Sanjana Kirodiwal

A Broken Heart – 14

A Broken Heart – 14

A Broken Heart
A Broken Heart

माया के पापा का बदला हुआ रूप ईशान हैरान था वह यहाँ उनसे अपने और माया के रिश्ते को लेकर बात करने आया था लेकिन माया के पापा ने उसे सबके सामने बेइज्जत करने से लेकर उसे उसकी औकात तक दिखा दी। ईशान कुर्सी से उठ खड़ा हुआ तो माया के पापा उसके सामने आये और गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा,”तुम्हे क्या लगा , तुम माया को अपने प्यार के जाल में फंसा लोगे और वो सब छोड़कर तुम्हारे पास आ जाएगी। बाप हूँ मैं उसका,,,,,,,,,,,,,उसका अच्छा बुरा मैं बेहतर जानता हूँ। माया मेरी इकलौती बेटी है। बचपन से लेकर अब तक उसकी हर ख्वाहिश पूरी की है मैंने अरे तुम्हारे पास है क्या ? हाँ,,,,,,,,,,,,,,,माँ बाप के पैसो पर पले बढे हो और कौन जाने वो लोग कैसे है ? वो भी तुम्हारी तरह ही होंगे ये तुम्हारी परवरिश बता रही है”
ईशान अपने लिए हर बात सुन सकता था लेकिन जैसे ही माया के पापा ने उसके माँ-पापा के बारे में कहा तो उसे गुस्सा आ गया और वह चिल्लाया,”खबरदार जो मेरे पेरेंट्स के लिए कोई गलत बात कही,,,,,,,,,,,,,,आप जानते क्या है उनके बारे में ?”
“मुझे ऐसे लोगो के बारे में जानने की जरूरत भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,निकल जाओ मेरे घर से और आईन्दा से यहाँ दिखाई मत देना और माया से तो तुम दूर ही रहो समझे”,माया के पापा ने ईशान को धक्का देकर कहा जिस से ईशान का गुस्सा और बढ़ गया उसने माया के पापा की कोलर पकड़ी और उनकी आँखों में देखते हुए कहा,”माया सिर्फ मेरी है और मैं उस से बहुत प्यार करता हूँ , अगर हमारे बीच कोई आया तो मैं उसे छोडूंगा नहीं “


“ईशान,,,,,,,,,,,,,,छोडो इन्हे ये क्या कर रहे हो ? मैं कहता हूँ छोडो इन्हे,,,,,,,,,,,,!!”,देवांश ने आकर ईशान को माया के पापा से दूर करते हुए कहा
“आप मेरे और माया के बीच नहीं आ सकते,,,,,,,,,,,,,,समझे आप”,ईशान ने देवांश की गिरफत से खुद को छुड़ाते हुए कहा
“मेरे घर में आकर मुझ पर चिल्लाने वाला तू होता कौन है ? तू तो क्या तेरा बाप भी,,,,,,,,,,,,,,!!”,माया के पापा ने इतना ही कहा कि ईशान ने देवांश को धक्का देकर साइड किया और एक घुसा माया के पापा को दे मारा। माया के पापा नीचे जा गिरे। शोर सुनकर बाकी सब भी बाहर चले आये। देवांश ने ईशान को रोका , अपने गुस्से में वह आपे से बाहर हो चुका था और देवांश से खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहा था।


माया ने अपने पापा को उठाया और उन्हें सम्हाला। वह हैरानी से ईशान को देख रही थी उसे कुछ समझ नहीं आया कि ये एकदम से क्या हुआ ? माया के पापा को ईशान पहले ही पसंद नहीं था और इस हरकत के बाद से तो वे ईशान पर और गुस्सा हो गए उन्होंने गुस्से से कहा,”देवांश बाहर निकालो इसे मैं इसकी शक्ल भी देखना नहीं चाहता”
“ईशान , ईशान तुम यहाँ से जाओ प्लीज”,देवांश ने ईशान से रिक्वेस्ट करते हुए कहा। ईशान को होश आया कि गुस्से में उसने माया के पापा पर हाथ उठाकर बहुत बड़ी गलती कर दी है। उसने माया की तरफ देखा तो माया उसके पास आयी और धीमी आवाज में कहा,”ईशान , ईशान तुमने पापा से कुछ कहा क्या ? तुम दोनों के बीच कुछ हुआ है क्या ? इस वक्त पापा बहुत गुस्से में है , अभी के लिए प्लीज तुम यहाँ से जाओ मैं बाद में आकर तुम से मिलती हूँ”


