐसे ही किसी इंसान पर भरोसा करके उसके साथ नहीं जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,क्या होता अगर वो तुम्हे अपने साथ ले जाती तो ?”
ईशान की बात सुनकर पिल्ला अपनी आँखे चमकाने लगा और फिर ईशान के बगल में आकर बैठ गया। माया की बातो से ईशान उदास था वह काफी देर तक वही बैठा रहा और सड़क पर आते जाते लोगो को देखते रहा। कुछ देर बाद उसका फोन बजा ईशान ने देखा फोन निर्मल का था उसने फोन उठाया और कहा,”हेलो !!”
“कहा हो तुम ?”,निर्मल ने पूछा
“बाहर हूँ”,ईशान ने बुझे स्वर में कहा
“मैं तुम्हारे फ्लेट के सामने हूँ अभी के अभी घर आओ,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम से कुछ जरुरी बात करनी है।”,निर्मल ने कहा
“हम्म्म मैं आता हूँ”,ईशान ने कहा और उठ खड़ा हुआ। उसने पिल्ले को देखा और उसका सर सहलाते हुए कहा,”तुम बहुत प्यारे हो मैं जल्दी तुम से मिलने फिर आऊंगा,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”
ईशान वहा से चला गया।
आधे घंटे बाद ईशान अपने फ्लेट के सामने पहुंचा तो देखा निर्मल दरवाजे के बाहर ही खड़ा है। ईशान आया उसने दरवाजा खोला और निर्मल को अंदर आने को कहा। निर्मल अंदर चला आया और थोड़ा गुस्से से कहा,”तुम चाहते क्या हो ?”
“मतलब ?”,ईशान ने सामने से सवाल किया
“मतलब ये कि मैंने जहा रेफरेंस दिया था वहा तुमने इंटरव्यू क्यों नहीं दिया ?”,निर्मल ने डायनिंग की कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा
“2 महीने बाद मेरा ऑडिशन है,,,,,,,,,,,,मुझे उसकी तैयारी करनी है।”,ईशान ने पानी का बोतल निर्मल की तरफ बढाकर कहा
“वो ठीक है लेकिन तब तक तुम क्या करोगे ? खाओगे कहा से और फ्लेट का रेंट वो कहा से दोगे ? देखो ईशान यहाँ रहकर तुम सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,,तुम एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजिनियर हो , साल के लाखो कमा सकते हो लेकिन ना जाने क्यों तुम दूसरी चीजों में उलझे हो। ऑडिशन की तैयारी तुम अपने घर रहकर भी कर सकते हो।”,निर्मल ने ईशान को समझाते हुए कहा
“मैं घर नहीं जा सकता,,,,,,,,,,,,,,माया यहाँ है”,ईशान ने धीरे से कहा
“अगर ये हालात रहे तो एक दिन वो भी तुम्हे छोड़कर चली जाएग”,निर्मल ने कहा
“ऐसा नहीं होगा माया मुझसे बहुत प्यार करती है वो कही नहीं जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,और तुम परेशान क्यों हो रहे हो मैं कुछ न कुछ कर लूंगा”,ईशान ने किचन प्लेटफॉर्म की तरफ जाते हुए कहा
“ईशान तुम एक लड़की के लिए अपना करियर अपनी लाइफ और अपना वक्त बर्बाद कर रहे हो,,,,,,,,,,माया अपनी लाइफ में सेटल है तुम्हे भी अपने बारे में थोड़ा सोचना चाहिए”,निर्मल ने समझाते हुए कहा
“निर्मल बस करो यार,,,,,,,,,,,,,,,,,डेड और माया आलरेडी मुझे ये लेक्चर दे चुके है। तुम कॉफी पीना चाहोगे ?”,ईशान ने टॉपिक खत्म करते हुए कहा
“हाँ जरूर,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे कल मैंने तुम्हे एक लड़की के साथ देखा था,,,,,,,,,,,,,,,कौन थी वो ?”,निर्मल ने कहा
“कौन लड़की ? आहह तुम कही मेरा पीछा तो नहीं कर रहे ?”,ईशान ने पलटकर हैरानी से कहा
“नहीं मैं कल उस रेस्त्रो के सामने से गुजरा था तब अचानक नजर पड़ी , तुम्हे नहीं बताना तो इट्स ओके,,,,,,,,!”,निर्मल ने कहा
“ओह्ह्ह्ह वो लड़की,,,,,,,,,,,,,,आह्ह वो बहुत अजीब है,,,,,,,,,,,,,,,बहुत ज्यादा , मैं उसे नहीं जानता वो बार बार मेरे सामने आ जाती है , आई थिंक वो उस रेस्त्रो में काम करती है।”,कहते हुए ईशान कॉफी के दो कप लेकर डायनिंग के पास चला आया उसने एक कप निर्मल के सामने रखा और दूसरा अपने सामने रखकर कुर्सी पर आ बैठा।
