A Broken Heart – 57
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A Broken Heart – 57
ईशान जिया के सामने था लेकिन जिया ने उस से बात नहीं की और वहा से आगे बढ़ गयी। ईशान ने देखा जिया उसकी बात नहीं सुन रही है तो वह उसके पीछे आया और उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”हे जिया ! क्या हुआ है तुम्हे ? मुझे लगा इतने दिनों बाद मुझे यहाँ देखकर तुम ख़ुशी से नाचने लगोगी लेकिन तुम्हारा रिएक्शन तो काफी ठंडा है। क्या तुम मुझे यहाँ देखकर खुश नहीं हो ?”
”इतने दिनों से तुम गायब हो और मुझसे कह रहे हो कि मेरा रिएक्शन ठंडा है। क्या तुम्हे अंदाजा भी है ये कुछ महीने कैसे बीते है , किन परेशानियों में बीते है। तुम खुश हो तुम्हारा सपना पूरा हो गया पर क्या तुम्हे एक बार भी मेरी याद आयी ? क्या तुमने एक बार भी मेरे बारे में सोचा ? नहीं तुमने नहीं सोचा , अगर सोचते तो तुम मुझे एक कॉल तो जरूर करते,,,,,,,,,,,,,पर तुम ऐसा क्यों करोगे ?
क्या लगती हूँ मैं तुम्हारी कुछ भी तो नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,तो अब तुम्हे कोई हक़ नहीं है मुझे ऐसे बीच रास्ते में रोकने का,,,,,,,,,,समझे तुम ?”,जिया ने गुस्से से चिल्लाकर कहा और ऐसा कहते हुए उसकी आँखों में आँसू भर आये।
ईशान ख़ामोशी से जिया को देखता रहा उसने एक शब्द नहीं कहा। ईशान को खामोश देखकर जिया वहा से आगे बढ़ गयी। उसकी आँखों से आँसू गालों पर लुढ़क आये। कुछ देर बाद ईशान उसके पीछे आया और अपनी जैकेट में उसे कैद कर पीछे से गले लगाते हुए सर्द आवाज में कहा,”मैंने तुम्हे बहुत मिस किया जिया।”
ईशान का स्पर्श पाकर जिया ने अपनी आँखे मूंद ली , इस बार उसने ईशान को नहीं रोका। उसकी आँखों में भरे आँसू बहते रहे। जिया को खामोश देखकर ईशान कहने लगा,”हाँ मैंने तुम्हे बहुत मिस किया। तुम्हारी बातो को , तुम्हारी छोटी छोटी शरारतो को , चीज बन सेंडविच को , तुम्हारे बेकार आइडियाज को जो मेरे किसी काम नहीं आये लेकिन उनके बारे में सोचकर मैं मुस्कुराता जरूर था।
तुम्हे मुझ से नाराज होने का , गुस्सा करने का , मुझ पर चिल्लाने का पूरा हक़ है जिया,,,,,,,,,,,,,,,पर क्या तुम जानना नहीं चाहोगी इतने दिन मैं कहा था , किन हालातो में था।”
जिया ने सूना तो ईशान की तरफ पलट गयी और नम आँखों से ईशान को देखने लगी। ईशान कुछ देर जिया की आँखों में देखता रहा और फिर उसके आँसू पोछते हुए कहा,”तुम्हे मेरे जैसे बेकार लड़के के लिए आँसू बहाने की जरूरत नहीं है , डेड सच कहते है मैं किसी लायक नहीं हूँ।”
“वो झूठ बोलते है , और तुम को बेकार कहना बंद करो।”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा और खुद को ईशान की बाँहो से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही क्योकि जिया की इस हरकत पर ईशान ने उसे और और कसकर पकड़ लिया।
ईशान एकटक जिया की आँखों में देखने लगा। ईशान को ऐसे अपनी ओर देखता पाकर जिया का दिल धड़कने लगा। ईशान को लेकर उसके दिल में जो अहसास थे वो एक बार फिर जगने लगे थे।
शाम हो चुकी थी और सड़क पर लाइट्स जगमगाने लगी थी। आसपास गुजरते लोगो से बेखबर ईशान और जिया एक दूसरे की बांहो में थे। कुछ देर बाद गाड़ी की आवाज से जिया की तन्द्रा टूटी और उसने खुद को ईशान से दूर करके कहा,”मैं तुम्हारी बातो का यकीन क्यों करू ?”