“तुम आओगी ना ?”,ईशान ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“हाँ पर अभी तुम यहाँ से जाओ प्लीज”,माया ने कहा
“माया,,,,,,,,,,,,,,,अंदर चलो”,माया के पापा ने गुस्से से तेज आवाज में कहा तो माया ने ईशान से कहा,”प्लीज जाओ यहाँ से , प्लीज”
ईशान ने माया के पापा को देखा और वहा से चला गया  
माया के कहने पर ईशान वहा से चला गया। देवांश और माया के दोस्त कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर माया के पापा और ईशान के बीच क्या बात हुई ? सभी अंदर चले आये। माया ने अपने पापा को सम्हाला।

कुछ देर बाद माया के दोस्त चले गए और थोड़ी देर बाद माया देवांश को छोड़ने बाहर तक चली आयी। माया का उतरा हुआ चेहरा देखकर देवांश ने कहा,”आई थिंक तुम्हे ईशान से एक बार बात करनी चाहिए , वो तुम्हारा अच्छा दोस्त है आई हॉप वो तुम्हे समझेगा”
“उसने पापा पर हाथ उठाकर अच्छा नहीं किया देवांश , वो ऐसा कैसे कर सकता है ? मैंने सोचा बाकी दोस्तों की तरह ईशान भी पापा से मिल लेगा लेकिन उसने सब,,,,,,,,,,,,,,,,,अंदर जाकर पापा को कैसे फेस करुँगी समझ नहीं आ रहा है ?”,माया ने परेशान होकर कहा  


देवांश ने आगे बढ़कर माया को गले लगाते हुए कहा,”रिलेक्स माया ! ईशान ने जो किया वो गलत था लेकिन वो हीट ऑफ़ द मोमेंट हो गया। तुम इस बारे में ज्यादा मत सोचो,,,,,,,,,,,आई ऍम ऑलवेज देयर फॉर यू”
“थैंक्स , आई ऍम सो सॉरी ईशान की वजह से तुम सबका मूड ख़राब हो गया”,माया ने देवांश से दूर हटते हुए कहा
“इट्स ओके माया,,,,,,,,,,,,,लंच वाज अमेजिंग,,,,,,,,,,मैं चलता हूँ कल ऑफिस में मिलते है”,देवांश ने माया की बाँह छूकर कहा
“हम्म्म ! बाय”,माया ने कहा और फिर देवांश के जाने के बाद अंदर चली आयी। माया हॉल में ना रूककर सीधा अपने कमरे में चली आयी। उसकी आँखों के सामने बार बार ईशान का गुस्से वाला चेहरा आ रहा था। आज से पहले उसने ईशान को इतने गुस्से में नहीं देखा था।

माया के घर से निकलकर ईशान पैदल ही चल पड़ा। वह बहुत गुस्से में था। माया के पापा ने जो कुछ भी कहा सब उसके जहन में चल रहा था। चलते चलते उसने शर्ट के ऊपरी दो बटन खोल लिए। गलियों से निकलकर वह सड़क पर चला आया और फुटपाथ पर चलने लगा। चलते चलते ईशान थक गया तो सड़क किनारे फुटपाथ पर रखी पत्थर की बेंच पर आ बैठा। उसने अपने हाथो को घुटनो पर रखा और अपनी उंगलियों को आपस में फंसाकर सर झुका लिया। ईशान आज पहली बार इतना गुस्सा हुआ था। वह जैसा भी था लेकिन अपने मॉम-डेड के बारे गलत सुनना उसे हरगिज मंजूर नहीं था। माया के पापा ने उसके साथ साथ उसके मॉम-डेड को भी गलत शब्द कहे थे और यही बात ईशान से बर्दास्त नहीं हो रही थी लेकिन साथ ही उसे माया के पापा पर हाथ उठाने का अफ़सोस भी रहा था।