दोनों कॉफी पीते हुए बातें करने लगे।
अपनी साईकिल लिए जिया घर पहुंची। उसने साईकिल को घोष अंकल की गाड़ी के बगल में लगाया और अंदर चली आयी। जिया ने देखा लिली आंटी और घोष अंकल किचन में है तो वह सीधा ऊपर चली आयी। जिया ने अपना बैग और कोट उतारकर सोफे पर रखा और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। जिया जो की थोड़ी आलसी भी थी उसने ना कपडे बदले ना ही सोफे पर पड़े कोट को उठाकर कबर्ड में रखा और सीधा किचन की तरफ चली आयी। रात का खाना अक्सर सोफी ही बनाया करती थी और जिया बस उसकी मदद कर दिया करती थी लेकिन अब सोफी नहीं थी तो उसे ही कुछ न कुछ बनाकर अपना पेट भरना ही था। जिया ने देखा कुछ नूडल्स के पैकेट रखे थे और कुछ कच्ची सब्जिया भी रखी थी। जिया ने उन्ही से अपने खाने लायक थोड़ा खाना बनाया और नूडल्स को कटोरे में लेकर सोफी के बिस्तर के पास वाली खिड़की की तरफ चली आयी। उसने कटोरे को खिड़की के पास रखा और खुद भी वही बैठकर खाने लगी। एक निवाला खाते ही जिया ने मुंह बनाकर खुद से कहा,”ओह्ह्ह्ह तुम इस दुनिया की सबसे खराब कूक हो,,,,,,,,,लेकिन पेट भरने जैसा बना लेती हो इसके लिए मैं तुम्हारा कंधा जरूर थपथपाउंगी”
जिया ने अपनी तारीफ में अपना कन्धा खुद ही थपथपाया और मजे से नूडल्स खाने लगी। दिनभर डिलीवरी का काम करने की वजह से वह काफी थक चुकी थी इसलिए आकर बिस्तर पर गिर गयी और अपनी आँखे बंद कर ली। अगले ही पल उसे ऐड कम्पनी में घटी घटना याद आयी और वह एकदम से उठकर बैठ गयी। वो पल जिया की आँखों के सामने घूमने लगा तो उसने अपना सर झटका और खुद में ही बड़बड़ाई,”तुम्हे इस तरह दुसरो की पर्सनल लाइफ में ध्यान नहीं देना चाहिए,,,,,,,,,,,,,लेकिन तुम्हारी अपनी भी तो नहीं है। लाइफ के नाम पर बस ये घर और रेस्त्रो इसके अलावा तुम्हारी जिंदगी में कुछ नयापन नहीं है। और वो लड़का उसने भी आज तुम्हे इग्नोर कर दिया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह जिया तुम इतनी बदनसीब कैसे हो सकती हो ? लेकिन वो बहुत क्यूट है,,,,,,,,,,,,,,,मैं उस से फिर मिलना चाहूंगी,,,,,,,,,,,,,,जरूर मिलना चाहूंगी”
कहते हुए जिया ईशान को याद करके मुस्कुराने लगी और फिर सोने चली गयी।
“मुझे लगा नहीं था तुम आओगी ?”,श्रेया की पार्टी में माया को देखकर देवांश ने हैरानी से कहा
“हाँ वैसे मैं नहीं आना चाहती थी लेकिन मेरा मूड ऑफ था तो सोचा क्यों ना श्रेया की पार्टी ही अटेंड कर ली जाये,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मैं चली आयी”,माया ने बुझे मन से कहा
“तुम्हारा उस से फिर झगड़ा हुआ क्या ? मुझे तो ये समझ नहीं आता माया कि तुम उसे इतना झेलती ही क्यों हो ?”,देवांश ने अपने हाथ में पकड़ी ड्रिंक का घूंठ भरते हुए कहा
“ओह्ह्ह कम ऑन देवांश मैं यहाँ अपना मूड ठीक करने आयी हूँ इसे और खराब मत करो”,माया ने चिढ़ते हुए कहा
“फिर तो तुम बिल्कुल सही जगह आयी हो,,,,,,,,,,,कम”,देवांश ने माया की कमर में बाँह डालते हुए कहा और आगे बढ़ गया। देवांश माया को लेकर सबके बीच आया और वहा रखे रंग बिरंगे ड्रिंक्स में एक उठाकर माया की तरफ बढ़ा दी और सबने एक साथ चियर्स किया। तेज म्यूजिक बजने लगा जिसकी धुन पर सब थिरकने लगे। देवांश माया के साथ डांस कर रहा था और साथ ही उसके काफी करीब भी आ गया जिसमे माया भी उसका भरपूर साथ दे रही थी। कुछ पल के लिए माया ईशान के साथ हुई बहस को भूल गयी और पार्टी एन्जॉय करने लगी।
