Sanjana Kirodiwal

A Broken Heart – 23

A Broken Heart – 23

A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 23

ईशान ने जो रिंग उतार कर फेंकी वो सीधा जाकर सामने से आती जिया को लगी। इत्तेफाक से जिस रास्ते पर ईशान चल रहा था जिया भी उसी जगह कोई आर्डर देने आयी थी। जिया ने अपना सर सहलाते हुए कहा,”आह्ह ये कौन कमबख्त है जो इतनी रात में पत्थर फेंक रहा है। क्या उसे इतनी बड़ी लड़की दिखाई नहीं दे रही ? जरूर ये कोई अंधा ही होगा,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह हेलो दिखाई नहीं देता कही भी पत्थर फेंक रहे हो अगर मेरा सर फट जाता तो”
जिया ने चिल्लाकर कहा लेकिन सड़क पर गुजरती गाड़ियों की रोशनी में वह ईशान का चेहरा नहीं देख पायी। जिया को झुंझलाहट हुयी वह लड़के की तरफ बढ़ी तभी उसने देखा लड़का लड़खड़ाते हुए सड़क के बीचों बीच चल रहा है और उसके अगल बगल से तेजी से गाड़िया गुजर रही है। जिया घबरा गयी वह जैसे तैसे लड़के के पास पहुंची और उसका हाथ पकड़कर उसे साइड करते हुए कहा,”ए तुम पागल हो क्या ऐसे रोड के बीच में क्यों चल रहे हो ?”


ईशान को होश आया उसने देखा उसके सामने कोई लड़की खड़ी है लेकिन नशे के कारण ईशान उसे ठीक से देख नहीं पा रहा था। जिया ने देखा वह लड़का ईशान है और उसने शराब पी रखी है तो उसे बहुत हैरानी हुई उसने ईशान को साइड में लाकर कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तुम ठीक हो,,,,,,,,,,,,,,नहीं तुम ठीक नहीं हो। क्या तुमने शराब पी है,,,,,,,,,,,,,,लेकिन तुम यहाँ क्या कर रहे हो वो भी ऐसे अकेले और इस हालत में ?”
ईशान ने जिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया बल्कि नशे में मदहोश होने के कारण उसका चेहरा जिया के कंधे पर आ पड़ा और वह बड़बड़ाया,”सब खत्म हो गया,,,,,,,,,,,,,माया चली गयी,,,,,,,,,,,,मेरा दिल टूट गया”


जिया ने सूना तो उसे याद आया कि माया सुबह ही उस से सगाई की बात कर रही थी और शायद ईशान को इस बारे में पता चल चुका है। उसने ईशान को सम्हाला और कहा,”तुम अभी अच्छी हालत में नहीं हो तुम्हे घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,जो होता है अच्छे के लिए होता है”
“हम्म्म,,,,,,,,!!”,ईशान ने जिया से दूर हटते हुए कहा और लड़खड़ाते कदमो से आगे बढ़ गया।
जिया वही खड़ी रही और कुछ देर बाद बड़बड़ाई,”वो नशे में है ऐसी हालत में वो घर कैसे जाएगा ? एक अच्छी लड़की होने के नाते मुझे उसे उसके घर तक छोड़ना चाहिए,,,,,,,हे रुको ! मेरी बात सुनो,,,,,,,,,!!”


कहते हुए जिया ईशान की तरफ चली आयी। ईशान धीमी चाल में चले जा रहा था। जिया उसके पास आयी और कहा,”हे तुम चाहो तो मैं तुम्हे घर तक छोड़ सकती हूँ”
जिया की बात सुनकर ईशान उसकी तरफ देखने लगा तो जिया ने मासूमियत से कहा,”तुम मुझ पर भरोसा कर सकते हो”
ईशान कुछ देर जिया को देखते रहा और फिर ख़ामोशी से आगे बढ़ गया। जिया एक बार फिर उसके पास आयी और कहा,”देखो रात बहुत हो चुकी है और तुम होश में भी नहीं हो,,,,,,,,,,अगर तुम रास्ता भटक गए या तुम्हे कुछ नुकसान हो गया तो मेरी बात मानो और मेरे साथ चलो”