ईशान ने अपना फोन निकाला और माया का नंबर डॉयल किया लेकिन 1 रिंग जाने के बाद ही माया ने फोन काट दिया। ईशान ने दोबारा ट्राय किया तो माया ने फिर फोन काट दिया। ईशान ने एक बार फिर ट्राय किया और इस बार माया का फोन स्विच ऑफ था। ईशान ने फोन वापस जेब में रख लिया और वही बैठा रहा। दोपहर से शाम हो गई ईशान अब भी वही बैठा था। कुछ देर बाद ईशान उठा और वहा से चला गया। चलते चलते ईशान रेस्त्रो से कुछ पहले बनी सेंडविच शॉप के सामने से गुजरा। दुकान देखकर ईशान उस तरफ चला आया। ईशान को यहाँ का “चीज बन सेंडविच” बहुत पसंद था। उसने काउंटर पर आकर कहा,”दो चीज बन सेंडविच”    
“5 मिनिट इंतजार कीजिये सर”,दुकानवाले ने कहा वह दूसरे आर्डर तैयार करने में बिजी था। ईशान वही खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगा।

शाम में काम से फ्री होकर जिया काउंटर पर सोफी के पास चली आयी। आज मिस्टर दयाल की पनिशमेंट की वजह से वह बहुत थक चुकी थी। सोफी ने जिया से कुछ खाने को पूछा तो उसने मना कर दिया। वह काफी उदास थी और घर जाना चाहती थी। सोफी ने उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर कहा,”मिस्टर दयाल ने आज जो किया वो अच्छा नहीं था , उन्हें तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था”
“उन्होंने सही किया सोफी,,,,,,,,,,,,,,,मैंने गलती की थी , मेरी वजह से एक बड़ा आर्डर उनके हाथ से निकल गया। मेरी वजह से उनको नुकसान हुआ , मैं बहुत शर्मिंदा हूँ”,जिया ने मुंह लटकाकर कहा आज ना उसकी बातो में चहचाहट थी ना ही चेहरे पर ख़ुशी


“तुम काफी थक चुकी हो तुम्हे अब घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हारे खाने के लिए कुछ पैक कर दू ?”,सोफी ने प्यार से कहा
“नहीं शुक्रिया,,,,,,,,,,,मैं चलती हूँ और तुम वक्त से घर आ जाना , अपना ख्याल रखना”,कहते हुए जिया ने अपना बैग उठाया और वहा से चली गयी
मिस्टर दयाल को अपनी गलती का अहसास हुआ। गुस्से में आकर उन्होंने जिया को कुछ ज्यादा ही पनिशमेंट दे दी वे उठकर बाहर आये और सोफी से कहा,”सोफी जरा जिया को बुलाना”


“वो तो अभी अभी घर के लिए निकल गयी , आपको उस से कुछ काम था,,,,,,,,,,,मिस्टर दयाल प्लीज उसे अब और पनिशमेंट मत दीजियेगा वो आज काफी थक चुकी है। मैं वादा करती हूँ वो आगे से ऐसी कोई गलती नहीं करेगी”,सोफी ने उदास होकर कहा  
“दरअसल मैं उस से माफ़ी मांगने ही आया था , मैंने उस पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा कर दिया मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।”,मिस्टर दयाल ने उदास होकर कहा तो सोफी को हैरानी हुई लेकिन साथ ही ख़ुशी भी
“सोफी क्या तुम घर जाते वक्त उसके लिए रेस्त्रो से कुछ डोनट्स और केक ले जाओगी ? उसे कहना मैं अपने बर्ताव के लिए बहुत शर्मिंदा हूँ”,मिस्टर दयाल ने कहा तो सोफी मुस्कुरा उठी और हाँ में अपनी गर्दन हिला दी।
मिस्टर दयाल वहा से वापस अपने केबिन चले गए