“क्योकि तुम मेरी दोस्त हो जिया , और तुम इकलौती ऐसी दोस्त हो जो मुझ पर हमेशा भरोसा करती है।”,ईशान ने कहा
“नहीं मैं नहीं करुँगी,,,,,,,,,,,तुम फिर मुझे छोड़कर चले जाओगे और सब मुझ पर फिर हसेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मुझे अब तुम्हारी किसी भी बात पर भरोसा नहीं है।”,कहकर जिया वहा से भाग गयी।
“जिया जिया सुनो,,,,,,,,,,,,,,जिया मेरी बात तो सुनो , जिया”,ईशान ने कहा लेकिन तब तक जिया वहा से जा चुकी थी।
ईशान का चेहरा उदासी से घिर गया।
वह मायुस सा सामने जाती जिया को देखता रहा। कुछ देर बाद एक गाड़ी आकर ईशान के बगल में रुकी और एक लड़का ने उसके पास आकर कहा,”ईशान सर आप यहाँ क्यों खड़े है ? आज रात आपका शो है हमे वहा जाना है।”
“ओह्ह्ह्ह हाँ याद आया , तुम उसे केंसल कर दो,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ उसे नहीं आने वाले एक हफ्ते में मेरे जितने भी शो है सब केंसल कर दो।”,ईशान ने खोये हुए स्वर में कहा
“ये आप क्या कह रहे हो ? मैं सबसे एडवांस ले चूका हूँ अब अगर शो केंसल किये तो हमे बहुत नुकसान होगा,,,,,,,,,,!”,लड़के ने परेशान होकर कहा
“क्या ये नुकसान किसी की जान जाने से ज्यादा बड़ा है ?”,ईशान ने लड़के की तरफ देखकर कहा
“अह्ह्ह्ह नहीं , लेकिन,,,,,,,,,,,,!”,लड़के ने कहना चाहा तो ईशान ने उसे बीच में ही रोक दिया और कहा,”लेकिन वेकिन कुछ नहीं मैंने जो कहा वो करो। एक हफ्ते के लिए मैं इन सब से दूर हूँ और तूम भी वापस बैंगलोर चले जाओ।
एक हफ्ते बाद दिल्ली में ही अवार्ड शो है तुम वहा मुझसे मिलना,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने अपने जैकेट से एक चेक निकालकर लड़के को थमाते हुए कहा
“ठीक है सर ! अवार्ड शो में मिलते है। टेक केयर,,,,,,,,!!”,लड़के ने चेक लेते हुए कहा और गाड़ी लेकर चला गया।
ईशान वही खड़े रहा उसे जिया से मिलना था वह बस कैसे भी करके उसे मनाना चाहता था। लिली आंटी का घर उस जगह से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए ईशान पैदल ही जिया से मिलने चल पड़ा। चलते चलते ईशान विंग रेस्त्रो के सामने से गुजरा तो सहसा ही उसके कदम धीमे हो गए और उसे एकदम से डेस्टिन का ख्याल आ गया। ईशान के होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी
ईशान बेंगलोर में काफी फेमस हो चुका था और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि अब वह नए नए शहरो में शो भी करने लगा था। दिल्ली भी वह अपने कुछ शोज के लिए ही आया था और साथ ही उसे जिया से भी मिलना था। आस पास गुजरते लोग उसे जान ना ले सोचकर ईशान ने अपनी जैकेट का कैप ओढ़ लिया जो की आँखों से नीचे तक आ रहा था। ईशान गमले के पास डिवाइडर पर डेस्टिनी के बगल में आ बैठा और उसका सर सहलाते हुए कहा,”कैसे हो प्यारे डेस्टिनी ? क्या मैं तुम्हे याद हूँ ?”