जिया की बात सुनकर ईशान जिया की तरफ देखने लगा। उसे जिया में माया नजर आने लगी वह जिया के करीब आया और उसकी बाँहे थाम कर एकटक उसे देखने लगा। ईशान की छुअन से ही जिया को सिहरन होने लगी। उसने डरे हुए स्वर में कहा,”मैं सच कह रही हूँ।”
ईशान को लगा उसके सामने खड़ी लड़की माया है इसलिए वह जिया के साथ चल पड़ा जिया उसे लेकर अपने स्कूटर के पास आयी।

ईशान जिया के पीछे आ बैठा और जैसे ही अपनी बाँहे जिया की कमर से लपेटी जिया का दिल एक पल के लिए जैसे थम सा गया। आँखे बड़ी हो गयी और चेहरे पर हवईया उड़ने लगी। जिया मन ही मन सोचने लगी कही ईशान की मदद करके उसने मुसीबत तो सर पर नहीं ले ली। नशे के उन्माद में ईशान ने अपना सर जिया की पीठ से लगा दिया तो जिया को होश आया और उसने स्कूटर आगे बढ़ा दिया।

जिया ईशान को लेकर उसकी बिल्डिंग के बाहर पहुंची। गार्ड अपने केबिन में नहीं था इसलिए जिया जैसे तैसे करके ईशान को लिफ्ट तक ले आयी। वह उसे लेकर लिफ्ट के अंदर आयी और ईशान के फ्लोर का बटन दबा दिया। ईशान का सर अब दर्द करने लगा था ना उसे होश था ना ही वो इस हालत में था कि खुद से अपने फ्लेट में जा सके। जिया जैसे तैसे उसे सम्हाले खड़ी थी। लिफ्ट ऊपर आकर रुकी जिया ईशान को लेकर बाहर निकली और फ्लेट के दरवाजे के सामने चली आयी।

जिया ने ईशान से चाबी के बारे में पूछा लेकिन ईशान को बेसुध देखकर वह खुद ही उसके जैकेट की जेब में चाबी ढूंढने लगी। खुशकिस्मती से जिया को चाबी मिल गयी उसने दरवाजा खोला और ईशान को लेकर अंदर चली आयी। जिया ने ईशान को बिस्तर पर लेटाया और हाफने लगी क्योकि ईशान बहुत भारी था और उसे यहाँ तक लाने में जिया को काफी मेहनत करनी पड़ी थी।


बिस्तर पर गिरकर ईशान ने अपना सर पकड़ लिया। नशे में वह कुछ बड़बड़ा रहा था जो जिया को बिल्कुल समझ नहीं आया। उसका गला सूखने लगा था इसलिए वह इधर उधर पानी देखने लगी। कमरे में कही भी पानी नहीं रखा था। .टेबल पर एक बोतल पड़ा था और वो भी बिल्कुल खाली। जिया कमरे से बाहर आकर किचन की तरफ चली आयी। उसने प्लेटफॉर्म पर रखे पानी की बोतल को उठाया और पीने लगी।

पानी पीकर जिया की जान में जान आयी। बोतल को मुंह से लगाए वह किचन का जायजा लेने लगी कि तभी उसकी नजर किचन में रखे शीशे के जार पर चली गयी जिसमे बिस्किट रखे थे। उन्हें देखते ही जिया की भूख जग गयी। उसने बोतल रखा और जार की तरफ बढ़ी लेकिन वह जार काफी ऊपर था जहा तक जिया का हाथ नहीं जा रहा था। उसने उछलकर एक दो बार कोशिश भी की लेकिन वह जार तक नहीं पहुँच पाई और फिर थककर कहा,”हाहहहहह लगता है ये बिस्किट बकवास है वरना मैं इन्हे कब का खा चुकी होती”