“देवांश सर भी ना एक मौका नहीं छोड़ते इस माया के आगे पीछे घूमने का”,पार्टी में आयी ऑफिस की एक लड़की ने दूसरी से कहा
“देवांश सर ने तुम्हे घास नहीं डाली इसलिए तुम्हे जलन हो रही है क्या ?”,दूसरी लड़की ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा
“हाहहह मैं और उस माया से जलूँगी,,,,,,,,,,,,,,!!”,पहली लड़की ने इतराते हुए कहा
“तुम जल रही हो क्योकि तुम माया मैडम जैसी नहीं बन सकती,,,,,,,,,,वरना आज देवांश सर तुम्हारे होते,,,,,,,,,,मैं चलती हूँ”,दूसरी लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा और वहा से चली गयी
पहली लड़की का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और वह भी वहा से चली गयी।
देवांश और माया डांस करके थक गए तो सोफों की तरफ चले आये। देवांश ने माया को बैठने को कहा और खुद चला गया। थोड़ी देर बाद देवांश अपने हाथ में दो ड्रिंक लिए आया और उनमे से एक माया की तरफ बढ़ा दिया।
माया ने ग्लास लिया और धीरे धीरे उसे पीने लगी। उसके बगल में बैठा देवांश प्यार भरी नजरो से मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था। माया भी एक एक घूंठ बहते हुए देखने लगी। कुछ देर बाद श्रेया ऑफिस के कुछ लोगो के साथ वहा चली आयी और वाइन की बोतल खोलते हुए कहा,”गाईज आज मेरा बर्थडे है सो ये वाइन आज की इस खूबसूरत शाम के नाम”
श्रेया की बात का सबने समर्थन किया और साथ ही हूटिंग भी,,,,,,,,,,,,,,,श्रेया ने सबके ग्लास में वाइन परोसनी शुरू कर दी। श्रेया ने जैसे ही वाइन माया के ग्लास में डालनी चाही तो माया ने अपना हाथ पीछे करते हुए कहा,”नो थैंक्यू ! मैं हार्ड ड्रिंक नहीं करती,,,,,,,,,,,ओनली सॉफ्ट ड्रिंक”
“ओह्ह्ह कम ऑन माया आज मेरा बर्थडे है। आज तो मना मत करो प्लीज,,,,,,,,!”,कहते हुए श्रेया ने जबरदस्ती माया के ग्लास में वाइन परोस दी। देवांश और वहा मौजूद सभी माया से पीने की जिद करने लगे तो माया को वो पीना पड़ा।
देर रात पार्टी खत्म हुयी और अब तक माया इतना पी चुकी थी कि उसे होश भी नहीं था। सभी अपने अपने घर के लिए निकल गए। देवांश ने देखा माया से ठीक से चला भी नहीं जा रहा तो वह उसके पास चला आया और उसे सहारा देकर गाड़ी तक ले आया। देवांश ने माया को गाड़ी में बैठाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से आगे बढ़ गया। नशे में होने की वजह से माया गाड़ी में ही सो गयी। देवांश की उस पर नजर पड़ी तो वह बस उसे देखता ही रह गया। उस शाम माया उसे बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी।
देवांश नशे की हालत में माया लेकर उसके घर नहीं जा सकता था इसलिए उसे लेकर अपने घर चला आया। उसने माया को गोद में उठाया और अंदर ले आया। देवांश यहाँ अपने नौकर के साथ अकेला ही रहता था इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुयी। वह माया को लेकर अपने कमरे में आया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। देवांश वहा ना रुककर कमरे से बाहर निकल गया और हॉल में पड़े सोफे पर आकर सो गया। वह माया को पंसद करता था लेकिन उसका फायदा उठाना नहीं चाहता था।
देर रात कमरे अपनी खिड़की के पास खड़े ईशान ने माया का नंबर डॉयल किया तो आवाज आयी,”द नंबर यू आर ट्रायिंग टू रिच इस करन्टली स्विच ऑफ , प्लीज ट्राय आफ्टर सम टाइम”
ईशान ने फोन साइड में रखा और खिड़की के बाहर देखने लगा।