ईशान की आवाज सुनकर और उसके हाथ का स्पर्श पाकर डेस्टिनी चौंका , वह डिवाइडर से उतरकर ईशान के सामने चला आया अब जैसा कि पिल्लो में सूंघने की क्षमता इंसानो से ज्यादा होती है तो डेस्टिनी ने ईशान को सूंघकर ही पहचान लिया और ख़ुशी से उछलने कूदने लगा। डेस्टिनी जब ईशान के हाथ को चाटने लगा तो ईशान के होंठो पर मुस्कुराहट तैर गयी। डेस्टिनी अभी उसे भुला नहीं था।
“चलो शुक्र है मैं तुम्हे याद हूँ वरना इस शहर में ऐसे लोग भी है जो मुझे भूल जाने का नाटक कर रहे है।”,ईशान ने डेस्टिनी की पीठ सहलाते हुए कहा
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी भोंका जैसे जानना चाह रहा हो कि कौन ?
“हाँ तुमने सही समझा , वो पागल लड़की जिया,,,,,,,,,,,,,,,पता है डेस्टिनी इतने महीनो बाद दिल्ली मैं सिर्फ उस से मिलने आया और उसने मुझसे बात तक नहीं की,,,,,,,,,,,वो कितना बदल गयी है। ना वो मुझे अपने सामने देखकर खुश हुई ना ही उसने मुझसे ठीक से बात की,,,,,,,,,,,,,उसने मुझे हेलो तक नहीं कहा डेस्टिनी,,,,,,,,,!”
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी समझ गया कि वह फिर उसकी दोस्त जिया की शिकायत करने यहा आया है
लेकिन इस बार डेस्टिनी ईशान पर भोंका नहीं बल्कि मासूम सा चेहरा बनाकर उसकी बात सुनने लगा। ईशान ने डेस्टिनी को एक नजर देखा और आगे कहने लगा,”मैं कुछ नहीं भुला हूँ डेस्टिनी , मुझे याद है मेरा सपना पूरा करने के लिए जिया ने मेरी बहुत मदद की है मैं चाहू तो भी इसका कर्ज नहीं चुका सकता। उसने उन हालातो में मुझे सम्हाला जब कोई मेरे पास नहीं था , जब मेरे पेरेंट्स ने भी मुझे पर भरोसा नहीं किया था
तब जिया ने किया,,,,,,,,,,,,,,,,वो हमेशा कहती थी कि तुम कर लोगे,,,,,,,,और मैंने किया भी डेस्टिनी , जिया पर भरोसा कर मैंने जो भी किया वो सब सक्सेज रहा,,,,,,,,,,,हाँ वो अब भी थोड़ी अजीब है लेकिन उसकी बातें सही होती है ये मुझे बहुत देर बाद समझ आया। जिया के साथ रहते रहते मैं कब उसके जैसा बनने लगा पता ही नहीं चला डेस्टिनी , मैं पहले बहुत बोरिंग और शांत रहने वाला लड़का था।
अपने काम से काम रखने वाला किसी से ज्यादा बात न करने वाला लड़का था लेकिन जिया से मिलने के बाद मैंने जाना असल जिंदगी क्या है ? जिया अपनी जिंदगी को खुलकर जीती है , उसे ना अपने बीते कल का पछतावा है ना ही आने वाले कल की फ़िक्र वो बस अपने आज में जीती है। वो सेल से कपडे खरीदती है , चीज बन सेंडविच खाकर खुश हो जाती है , सड़को पर डांस करती है और गाने गाती है अगर एक लाइन में कहू तो मेरी लाइफ में जिया जितना अमेजिंग कोई नहीं है।
उसके साथ मैं कभी ईशान होता ही नहीं था उसके साथ होता था मेरे अंदर का वो इंसान जो अपनी जिंदगी को खुलकर जीना चाहता था। जिया के साथ रहते रहते मैं कब उस से प्यार करने लगा पता ही नहीं चला। बैंगलोर जाने से पहले मैं उसे ये बताना चाहता था लेकिन सोचा पहले कुछ बन जाऊ उसके बाद उसे सब बताऊंगा,,,,,,,,,,,,,डरता था ना कही माया की तरह वो भी मुझे बेकार समझकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्ह शायद नहीं , जिया मुझे कभी नहीं छोड़ती , उसने मुझे मेरे बुरे वक्त में अपनाया था बिना किसी शर्त के , बिना मुझसे कुछ चाहे।