कहकर जिया जैसे ही पलटी उसे कुछ याद आया और वह फिर बड़बड़ाई,”लोमड़ी जब अंगूर तक नहीं पहुँच पाती तो उन्हें खट्टे ही बताती है हाहहहह लेकिन मैं लोमड़ी नहीं हूँ , मैं इस बात को गलत साबित कर दूंगी,,,,,,,,,,,,यम्मी बिस्किट मैं आ रही हूँ मेरे पेट से अच्छी जगह तुम्हारे लिए कोई हो ही नहीं सकती”
जिया वापस जार की तरफ आयी इस बार वह बिना वक्त गवाये किचन प्लेटफॉर्म पर चढ़ी और जार को उतार कर उसी प्लेटफॉर्म पर बैठ गयी। उसने ढक्कन खोला बिस्किट्स की खुशबु से उसकी लार टपकने लगी  
 जिया ने एक बिस्किट निकाला और खाने लगी। उसने अपने पैर नीचे लटका लिए और एक एक करके बिस्किट खाने लगी।

खाते वक्त वह ईशान के बारे में भूल चुकी थी उसे बस वो बिस्किट याद थे। जिया का मुंह बिस्किट से भरा हुआ था फिर भी उसने एक और उठाया और उसे खाते हुए बड़बड़ाने लगी,”अच्छा हुआ उस लड़की ने किसी और से सगाई कर ली,,,,,,,,,,,,लेकिन इन सब में बेचारे इस लड़के का दिल टूट गया। वैसे अच्छा ही हुआ वो लड़की इसके लायक बिल्कुल नहीं है ,,,,,,,,वो बहुत ही बुरी है और बद्तमीज भी , इस हेंडसम लड़के को उसके साथ तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। अगर वो इसके लायक नहीं है तो क्या मैं इसके लायक हूँ ?,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्हह मुझे शर्म आ रही है,,,,,,,,,,,,,,पर ये तो मुझे पसंद ही नहीं करता मुझे दिन में,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब ऐसे रात में खुली आँखों से सपने नहीं देखने चाहिए,,,,,,,,,!!”

खुद से बातें करते हुए ईशान के बारे में भूल ही गयी। वह सारे बिस्किट खत्म कर चुकी थी सहसा ही उसे ईशान का ख्याल आया उसने जल्दी से जार को प्लेटफॉर्म पर रखा और नीचे उतरकर ईशान के पास चली आयी। ईशान बिस्तर से पीठ लगाकर जमीन पर बैठा था। उसकी आँखों में आँसू थे और चेहरा उदासी से भरा हुआ था। जिया ईशान के पास चली आयी और घुटनो के बल बैठकर कहा,”क्या तुम ठीक हो ?”


“उसे ऐसे नहीं जाना चाहिए , वो मुझसे कहती मैं उसके लिए सब करता,,,,,,,,,,,,,मैं बदल लेता खुद को , वो जैसा चाहती वैसा बन जाता लेकिन उसने कभी कुछ कहा ही नहीं। मेरी आँखों के सामने वो किसी और से सगाई कैसे कर सकती है ? वो पल कितना तकलीफदेह था , उसका अहसास कितना बुरा था ये सिर्फ मैं जानता हूँ। माया इनोसेंट है उस लड़के ने उसे फंसा लिया वरना वो कभी मुझसे ब्रेकअप नहीं करती,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहकर ईशान सुबकने लगा।

जिया ने सूना तो उसका मुंह बन गया और वह मन ही मन खुद से कहने लगी,”आह्ह्ह्ह ये हेंडसम लड़के इतने बेवकूफ क्यों होते है ? और ये लड़का तो सच में महान है उस माया ने इसे धोखा दिया , इसका दिल तोड़ा और ये अब भी उसे इनोसेंट समझता है,,,,,काश उस शाम ऐड कम्पनी में ये मेरे साथ होता तो अपनी माया का असली चेहरा देख पाता,,,,,,,,,,,!!”
ईशान को रोते देखकर जिया को अच्छा नहीं लग रहा था उसने घडी देखी काफी वक्त हो चुका था।