अपनी साईकिल पर सवार जिया उदास सी चली जा रही थी। ना आज वह रोजाना की तरह खुश थी ना ही गुनगुना रही थी। आज जिया की किस्मत सच में खराब थी। कुछ ही दूर चली होगी कि उसकी साईकिल का टायर पंचर हो गया और उसे नीचे उतरना पड़ा। आस पास रिपेयर की कोई दुकान भी नहीं थी इसलिए वह साईकिल का हेंडल थामे पैदल ही चल पड़ी। चलते चलते उसे याद आया कि आज वह एक बार भी ईशान से नहीं मिली ना ही सोफी से उसके बारे बात की। चलते चलते जिया की नजर फुटपाथ पर बने “चीज बन सेंडविच” वाले शॉप पर पड़ी। बन सेंडविच का ख्याल आते ही जिया के पेट में चूहे कूदने लगे।

जिया ने अपनी साईकिल वहा रखे बेंच के पास खड़ी कर दी और बैठकर अपने बैग में पैसे देखने लगी लेकिन उसके पास आज एक “चीज बन सेंडविच” खरीदने के पैसे भी नहीं थे। वह उदास होकर वही बैठ गयी और सामने सड़क पर आती जाती गाड़ियों को देखने लगी। जिस बेंच पर जिया बैठी थी उसी बेंच से लगकर पीछे एक बेंच और था। ईशान अपने सेंडविच लेकर उसी बेंच पर आ बैठा इस बात से बेखबर कि उसके पीछे वाली बेंच पर जिया बैठी है।


उदास होकर जिया खुद से कहने लगी,”मिस्टर दयाल ने आज मुझे पनिशमेंट दी,,,,,,,,,,,,,मैं उन्हें बुरा नहीं कह सकती क्योकि उन्होंने मुझे नौकरी पर रखा है लेकिन कम से कम उन्हें मेरी बात पर विश्वास करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,मैंने जान बूझकर आर्डर बर्बाद नहीं किया था वो तो उस लड़की की वजह से,,,,,,,,,,लेकिन वो मेरी बात का यकीन क्यों करेंगे ? मैं हर रोज कोई न कोई गड़बड़ कर देती हूँ। वो सच कहते है मैं किसी काम की नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्हह ये हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है ? क्या मैं इतनी बदनसीब हूँ ?,,,,,,,,,,,,,,,,,हाहहहहह ये सच है मैं बदनसीब हूँ कि मैं अपना पसंदीदा ‘चीज बन सेंडविच’ खाना चाहती हूँ लेकिन मेरे पास इतने पैसे भी नहीं है,,,,,,,,,,,काश मैं एक बहुत अमीर घर से होती तो मैं रोज इसे खा पाती,,,,,,,,,,,,,,ये कितना टेस्टी होता है , इसमें यम्मी चीज के साथ ढेर सारा सॉफ्ट ब्रेड भी होता है लेकिन मैं इसे नहीं खा सकती , मैंने इस महीने के अपने सारे पैसे खर्च कर दिए है।”


जिया अपने आप से बातें किये जा रही थी। पीछे बैठे ईशान ने सूना तो खाते खाते उसका हाथ रुक गया। उसने महसूस किया कि इस सेंडविच की जरूरत उस से ज्यादा उस लड़की को थी जिस से वह बार बार टकराता है। ईशान उठा और चुपचाप दूसरा सेंडविच का केरी बैग जिया के बगल में रखकर वहा से चला गया। खुद से बातें करते हुए जिया ने जैसे ही अपने बगल में देखा तो हैरान रह गयी लेकिन अगले ही पल खुश होकर उस केरी बैग को उठाया और उसमे रखा सेंडविच निकालकर कहा,”ये तो बन सेंडविच है लेकिन ये यहाँ किसने रखा ?”
जिया ने आसमान में देखा और मुस्कुरा दी। वह उठी और उसे खाते हुए अपनी साईकिल लिए आगे बढ़ गयी। ईशान और जिया दोनों सेंडविच कहते हुए अलग अलग दिशा में बढ़ गए। चलते चलते ईशान ने पलटकर एक बार जिया को देखा और फिर आगे बढ़ गया।