उस सुबह जब वह मुझसे मिलने आयी थी तब मैंने बहुत मुश्किल से खुद को रोका था और जबरदस्ती मुस्कुराया , जब जाने का वक्त हुआ तो मेरा मन भारी होने लगा और ऐसा इसलिए हुआ क्योकि मैं उस से दूर जा रहा था। अमूमन मैं कभी रोता नहीं लेकिन उस सुबह मेरी आँखे नम थी , मैंने उसे पलटकर भी नहीं देखा ताकि वह मेरी आँखों में नमी ना देख ले ,, पर वो उदास थी , मैं उसे उदास देखना नहीं चाहता था , मैं हमेशा उसे बस हँसते खिलखिलाते ही देखना चाहता था
इसलिए मैंने अपनी आँखे पोछी और मैं वापस आया। मैंने अपने होंठो से उसके नाजुक गाल को छुआ और जाने लगा। मैंने देखा उसके गाल शर्म से लाल हो चुके थे वो शरमा रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह मैंने पहली बार उसे शरमाते हुए देखा था। मुझे यकीन था उस पल के बाद जिया मेरे दिल के अहसास समझ जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं बंगलौर चला गया। जिया के बिना वहा कुछ अच्छा नहीं लग रहा , सब बेकार लग रहा था दिल किया वापस दिल्ली आ जाऊ उसके पास,,,,,,,,,,,,,
जिया ने मुझे अपना नंबर दिया था पर मेरी किस्मत इतनी खराब थी कि उसे फोन करने से पहले ही वो मेरा चोरी हो गया। मैंने बहुत कोशिश की उसके बात करने की लेकिन नहीं कर पाया और फिर मैं बिजी रहने लगा लेकिन ऐसा नहीं था कि मैं जिया को भूल गया मैं हर रोज उसे याद करता था , उसकी बातें बहुत याद आती थी। मेरा एक ही सपना था आर जे बनना और वो पूरा भी हुआ लेकिन सिर्फ जिया की वजह से,,,,,,,,मैं ये ख़ुशी जिया के साथ बाटना चाहता था
लेकिन जिस सुबह मैं दिल्ली आ रहा था उसी सुबह पता चला कि मॉम बहुत सीरियस है और हॉस्पिटल में है मैं दिल्ली ना आकर सीधा घर चला गया। पूरा एक महीना मॉम हॉस्पिटल में रही , दिन रात मैं उनके साथ ही रहा उन्हें सम्हालते सम्हालते मैं सब भूल चुका था क्योकि मैं उन्हें खोना नहीं चाहता था। उसके बाद डेड ने भी मुझे माफ़ कर दिया और अपना लिया। घर से मैं फिर बंगलौर चला आया और यहाँ पहले से भी ज्यादा बिजी हो गया।
कुछ वक्त बाद मुझे पता चला कि इस बार बेस्ट आर जे का अवार्ड शो दिल्ली में हो रहा है और तुम यकींन नहीं करोगे डेस्टिनी मैं ख़ुशी से नाचने लगा था इसलिए नहीं कि वो अवार्ड मुझे मिलने जा रहा था बल्कि इसलिए कि मैं जिया से मिल सकता था। मैं ये भी जानता था कि जिया मुझसे बहुत नाराज होगी लेकिन मुझे यकीन था कि वह मुझे माफ़ कर देगी जब वह मेरी कहानी सुनेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह पर ऐसा नहीं हुआ वह बिना कुछ सुने ही चली गयी , वह मुझसे बहुत गुस्सा है डेस्टिनी और उसे होना भी चाहिये मैंने उसके साथ अच्छा नहीं किया।
आज इतने दिनों बाद उसे देखकर अच्छा लगा,,,,,,,,,,,,उसकी आवाज में गुस्सा था लेकिन गुस्से के पीछे का प्यार भी दिखाई दे रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,,,हहहहहह पता है वो नाराज थी लेकिन फिर भी मुझे डांट रही थी कि मैं खुद को बेकार ना कहू,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में वो कितनी अच्छी है ना डेस्टिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम मेरी जिया से मिलना चाहोगे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ मेरी जिया , वो मेरी दोस्त भी है , मेरी वेलविशर भी है , मेरी हंसी ख़ुशी ,