सोफी उसका इंतजार कर रही होगी सोचकर जिया ने ईशान के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”तुम ये सब सोचकर अपना दिल छोटा मत करो , तुम्हे माया से भी अच्छी लड़की मिलेगी,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसे इंसान के लिए अपने आँसू नहीं बहाने चाहिए जिन्हे तुम्हारी परवाह ना हो। इस वक्त मैं तुम्हारा दर्द नहीं समझ सकती लेकिन तुम्हे मजबूत रहना चाहिए। बहुत रात हो गयी है अब मैं चलती हूँ,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”कहकर जिया जैसे ही उठकर जाने लगी ईशान ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और दर्दभरे स्वर में कहा,”मत जाओ प्लीज”


ईशान को दर्द में देखकर जिया की आँखे भी नम हो गयी वह पलटी और ईशान के पास चली आयी। ना चाहते हुए भी जिया उसके बगल में बिस्तर से पीठ लगा कर बैठ गयी। जिया का हाथ अभी भी ईशान के हाथ में था और जिया समझ नहीं पा रही थी वह ईशान को कैसे हिम्मत दे ? जिया के ईशान को थामे ईशान धीमी आवाज में कहने लगा,”माया बहुत अच्छी लड़की थी , कई सालों से हम साथ थे उसे कभी मुझसे कोई शिकायत नहीं हुई,,,,,,,,,,,,,,,वो मुझे समझती थी , मुझसे प्यार करती थी,,,,,,,,,,,मैं भी उस से बहुत प्यार करता हूँ , बहुत लेकिन मैं माया को कैसे समझाऊ कि वो जो कर रही है वो सही नहीं है। उसने बहुत ही मामूली सी बात पर मुझसे ब्रेक अप कर लिया,,,,,,,,,,,क्या सच में मैं उसके लायक नहीं या माया समझना ही नहीं चाहती,,,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए ईशान की आँखों से फिर आँसू आ गए और उसने अपना सर जिया के कंधे पर टिका दिया। जिया ईशान के हाथ में थमे अपने हाथ को देखते रही। ईशान का दिल टूटने का दर्द अब जिया को भी महसूस हो रहा था। हमेशा उसके सामने खामोश रहने वाला , सख्त रहने वाला ईशान आज बच्चो की तरह उसके सामने आँसू बहा रहा था और ये देखकर जिया भी उदास हो गयी। उसने अपना दूसरा हाथ अपने और ईशान के हाथ पर रख दिया।
ईशान जिया के कंधे पर अपना सर टिकाये सुबकता रहा और फिर उसे नींद आ गयी। जिया खामोश वही बैठे रही ना वह उठकर जा सकती थी ना ही ईशान को अकेला छोड़ सकती थी।

“ओफ्फो ये लड़की अपना फोन क्यों नहीं उठा रही है ? मिस्टर दयाल क्या जिया ने आपसे कुछ कहा था कि वो कब तक वापस आएगी ?”,सोफी ने परेशानी भरे स्वर में मिस्टर दयाल से पूछा
“नहीं सोफी उसने मुझसे कुछ नहीं कहा , हो सकता है वो आर्डर देने के बाद सीधे घर चली गयी हो”,मिस्टर दयाल ने कहा
“नहीं मिस्टर दयाल ऐसा नहीं करेगी,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो लगता है वो फिर किसी मुसीबत में फंस गयी है”,सोफी ने जिया की परवाह करते हुए कहा


“जिया जहा आर्डर देने गयी थी क्या तुमने वहा बात की ? उनसे पूछो की उन्हें उनका आर्डर मिला या नहीं ?”,मिस्टर दयाल ने कुछ सोचते हुए कहा
“ओह्ह मिस्टर दयाल यहाँ इतनी रात हो गयी जिया वापस नहीं आयी है और आपको आपके ऑर्डर्स की परवाह है।”,सोफी ने नाराज होकर कहा
“ओह्हो सोफी जिया के साथ रहते रहते तुम भी उसकी तरह सोचने लगी हो , कस्टमर को आर्डर के बहाने जिया के बारे में भी तो पूछ सकती हो।”,मिस्टर दयाल ने सोफी को समझाते हुए कहा