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संजना किरोड़ीवाल
देर रात पार्टी खत्म हुयी और अब तक माया इतना पी चुकी थी कि उसे होश भी नहीं था। सभी अपने अपने घर के लिए निकल गए। देवांश ने देखा माया से ठीक से चला भी नहीं जा रहा तो वह उसके पास चला आया और उसे सहारा देकर गाड़ी तक ले आया। देवांश ने माया को गाड़ी में बैठाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से आगे बढ़ गया। नशे में होने की वजह से माया गाड़ी में ही सो गयी। देवांश की उस पर नजर पड़ी तो वह बस उसे देखता ही रह गया। उस शाम माया उसे बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी।
देवांश नशे की हालत में माया लेकर उसके घर नहीं जा सकता था इसलिए उसे लेकर अपने घर चला आया। उसने माया को गोद में उठाया और अंदर ले आया। देवांश यहाँ अपने नौकर के साथ अकेला ही रहता था इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुयी। वह माया को लेकर अपने कमरे में आया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। देवांश वहा ना रुककर कमरे से बाहर निकल गया और हॉल में पड़े सोफे पर आकर सो गया। वह माया को पंसद करता था लेकिन उसका फायदा उठाना नहीं चाहता था।देर रात पार्टी खत्म हुयी और अब तक माया इतना पी चुकी थी कि उसे होश भी नहीं था। सभी अपने अपने घर के लिए निकल गए। देवांश ने देखा माया से ठीक से चला भी नहीं जा रहा तो वह उसके पास चला आया और उसे सहारा देकर गाड़ी तक ले आया। देवांश ने माया को गाड़ी में बैठाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से आगे बढ़ गया। नशे में होने की वजह से माया गाड़ी में ही सो गयी। देवांश की उस पर नजर पड़ी तो वह बस उसे देखता ही रह गया। उस शाम माया उसे बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी।
देवांश नशे की हालत में माया लेकर उसके घर नहीं जा सकता था इसलिए उसे लेकर अपने घर चला आया। उसने माया को गोद में उठाया और अंदर ले आया। देवांश यहाँ अपने नौकर के साथ अकेला ही रहता था इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुयी। वह माया को लेकर अपने कमरे में आया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। देवांश वहा ना रुककर कमरे से बाहर निकल गया और हॉल में पड़े सोफे पर आकर सो गया। वह माया को पंसद करता था लेकिन उसका फायदा उठाना नहीं चाहता था।देर रात पार्टी खत्म हुयी और अब तक माया इतना पी चुकी थी कि उसे होश भी नहीं था। सभी अपने अपने घर के लिए निकल गए। देवांश ने देखा माया से ठीक से चला भी नहीं जा रहा तो वह उसके पास चला आया और उसे सहारा देकर गाड़ी तक ले आया। देवांश ने माया को गाड़ी में बैठाया और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से आगे बढ़ गया। नशे में होने की वजह से माया गाड़ी में ही सो गयी। देवांश की उस पर नजर पड़ी तो वह बस उसे देखता ही रह गया। उस शाम माया उसे बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी।
देवांश नशे की हालत में माया लेकर उसके घर नहीं जा सकता था इसलिए उसे लेकर अपने घर चला आया। उसने माया को गोद में उठाया और अंदर ले आया। देवांश यहाँ अपने नौकर के साथ अकेला ही रहता था इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुयी। वह माया को लेकर अपने कमरे में आया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। देवांश वहा ना रुककर कमरे से बाहर निकल गया और हॉल में पड़े सोफे पर आकर सो गया। वह माया को पंसद करता था लेकिन उसका फायदा उठाना नहीं चाहता था।