A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14A Broken Heart – 14

क्रमश – A Broken Heart – 15

Read More – A Broken Heart – 13

Follow Me On – facebook | youtube

संजना किरोड़ीवाल

A Broken Heart
A Broken Heart

माया के पापा का बदला हुआ रूप ईशान हैरान था वह यहाँ उनसे अपने और माया के रिश्ते को लेकर बात करने आया था लेकिन माया के पापा ने उसे सबके सामने बेइज्जत करने से लेकर उसे उसकी औकात तक दिखा दी। ईशान कुर्सी से उठ खड़ा हुआ तो माया के पापा उसके सामने आये और गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा,”तुम्हे क्या लगा , तुम माया को अपने प्यार के जाल में फंसा लोगे और वो सब छोड़कर तुम्हारे पास आ जाएगी। बाप हूँ मैं उसका,,,,,,,,,,,,,उसका अच्छा बुरा मैं बेहतर जानता हूँ। माया मेरी इकलौती बेटी है। बचपन से लेकर अब तक उसकी हर ख्वाहिश पूरी की है मैंने अरे तुम्हारे पास है क्या ? हाँ,,,,,,,,,,,,,,,माँ बाप के पैसो पर पले बढे हो और कौन जाने वो लोग कैसे है ? वो भी तुम्हारी तरह ही होंगे ये तुम्हारी परवरिश बता रही है”
ईशान अपने लिए हर बात सुन सकता था लेकिन जैसे ही माया के पापा ने उसके माँ-पापा के बारे में कहा तो उसे गुस्सा आ गया और वह चिल्लाया,”खबरदार जो मेरे पेरेंट्स के लिए कोई गलत बात कही,,,,,,,,,,,,,,आप जानते क्या है उनके बारे में ?”
“मुझे ऐसे लोगो के बारे में जानने की जरूरत भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,निकल जाओ मेरे घर से और आईन्दा से यहाँ दिखाई मत देना और माया से तो तुम दूर ही रहो समझे”,माया के पापा ने ईशान को धक्का देकर कहा जिस से ईशान का गुस्सा और बढ़ गया उसने माया के पापा की कोलर पकड़ी और उनकी आँखों में देखते हुए कहा,”माया सिर्फ मेरी है और मैं उस से बहुत प्यार करता हूँ , अगर हमारे बीच कोई आया तो मैं उसे छोडूंगा नहीं “

माया के पापा का बदला हुआ रूप ईशान हैरान था वह यहाँ उनसे अपने और माया के रिश्ते को लेकर बात करने आया था लेकिन माया के पापा ने उसे सबके सामने बेइज्जत करने से लेकर उसे उसकी औकात तक दिखा दी। ईशान कुर्सी से उठ खड़ा हुआ तो माया के पापा उसके सामने आये और गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा,”तुम्हे क्या लगा , तुम माया को अपने प्यार के जाल में फंसा लोगे और वो सब छोड़कर तुम्हारे पास आ जाएगी। बाप हूँ मैं उसका,,,,,,,,,,,,,उसका अच्छा बुरा मैं बेहतर जानता हूँ। माया मेरी इकलौती बेटी है। बचपन से लेकर अब तक उसकी हर ख्वाहिश पूरी की है मैंने अरे तुम्हारे पास है क्या ? हाँ,,,,,,,,,,,,,,,माँ बाप के पैसो पर पले बढे हो और कौन जाने वो लोग कैसे है ? वो भी तुम्हारी तरह ही होंगे ये तुम्हारी परवरिश बता रही है”
ईशान अपने लिए हर बात सुन सकता था लेकिन जैसे ही माया के पापा ने उसके माँ-पापा के बारे में कहा तो उसे गुस्सा आ गया और वह चिल्लाया,”खबरदार जो मेरे पेरेंट्स के लिए कोई गलत बात कही,,,,,,,,,,,,,,आप जानते क्या है उनके बारे में ?”
“मुझे ऐसे लोगो के बारे में जानने की जरूरत भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,निकल जाओ मेरे घर से और आईन्दा से यहाँ दिखाई मत देना और माया से तो तुम दूर ही रहो समझे”,माया के पापा ने ईशान को धक्का देकर कहा जिस से ईशान का गुस्सा और बढ़ गया उसने माया के पापा की कोलर पकड़ी और उनकी आँखों में देखते हुए कहा,”माया सिर्फ मेरी है और मैं उस से बहुत प्यार करता हूँ , अगर हमारे बीच कोई आया तो मैं उसे छोडूंगा नहीं “

Exit mobile version