“ओह्ह्ह माफ़ करना मिस्टर दयाल वो मैं थोड़ा परेशान थी,,,,,,,,,,,,,,,मैं पहले ही उस जगह फोन करके पूछ चुकी हूँ जिया वहा से कब का निकल चुकी है।”,सोफी ने परेशानी भरे स्वर में कहा 
“तुम चिंता मत करो वो आजायेगी हो सकता है वो कही रुक गयी हो या फिर वो घर चली गयी हो। काफी रात हो चुकी है तुम्हे भी अब घर जाना चाहिए अगर जिया नहीं मिलती है तो फिर कल सुबह हम पुलिस कंप्लेंट कर देंगे।”,मिस्टर दयाल ने सोफी को समझाते हुए कहा
“हम्म्म आप ठीक कह रहे है , मैं चलती हूँ मिस्टर दयाल”,सोफी ने कहा और फिर वहा से चली गयी।
मिस्टर दयाल भी रेस्त्रो बंद कर ऊपर अपने घर में चले गए।

सोफी घर पहुंची उसने देखा जिया घर नहीं आयी है। अंकल आंटी सो चुके थे इसलिए सोफी ऊपर कमरे में चली आयी। उसने एक बार फिर जिया को फोन लगाया लेकिन जिया का फोन नेटवर्क से बाहर था। मौसम बदलने लगा था और फिर बारिश होने लगी। सोफी ने कमरे की खिड़की बंद की और बिस्तर पर आकर बैठ गयी। उसने आँखे बंद की और हाथ जोड़कर जिया के ठीक होने की प्रार्थना करने लगी।

ईशान बेपरवाह सा जिया का हाथ थामे उसके कंधे पर सर रखकर सो रहा था और जिया उसके बगल में बैठी जाग रही थी। ईशान को देखकर जिया खुद से कहने लगी,”हाह वो लड़की कितनी बुरी है उसने इस बेचारे का दिल तोड़ दिया और उस अमीर आदमी से सगाई कर ली। कुछ लोग हमारी जिंदगी में इसलिए आते है तो ताकि वो हमारी आँखे खोल सके,,,,,,,,,,,,,,,,वो लड़की तुमसे प्यार नहीं करती वो बस तुम्हारा इस्तेमाल कर रही थी और तुम इसे प्यार समझते रहे,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह तुम कितने मासूम हो तुम्हे किसी पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए था। तुम अच्छे इंसान हो शायद इसलिए तुम माया के मायाजाल में फंस गए,,,,,,,,,मैं तुम्हारे लिए दुआ करुँगी की तुम् उसे भूल जाओ और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो। हाँ ये अच्छा रहेगा,,,,,,क्या पता तुम्हे उस से भी अच्छी लड़की मिल जाये,,,,,,,तुम चाहो तो अपने आस पास भी देख सकते हो।”


ईशान गहरी नींद में था उसे जिया की कोई भी बात सुनाई नहीं दे रही थी। जिया कुछ ना कुछ बोलते जा रही थी और फिर उसे भी नींद आ गयी और उसका सर ईशान के सर से जा लगा।

सुबह डोरबेल की आवाज से जिया की नींद खुली उसने उबासी लेते हुए कहा,”आह्ह्ह्ह सुबह सुबह ये कौन है जो बेल बजाकर नींद खराब,,,,,,,,,,,,,,,,हाहहह मैं यहाँ क्या कर रही हूँ ? वो भी इसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया ईशान को अपने साथ देखकर एकदम से चौंकी और उस से दूर होते हुए कहा जिस से ईशान का सर झटक कर बिस्तर से जा टकराया। वह अपना सर सहलाने लगा वह जिया को देख पाता इस से पहले ही जिया उठकर दरवाजे की तरफ भागी। जिया ने जल्दी से दरवाजा खोला तो उसके चेहरे के भाव बदल गए। सामने एक अधेड़ उम्र के दम्पति खड़े थे और काफी परेशान थे। जिया कुछ कहती इस से पहले ही आदमी ने कहा,”तुम कौन हो ? और ईशान कहा है ?”


“आप कौन है ?”,जिया ने एकदम से सवाल किया
“मैं ईशान का फादर हूँ”,आदमी ने कठोरता से कहा जिया ने जैसे ही सूना उसके चेहरे का रंग उड़ गया और वह कुछ बोल नहीं पायी।

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