मेरी आखरी उम्मीद सब जिया ही है तो क्यों ना मैं उसे अपना ही कहू,,,,,,,,,,तुम्हे एक बार उस से जरूर मिलना चाहिए डेस्टिनी यकीनन तुम्हे भी उस से प्यार हो गया जब वो अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाकर कहेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह तुम कितने प्यारे हो डेस्टिनी क्या मैं तुम्हे गोद में उठा लू।”
ईशान ने आखिर में जिया की नक़ल करते हुए कहा तो डेस्टिनी ईशान के सामने उछलने लगा जैसे उसकी बात का समर्थन कर रहा हो
ईशान ने डेस्टिनी का सर सहलाया और कहा,”अह्ह्ह्ह ये सब बातें मैं जिया को बताना चाहता था लेकिन वो तो कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है , इसलिए मैंने ये तुम से कहा,,,,,,,,,,,,,हाँ अब थोड़ा हल्का महसूस हो रहा है। वैसे जिया के बाद इस शहर में तुम भी हो जिसे मैं थोड़ा पसंद करता हूँ। अब मुझे चलना चाहिए , तुम अपना ख्याल रखना , हम जल्द ही मिलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,और इस बार मैं तुम्हारे लिए चीज बन सेंडविच लेकर जरूर आऊंगा !!”
ईशान उठा और वहा से चला गया। डेस्टिनी अपनी आँखे मिचकाते हुए ईशान को देखता रहा उसकी आँखों में खुशी भरी चमक थी , वह खुश था कि ईशान वापस लौट आया है।
ईशान होटल में रुका था लेकिन उसे अपने पुराने घर की याद आयी तो वह होटल ना जाकर उस ओर चल पड़ा। ईशान घर के सामने आकर रुका उसने देखा दरवाजे पर ताला लगा है वह मुस्कुराया ये ताला उसी ने लगाया था और उस पर जिया के साथ अपना नाम लिखा था। .
“लगता है उस पागल लड़की जिया ने इसे देखा ही नहीं होगा , देखती तो उसे समझ आता कि मैं उसे कितना पसंद करता हूँ।”,ईशान बड़बड़ाया
वह कुछ देर घर के बाहर खड़ा उसे देखता रहा और फिर एकदम से कहा,”ओह्ह्ह मैं ये कैसे भूल गया कि मुझे जिया को मनाना भी है , क्या मुझे अभी उसके घर जाना चाहिए ? अह्ह्ह्ह वैसे मुझे भूख भी लगी है तो क्या जिया मुझे थोड़ा सा खाना खिला देगी ? क्यों न चलकर देखा जाये,,,,,,,,,,,,,,,,मैं आ रहा हूँ मेरी पागल जिया।”
ईशान अपने घर से लिली आंटी के घर की तरफ चल पड़ा जहा जिया रहती थी। घर के बाहर आकर ईशान ने देखा सब सो चुके है।
वह जिया के कमरे की खिड़की के नीचे चला आया और धीमी आवाज में चिल्लाना शुरू किया,”जिया जिया , जिया तुम सुन रही हो ना ? जिया देखो मैं जानता हूँ तुम यही हो , चुपचाप बाहर आओ , जिया , जिया , देखो तुम्हे हमारी दोस्ती की कसम प्लीज आ जाओ , जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
अचानक से कमरे की खिड़की खुली और जिया ने अपनी गर्दन बाहर निकालकर कहा,”क्या है ? इस वक्त तुम यहाँ शोर क्यों मचा रहे हो ? क्या चाहिए तुम्हे ?”
“तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब तुम नीचे आओ मैं सब बताता हूँ।”,ईशान ने एकदम से अपनी बात बदलते हुए कहा
“मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी , तुम जाओ यहाँ से।”,जिया ने झल्लाते हुए कहा
“लगता है तुम ऐसे नहीं मानोगी,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हम्म्म वो देखने में सीधी साधी कैसी लगती , है बोलती कि वो तो कुछ नहीं समझती , अंदर से कितनी तेज है,.,,,,,,,,!”,कहते हुए ईशान जोर जोर से गाना गाने लगा और जिया ने अपना सर पीट लिया।
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